शुक्र के रत्न हीरा जरकन धारण विधि, मुहूर्त | Zircon Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

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आप शुद्ध तथा असली हीरा अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी हीरे जैसा ही देंगे। जैसे करगी, सिम्मा, जरकन, ओपल, कुरंगी, दूधिया आदि सोने, चांदी अथवा प्लैटिनम की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर हीरे तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ द्राम् द्रीम् द्रौम् सः शुक्राय नमः।

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ द्राम् द्रीम् द्रौम् सः शुक्राय नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की अनामिका (छोटी अंगुली के पास वाली अंगुली) अथवा कनिष्ठिका (छोटी अंगुली) में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

 

शुक्र ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
23 मार्चप्रातः 04:27 से23 मार्चसूर्योदय तक
19 अप्रैलसुबह 10:56 से20 अप्रैलसूर्योदय तक
17 मईसूर्योदय से17 मईरात्रि 09:18 तक
20 जुलाईरात्रि 02:55 से20 जुलाईसूर्योदय तक
16 अगस्तदोपहर 12:43 से17 अगस्तसूर्योदय तक
13 सितंबरसूर्योदय से13 सितंबररात्रि 09:35 तक
20 सितंबररात्रि 02:42 से21 सितंबरसूर्योदय तक
18 अक्टूबरदोपहर 01:26 से19 अक्टूबरसूर्योदय तक
15 नवंबरसूर्योदय से15 नवंबररात्रि 09:55 तक
13 दिसंबरसूर्योदय से13 दिसंबर सुबह 07:50 तक
21 दिसंबररात्रि 03:47 से21 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

17 जनवरीदोपहर 12:44 से18 जनवरीसूर्योदय तक
14 फरवरीसूर्योदय से14 फरवरीरात्रि 11:09 तक

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2 Comments

  1. श्रीमान जी
    मैंने अपने बेटे को ओपल रत्न धारण करवाना है। परंतु आप के अनुसार 22 Oct 2021 को हम ओपल रत्न धारण कर सकते हैं। परन्तु sir उस दिन तो कृष्णा पक्ष है। और कृष्णा कक्ष को कोई भी रत्ना धारण नहीं कर सकते। तो क्या उस दिन रत्न धारण करना चाहिए या नहीं।
    कृपया मार्गदर्शन करें।

    • श्रीमान जी साइट पर जो मुहूर्त दिए गए हैं। उसमें कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का कोई विचार नहीं है। वहां पर त्रिबल शुद्धि मुहूर्त दिए गए हैं। जिस रतन को आप धारण करेंगे। उस दिन उस रतन के स्वामी का वार, उसका नक्षत्र। उस दिन होने से यह त्रिबल शुद्धि मुहूर्त बन जाता है। अतः यहां शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष का कोई विचार नहीं है और इस मुहूर्त में रतन धारण करना सर्वश्रेष्ठ बनता है। यदि आप शुक्ल पक्ष में किसी गुरुवार को रतन धारण करते हैं और उस दिन गुरु का नक्षत्र ना हो तो मुहूर्त कमजोर होता है। परंतु जो मुहूर्त हमारे द्वारा दिए गए हैं। यह बहुत शोधन करने के बाद रतन रतन का स्वामी, स्वामी का वार और स्वामी का नक्षत्र सब इकट्ठा होने से यह विशेष मुहूर्त कहलाता है।


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