Ravi Pushya Amrit Yog Muhutrat 2025-2026 | रवि पुष्य अमृत योग

Ravi Pushya

Ravi Pushya

जब रविवार (Sunday) के दिन पुष्य नक्षत्र होता है, तब रविपुष्यामृत योग (Ravi Pushya Amrit Yog) बनता है।

रविपुष्यामृत योग (Ravi Pushya Amrit Yog) में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए लोग रविपुष्यामृत योग (Ravi Pushya Amrit Yog) में अपने नए कार्य का श्रीगणेश (God Ganesh) करना शुभ मानते हैं। वे इस अवसर पर अपना नए व्यापार का आरंभ, नई प्रॉपर्टी अथवा नया वाहन आदि ख़रीदते हैं।

इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार (Thursday) एवं रविवार (Sunday) के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog)और रवि पुष्यामृत योग (Ravi Pushya Amrit Yog) कहते हैं। ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।

इस योग में विवाह जैसा शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। शास्त्रो में उल्लेखित है कि एक श्राप के अनुसार इस दिन किया हुआ विवाह कभी भी सुखकारक नहीं हो सकता।

रविपुष्य योग सन् 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
06 अप्रैल  सूर्योदय से07 अप्रैल सूर्योदय तक
04 मईसूर्योदय से04 मईदोपहर 12:53 तक

सन् 2026

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
01 फरवरी  सूर्योदय से01 फरवरी  रात्रि 11:58 तक
01 मार्च  सूर्योदय से01 मार्च  सुबह 08:34 तक

Guru Pushya Amrit Yog Muhutrat 2025-2026 | गुरु पुष्य अमृत योग

Guru Pushya

Guru Pushya

गुरुवार (Thursday) के दिन शुभ कार्यो एवं आध्यात्म से संबंधित कार्य करना बहोत ही शुभ एवं मंगलमय होता है। जब गुरुवार (Thursday) के दिन पुष्य नक्षत्र होता है, तब गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog) बनता है।

गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog ) में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए लोग गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog) में अपने नए कार्य का श्रीगणेश (God Ganesh) करना शुभ मानते हैं। वे इस अवसर पर अपना नए व्यापार का आरंभ, नई प्रॉपर्टी अथवा नया वाहन आदि ख़रीदते हैं।

इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी (Devi Lauxmi) जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार (Thursday) एवं रविवार (Sunday) के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog) और रवि पुष्यामृत योग (Ravi Pushya Amrit Yog) कहते हैं। ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।

इस योग में विवाह जैसा शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। शास्त्रो में उल्लेखित है कि एक श्राप के अनुसार इस दिन किया हुआ विवाह कभी भी सुखकारक नहीं हो सकता।

गुरुपुष्य योग सन् 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

21 अगस्त   

सूर्योदय से

22 अगस्त   

रात्रि 00:08 तक

18 सितंबर 

सूर्योदय से

18 सितंबर 

सुबह 06:32 तक

Dwipushkar yog shubh muhurat | द्विपुष्कर योग (सन् 2025-2026)

shubh muhurat pushkar yog

shubh muhurat pushkar yog

‘द्विपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि दोगुना। ‘जी हां’  द्विपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है दोगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 2 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग द्विपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह दोगुना लाभ प्रदान करता है।                                  

द्विपुष्कर योग सन् 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

20 मई

सूर्योदय से

20 मई

प्रातः 05:52 तक

05 जून

सूर्योदय से

05 जून

सुबह 09:39 तक

22 जुलाई  

सूर्योदय से

22 जुलाई  

सुबह 07:06 तक

10 अगस्त   

दोपहर 12:11 से

10 अगस्त   

दोपहर 01:52 तक

23 सितंबर  

दोपहर 01:41 से

24 सितंबर  

प्रातः 04:52 तक

04 अक्टूबर    

सूर्योदय से

04 अक्टूबर    

सुबह 09:09 तक

17 नवंबर  

रात्रि 02:12 से

17 नवंबर  

प्रातः 04:48 तक

06 दिसंबर

सूर्योदय से

06 दिसंबर

सुबह 08:48 तक

सन् 2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

20 जनवरी

दोपहर 01:07 से

21 जनवरी

रात्रि 02:42 तक

16 मार्च

प्रातः 05:57 से

16 मार्च

सूर्योदय तक

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Tripushkar Yog | त्रिपुष्कर योग (सन् 2025-2026)

shubh muhurat teen guna labh dene wala yog

shubh muhurat teen guna labh dene wala yog

‘त्रिपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि तिगुना। ‘जी हां’  त्रिपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है तिगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 3 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग त्रिपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह तिगुना लाभ प्रदान करता है।    

