Muhurat for Gemstones | रत्न धारण मुहूर्त (सन् 2024-2025)

Gemstone Shubh muhurat

ओम नमः शिवाय

सज्जनों

जिस प्रकार पत्थर अपने आप में पत्थर ही होता है, परंतु वह शुभ मुहूर्त में अभिमंत्रित होकर देवत्व को प्राप्त होता है। ठीक उसी प्रकार मणि माणिक्य तथा रतन आदि भी पत्थर रूप ही होते हैं परंतु उनमें हमारे वैदिक मंत्रों के द्वारा विशेष प्राण प्रतिष्ठा करके विशेष शक्ति जागृत की जाती है। जिस समय में यह हमें लाभ पहुंचा सकती है उसे मुहूर्त कहा जाता है। नीचे नवग्रहों के 9 मुख्य रतन और उनके उप रतन को धारण करने की विधि तथा मुहूर्त बताया गया है। आप भी इस समय में बताए गए रत्नों को धारण करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

रतन धारण मुहूर्तों की विशेषता

वैसे तो साधारण अवस्था में किसी भी रत्न को उसके स्वामी के वार वाले दिन धारण कर लिया जाता है। जैसे सूर्य ग्रह का वार रविवार है इसीलिए सूर्य ग्रह का रत्न कोई भी व्यक्ति रविवार को धारण कर लेता है। परंतु शास्त्रों में लिखा है कि यदि उस वार का नक्षत्र भी उस दिन आ जावे तो रत्न को सिद्ध करने की शक्ति कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए हमारे द्वारा नीचे जो मुहूर्त दिए गए हैं। यह जिस रत्न को आप धारण करना चाहते हैं। उसके स्वामी के वार वाले दिन उस ग्रह के नक्षत्र का भी समावेश है अर्थात रत्न धारण करने के लिए डबल मुहूर्त निकाला गया है। इसके लिए वहां पर मुहूर्त का विशेष समय भी दिया गया है क्योंकि उस वार में ग्रह का नक्षत्र जितने समय तक रहेगा। उतने समय तक डबल मुहूर्त प्राप्त हो सकता है। अतः आप सभी सज्जन इन मुहूर्तों का लाभ उठा सकते हैं। यदि आप नीचे बताए गए मुहूर्त में रत्न को सिद्ध करते हैं तो रत्न का मालिक ग्रह अपने रत्न में अधिक ऊर्जा का संचार करेगा।

 

 

नोट – यदि आपको किसी ग्रह का तुलादान अथवा साधारण दान करना है तो भी आप उस ग्रह से संबंधित मुहूर्त वाले दिन तुला दान अथवा साधारण दान भी कर सकते हैं क्योंकि उस दिन उस ग्रह का नक्षत्र और वार तीनों ही उपस्थित होंगे। इसलिए दान करने के लिए भी यह मुहूर्त श्रेष्ठ फलदायक सिद्ध होंगे।

 

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12 Comments

    • धन्यवाद श्रीमान जी,
      आपको बहुत-बहुत साधुवाद है।
      हर हर महादेव

  1. Aadarniya pandiji . Kripya february 2021 mein pukhraj dharan karne ka sahi mahurat/tithi batane ka kasht karein

    • ओम नमः शिवाय
      श्रीमान जी जिस महीने में जो जो श्रेष्ठ मुहूर्त है। वह सब लिस्ट में दिए गए हैं। इन से अधिक श्रेष्ठ मुहूर्त और नहीं हो सकते हैं। अतः फरवरी की अपेक्षा मार्च के महीने में आप धारण कर सकते हैं।

      https://astrodisha.com/guru-jupitor-planet-pukhraj-ratan-dharan-karne-ki-vidhi-muhurat-mantra/

  2. guru ji parnaam har jagah yeh kaha jaata hain ki hamesha shukal paksha mein pahna jaata hain lekin pukhraj ke liye jo aapne date 3 june 2021 aur aage bhi batai hain vah sab krishan paksha mein pad rahi hain kirpa karke bataiye kya karre

