राजा दशरथ कृत- श्री शनि स्तोत्र (हिन्दी) | पद्म पुराण

Shani Stotra In Hindi

Shani Stotra In Hindi

राजा दशरथ कृत- श्री शनि स्तोत्र (हिन्दी) | पद्म पुराण

Raja Dashrath Krit – Shri Shani Stotra (In Hindi) -Padampuran

॥ श्री शनि स्तोत्र (हिन्दी) ॥

हे ! श्यामवर्णवाले, हे नील कण्ठ वाले।
कालाग्नि रूप वाले, हल्के शरीर वाले।।

स्वीकारो नमन मेरे, शनिदेव हम तुम्हारे।
सच्चे सुकर्म वाले हैं, मन से हो तुम हमारे।।
स्वीकारो नमन मेरे। स्वीकारो भजन मेरे।।

हे ! दाढ़ी-मूछों वाले, लम्बी जटायें पाले।
हे ! दीर्घ नेत्र वालेे, शुष्कोदरा निराले।।

भय आकृति तुम्हारी, सब पापियों को मारे।
स्वीकारो नमन मेरे। स्वीकारो भजन मेरे।।

हे ! पुष्ट देहधारी, स्थूल-रोम वाले।
कोटर सुनेत्र वाले, हे बज्र देह वाले।।

तुम ही सुयश दिलाते, सौभाग्य के सितारे।
स्वीकारो नमन मेरे। स्वीकारो भजन मेरे।।

हे ! घोर रौद्र रूपा, भीषण कपालि भूपा।
हे ! नमन सर्वभक्षी बलिमुख शनी अनूपा ।।

हे ! भक्तों के सहारे, शनि! सब हवाले तेरे।
हे ! पूज्य चरण तेरे। स्वीकारो नमन मेरे।।

हे ! सूर्य-सुत तपस्वी, भास्कर के भय मनस्वी।
हे ! अधो दृष्टि वाले, हे विश्वमय यशस्वी।।

विश्वास श्रद्धा अर्पित सब कुछ तू ही निभाले।
स्वीकारो नमन मेरे। हे पूज्य देव मेरे।।

अतितेज खड्गधारी, हे मन्दगति सुप्यारी।
तप-दग्ध-देहधारी, नित योगरत अपारी।।

संकट विकट हटा दे, हे महातेज वाले।
स्वीकारो नमन मेरे।स्वीकारो नमन मेरे।।

नितप्रियसुधा में रत हो, अतृप्ति में निरत हो।
हो पूज्यतम जगत में, अत्यंत करुणा नत हो।।

हे ! ज्ञान नेत्र वाले, पावन प्रकाश वाले।
स्वीकारो भजन मेरे। स्वीकारो नमन मेरे।।

जिस पर प्रसन्न दृष्टि, वैभव सुयश की वृष्टि।
वह जग का राज्य पाये, सम्राट तक कहाये।।

उत्तम स्वभाव वाले, तुमसे तिमिर उजाले।
स्वीकारो नमन मेरे। स्वीकारो भजन मेरे।।

हो वक्र दृष्टि जिसपै, तत्क्षण विनष्ट होता।
मिट जाती राज्यसत्ता, हो के भिखारी रोता।।

डूबे न भक्त-नैय्या पतवार दे बचा ले।
स्वीकारो नमन मेरे। शनि पूज्य चरण तेरे।।

हो मूलनाश उनका, दुर्बुद्धि होती जिन पर।
हो देव असुर मानव, हो सिद्ध या विद्याधर।।

देकर प्रसन्नता प्रभु अपने चरण लगा ले।
स्वीकारो नमन मेरे। स्वीकारो भजन मेरे।।

होकर प्रसन्न हे प्रभु! वरदान यही दीजै।
बजरंग भक्त गण को दुनिया में अभय कीजै।।

सारे ग्रहों के स्वामी अपना विरद बचाले।
स्वीकारो नमन मेरे। हैं पूज्य चरण तेरे।।

॥ इति श्री शनि स्तोत्र (हिन्दी) ॥

Other Keywords:- Dasaratha Shani Stotra | Shri Shani Stotram | Shani Dev Grah | Shani Stotram in Padma Purana | Sri Shani Stotra in Hindi

