Tripushkar Yog | त्रिपुष्कर योग (सन् 2024-2025)

shubh muhurat teen guna labh dene wala yog ‘त्रिपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि तिगुना। ‘जी हां’  त्रिपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है तिगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 3 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग त्रिपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह तिगुना लाभ प्रदान करता है।    

त्रिपुष्कर योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
14 अप्रैल रात्रि 01:35 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक
20 अप्रैल दोपहर 02:05 से 20 अप्रैल रात्रि 10:42 तक
30 अप्रैल सुबह 07:06 से 01 मई प्रातः 04:09 तक
04 मई रात्रि 08:40 से 04 मई रात्रि 10:07 तक
18 जून दोपहर 03:57 से 19 जून सूर्योदय तक
23 जून शाम 05:04 से 24 जून रात्रि 03:26 तक
02 जुलाई सुबह 08:43 से 03 जुलाई प्रातः 04:40 तक
07 जुलाई प्रातः 04:27 से 07 जुलाई प्रातः 04:47 तक
21 अगस्त रात्रि 03:10 से 21 अगस्त सूर्योदय तक
25 अगस्त शाम 04:46 से 26 अगस्त सूर्योदय तक
23 अक्टूबर प्रातः 05:39 से 23 अक्टूबर सूर्योदय तक
29 अक्टूबर सूर्योदय से 29 अक्टूबर सुबह 10:32 तक
02 नवंबर रात्रि 08:23 से 03 नवंबर प्रातः 05:58 तक
17 दिसंबर सूर्योदय से 17 दिसंबर सुबह 10:56 तक
22 दिसंबर सुबह 06:15 से 22 दिसंबर दोपहर 02:32 तक

सन – 2025

 
01 जनवरी रात्रि 03:23 से 01 जनवरी सूर्योदय तक
05 जनवरी रात्रि 08:16 से 05 जनवरी रात्रि 08:18 तक
09 फरवरी शाम 05:54 से 09 फरवरी रात्रि 07:25 तक
25 फरवरी सूर्योदय से 21 फरवरी दोपहर 12:48 तक
01 मार्च सूर्योदय से 01 मार्च सुबह  11:22 तक

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4 Comments

  1. सर इस मुहुर्त मेज्ञकिया सुख जप ध्यान का फलफी ऊतना गुणा बघता है क्या?

    • ओम नमः शिवाय
      श्रीमान जी
      द्विपुष्कर योग और त्रिपुष्कर योग जिसमें 2 गुना और 3 गुना अधिक लाभ होने के योग बनते हैं। यह एक प्रकार के मुहूर्त हैं। इनका पूजा-पाठ, जप – तप, होम – हवन आदि से कोई अर्थ नहीं है। बताए गए द्विपुष्कर योग और त्रिपुष्कर योग में बहुमूल्य वस्तुएं जैसे – आभूषण, भूमि, गाड़ी आदि का क्रय करना शुभ फलदायक माना गया है।

      मंत्र जप में कई गुना अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए जो संपादक दोष और उत्पीड़न दोष के मुहूर्त बताए गए हैं। वह मुहूर्त पूजा – पाठ, मंत्र जाप अथवा पुण्यदाई कर्म करने के लिए शुभ हैं। क्योंकि वह मुहूर्त सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जैसा फल देने का सामर्थ्य रखते हैं।

  2. Agar koi vyakti daru chhodna chahte ho aur tripushkar yoga me daru pee le toh kya use teen baar aur pini hogi? Kya iska koi upay gai hai

    • श्रीमान जी त्रिपुष्कर योग, द्विपुष्कर योग का महत्व शुभ कार्यों से संबंधित होता है। यदि आप कोई पाप पूर्ण कार्य अथवा व्यसन छोड़ना चाहते हैं तो उसे दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी समय छोड़ सकते हैं और आगे से उस कार्य को न करने का दृढ़ संकल्प करें। आपकी विजय होगी।


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