    • ओम नमः शिवाय
      श्रीमान
      शुक्ल पक्ष में रतन आदि धारण करना शुभ रहता है। परंतु यह एक नॉर्मल मुहूर्त होता है। हमारे द्वारा वेबसाइट पर जो मुहूर्त अपडेट किए गए हैं। वह विशेष मुहूर्त हैं। आप देखेंगे कि जिस ग्रह का आप रतन धारण कर रहे हैं। उसका जो वार आता है। उस वार पर उस ग्रह का जब नक्षत्र पड़ता है तो वह विशेष मुहूर्त हो जाता है। क्योंकि रतन भी उसी ग्रह का, वार भी उसी ग्रह का और नक्षत्र भी उसी ग्रह का। इस प्रकार से इन तीन चीजों का एक साथ होने से मुहूर्त में बल अधिक आ जाता है। जो कि नॉर्मल शुक्लपक्ष आदि में धारण करने के मुहूर्त से ज्यादा श्रेष्ठ है। इसीलिए हमारे द्वारा कृष्ण पक्ष आदि का कोई विचार नहीं किया गया। क्योंकि यहां पर ग्रह, वार, रतन व संबंधित नक्षत्र इकट्ठे हो रहे हैं तो इससे अच्छा बलशाली मुहूर्त कोई दूसरा नहीं हो सकता। अतः बिना शंका किए आप बताए गए मुहूर्त में रतन धारण कर सकते हैं।
      हर हर महादेव

  3. guru ji parnaam aapne pukhraj ratan pahne ke muhurat jo bhi batayye hain..vo sab muhurat krishan paksha mein padte hain..lekin guru ji kaha jaata hain ki ratan dharan karne ke liye shukal paksha ko chunna chaiye pls guru ji margdarshan de
    jaise aapne isme kaha hain 3 june 2021 is din krishan paksha hain ab aap bayaiye ki is din pukhraj dharan kare ya na kare

    • ओम नमः शिवाय
      श्रीमान
      शुक्ल पक्ष में रतन आदि धारण करना शुभ रहता है। परंतु यह एक नॉर्मल मुहूर्त होता है। हमारे द्वारा वेबसाइट पर जो मुहूर्त अपडेट किए गए हैं। वह विशेष मुहूर्त हैं। आप देखेंगे कि जिस ग्रह का आप रतन धारण कर रहे हैं। उसका जो वार आता है। उस वार पर उस ग्रह का जब नक्षत्र पड़ता है तो वह विशेष मुहूर्त हो जाता है। क्योंकि रतन भी उसी ग्रह का, वार भी उसी ग्रह का और नक्षत्र भी उसी ग्रह का। इस प्रकार से इन तीन चीजों का एक साथ होने से मुहूर्त में बल अधिक आ जाता है। जो कि नॉर्मल शुक्लपक्ष आदि में धारण करने के मुहूर्त से ज्यादा श्रेष्ठ है। इसीलिए हमारे द्वारा कृष्ण पक्ष आदि का कोई विचार नहीं किया गया। क्योंकि यहां पर ग्रह, वार, रतन व संबंधित नक्षत्र इकट्ठे हो रहे हैं तो इससे अच्छा बलशाली मुहूर्त कोई दूसरा नहीं हो सकता। अतः बिना शंका किए आप बताए गए मुहूर्त में रतन धारण कर सकते हैं।
      हर हर महादेव

  4. Namskaar Pandit Ji…..Pukhraj ko dhanteras ke din pahna ja skta hai

    • जी नहीं श्रीमान
      इस दिन धारण नहीं किया जा सकता क्योंकि इस दिन तो गुरुवार भी नहीं आ रहा है। केवल धनत्रयोदशी हो जाने से ही रतन धारण कर लें। ऐसा उचित नहीं है। हर चीज का एक विशेष मुहूर्त होता है। यदि विशेष मुहूर्त में करेंगे तो लाभ अधिक मिलता है।

  5. सर मैं पुखराज धारण करना चाहता हूं कौन से दिन करूं 25 नवंबर को या 2 दिसंबर को करूं


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