Sri Shani Dev Ashtottara Shatanamavali – श्री शनि अष्टोत्तरशतनामावली

Shani Dev

Shani Dev

Sri Shani Ashtottara Shatanamavali – श्री शनि अष्टोत्तरशतनामावली

  1. ॐ शनैश्चराय नमः।
  2. ॐ शान्ताय नमः।
  3. ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः।
  4. ॐ शरण्याय नमः।
  5. ॐ वरेण्याय नमः।
  6. ॐ सर्वेशाय नमः।
  7. ॐ सौम्याय नमः।
  8. ॐ सुरवन्द्याय नमः।
  9. ॐ सुरलोकविहारिणे नमः।
  10. ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः।
  11. ॐ सुन्दराय नमः।
  12. ॐ घनाय नमः।
  13. ॐ घनरूपाय नमः।
  14. ॐ घनाभरणधारिणे नमः।
  15. ॐ घनसारविलेपाय नमः।
  16. ॐ खद्योताय नमः।
  17. ॐ मन्दाय नमः।
  18. ॐ मन्दचेष्टाय नमः।
  19. ॐ महनीयगुणात्मने नमः।
  20. ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः।
  21. ॐ महेशाय नमः।
  22. ॐ छायापुत्राय नमः।
  23. ॐ शर्वाय नमः।
  24. ॐ शरतूणीरधारिणे नमः।
  25. ॐ चरस्थिरस्वभावाय नमः।
  26. ॐ चञ्चलाय नमः।
  27. ॐ नीलवर्णाय नमः।
  28. ॐ नित्याय नमः।
  29. ॐ नीलाञ्जननिभाय नमः।
  30. ॐ नीलाम्बरविभूषाय नमः।
  31. ॐ निश्चलाय नमः।
  32. ॐ वेद्याय नमः।
  33. ॐ विधिरूपाय नमः।
  34. ॐ विरोधाधारभूमये नमः।
  35. ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः।
  36. ॐ वज्रदेहाय नमः।
  37. ॐ वैराग्यदाय नमः।
  38. ॐ वीराय नमः।
  39. ॐ वीतरोगभयाय नमः।
  40. ॐ विपत्परम्परेशाय नमः।
  41. ॐ विश्ववन्द्याय नमः।
  42. ॐ गृध्नवाहाय नमः।
  43. ॐ गूढाय नमः।
  44. ॐ कूर्माङ्गाय नमः।
  45. ॐ कुरूपिणे नमः।
  46. ॐ कुत्सिताय नमः।
  47. ॐ गुणाढ्याय नमः।
  48. ॐ गोचराय नमः।
  49. ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः।
  50. ॐ विद्याऽविद्यास्वरूपिणे नमः।
  51. ॐ आयुष्यकारणाय नमः।
  52. ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः।
  53. ॐ विष्णुभक्ताय नमः।
  54. ॐ वशिने नमः।
  55. ॐ विविधागमवेदिने नमः।
  56. ॐ विधिस्तुत्याय नमः।
  57. ॐ वन्द्याय नमः।
  58. ॐ विरूपाक्षाय नमः।
  59. ॐ वरिष्ठाय नमः।
  60. ॐ गरिष्ठाय नमः।
  61. ॐ वज्राङ्कुशधराय नमः।
  62. ॐ वरदाभयहस्ताय नमः।
  63. ॐ वामनाय नमः।
  64. ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः।
  65. ॐ श्रेष्ठाय नमः।
  66. ॐ मितभाषिणे नमः।
  67. ॐ कष्टौघनाशकाय नमः।
  68. ॐ पुष्टिदाय नमः।
  69. ॐ स्तुत्याय नमः।
  70. ॐ स्तोत्रगम्याय नमः।
  71. ॐ भक्तिवश्याय नमः।
  72. ॐ भानवे नमः।
  73. ॐ भानुपुत्राय नमः।
  74. ॐ भव्याय नमः।
  75. ॐ पावनाय नमः।
  76. ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः।
  77. ॐ धनदाय नमः।
  78. ॐ धनुष्मते नमः।
  79. ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः।
  80. ॐ तामसाय नमः।
  81. ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः।
  82. ॐ विशेषफलदायिने नमः।
  83. ॐ वशीकृतजनेशाय नमः।
  84. ॐ पशूनां पतये नमः।
  85. ॐ खेचराय नमः।
  86. ॐ खगेशाय नमः।
  87. ॐ घननीलाम्बराय नमः।
  88. ॐ काठिन्यमानसाय नमः।
  89. ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः।
  90. ॐ नीलच्छत्राय नमः।
  91. ॐ नित्याय नमः।
  92. ॐ निर्गुणाय नमः।
  93. ॐ गुणात्मने नमः।
  94. ॐ निरामयाय नमः।
  95. ॐ निन्द्याय नमः।
  96. ॐ वन्दनीयाय नमः।
  97. ॐ धीराय नमः।
  98. ॐ दिव्यदेहाय नमः।
  99. ॐ दीनार्तिहरणाय नमः।
  100. ॐ दैन्यनाशकराय नमः।
  101. ॐ आर्यजनगण्याय नमः।
  102. ॐ क्रूराय नमः।
  103. ॐ क्रूरचेष्टाय नमः।
  104. ॐ कामक्रोधकराय नमः।
  105. ॐ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः।
  106. ॐ परिपोषितभक्ताय नमः।
  107. ॐ परभीतिहराय नमः।
  108. ॐ भक्तसङ्घमनोऽभीष्टफलदाय नमः।

॥ इति श्री शनि अष्टोत्तरशतनामावली ॥

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