त्रिपुष्कर योग सन् 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

15 अप्रैल  

सूर्योदय से

15 अप्रैल  

सुबह 10:55 तक

20 अप्रैल 

सुबह 11:49 से

20 अप्रैल 

रात्रि 07:01 तक

29 अप्रैल 

सूर्योदय से

29 अप्रैल 

शाम 05:31 तक

03 मई   

सुबह 07:53 से

03 मई   

दोपहर 12:34 तक

18 जून  

रात्रि 01:02 से

18 जून  

सूर्योदय तक

22 जून  

शाम 05:39 से

23 जून  

रात्रि 01:22 तक

01 जुलाई  

सुबह 10:22 से

02 जुलाई  

सूर्योदय तक

06 जुलाई 

रात्रि 09:16 से

06 जुलाई 

रात्रि 10:41 तक

12 जुलाई 

सूर्योदय से

12 जुलाई 

सुबह 06:36 तक

20 अगस्त   

रात्रि 01:08 से

20 अगस्त   

सूर्योदय तक

25 अगस्त   

रात्रि 02:06 से

25 अगस्त   

सूर्योदय तक

30 अगस्त   

सूर्योदय से

30 अगस्त 

दोपहर 02:37 तक

13 सितंबर  

सुबह 07:24 से

13 सितंबर  

सुबह 10:11 तक

28 अक्टूबर    

दोपहर 03:46 से

29 अक्टूबर    

सूर्योदय तक

02 नवंबर  

सुबह 07:33 से

02 नवंबर  

शाम 05:04 तक

16 दिसंबर

दोपहर 02:10 से

16 दिसंबर

रात्रि 11:57 तक

22 दिसंबर

प्रातः 03:37 से

22 दिसंबर

सूर्योदय तक 

27 दिसंबर

सूर्योदय से

27 दिसंबर

सुबह 09:09 तक

31 दिसंबर

प्रातः 05:02 से

31 दिसंबर

सूर्योदय तक 

सन् 2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

04 जनवरी

दोपहर 12:31 से

04 जनवरी

दोपहर 03:11 तक

24 फरवरी  

सूर्योदय से

24 फरवरी  

सुबह 07:02 तक

28 फरवरी  

सूर्योदय से

28 फरवरी  

सुबह 09:35 तक

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Amrit Siddhi Muhurat | अमृत सिद्धि योग (सन् 2025-2026)

auspicious muhurat yoga

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शास्त्रों में “अमृत सिद्धि योग” को अमृत के समान फल देने वाला कहा गया है। ध्यान रहे मंगलवार वाले अमृत सिद्धि योग के समय नए घर में प्रवेश करना तथा शनिवार वाले अमृत सिद्धि योग के समय यात्रा नहीं करनी चाहिए। बाकी सभी कामों के लिए निसंकोच आप इन्हें प्रयोग में ला सकते हैं।

अमृत सिद्धि योग सन 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
16 मार्च सूर्योदय से 16 मार्चसुबह 11:45 तक 
19 मार्च रात्रि 08:51 से20 मार्चसूर्योदय तक
16 अप्रैलसूर्योदय से17 अप्रैलप्रातः 05:55 तक
14 मई   सूर्योदय से14 मईसुबह 11:47 तक
23 मई शाम 04:03 से24 मईसूर्योदय तक
20 जूनसूर्योदय से20 जूनसुबह 09:50 तक
21 जुलाई  रात्रि 09:08 से22 जुलाई सूर्योदय तक
24 जुलाई शाम 04:44 से25 जुलाई सूर्योदय तक
17 अगस्त   प्रातः 04:39 से17 अगस्त   सूर्योदय तक
18 अगस्त सूर्योदय से19 अगस्त रात्रि 02:06 तक
21 अगस्त सूर्योदय से22 अगस्त रात्रि 00:08 तक
13 सितंबर  सुबह 10:12 से14 सितंबर सूर्योदय तक
15 सितंबर सूर्योदय से15 सितंबर सुबह 07:31 तक
18 सितंबर सूर्योदय से18 सितंबर सुबह 06:32 तक
11 अक्टूबर    सूर्योदय से11 अक्टूबर दोपहर 03:20 तक
19 अक्टूबर शाम 05:50 से20 अक्टूबर सूर्योदय तक
04 नवंबरदोपहर 12:35 से05 नवंबरसूर्योदय तक
16 नवंबरसूर्योदय से17 नवंबररात्रि 02:11 तक
02 दिसंबरसूर्योदय से02 दिसंबररात्रि 08:51 तक
14 दिसंबरसूर्योदय से14 दिसंबरसुबह 08:18 तक
17 दिसंबरशाम 05:12 से18 दिसंबरसूर्योदय तक

सन 2026

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
14 जनवरीसूर्योदय से15 जनवरीप्रातः 03:03 तक
11 फरवरी  सूर्योदय से11 फरवरी  सुबह 10:52 तक
20 फरवरी  रात्रि 08:08  से21 फरवरी  सूर्योदय तक

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shubh muhurat, aaj ka choghadiya, shubh muhurat today, aaj ka shubh muhurat,

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Ravi Yog (Shubh Muhurat) | रवि योग (सन् 2025-2026)

Shubh muhurat

Shubh muhurat

रवि योग भी सर्वार्थसिद्धि योग की तरह सभी कार्यों के लिए शुभ (Shubh Muhurat) माने जाते हैं। रवि योग सभी बुरे अशुभ योगों को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति रखता है। :- “कुयोग विध्वंस कराः शुभेषु’

रवि योग सन् 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

01 अप्रैल  

सुबह 11:07 से 

02 अप्रैल  

सुबह 08:49 तक

03 अप्रैल  

सुबह 07:03 से

04 अप्रैल  

प्रातः 05:51 तक

06 अप्रैल  

प्रातः 05:33 से

08 अप्रैल  

सुबह 07:55 तक

10 अप्रैल  

दोपहर 12:25 से

11 अप्रैल  

दोपहर  03:10 तक

19 अप्रैल  

सुबह 10:22 से

20 अप्रैल  

सुबह 11:48 तक

30 अप्रैल  

शाम 04:19 से

01 मई   

दोपहर 02:20 तक

02 मई 

दोपहर 01:05 से

03 मई 

दोपहर 12:34 तक

05 मई 

दोपहर 02:02 से

07 मई 

शाम 06:17 तक

10 मई 

रात्रि 00:10 से

11 मई 

प्रातः 03:15 तक

11 मई 

दोपहर 01:18 से

12 मई 

सुबह 06:17 तक

18 मई 

शाम 06:53 से

19 मई 

रात्रि 07:29 तक

29 मई 

रात्रि 10:39 से

30 मई 

रात्रि 09:29 तक

31 मई 

रात्रि 09:08 से

01 जून  

रात्रि 09:36 तक

04 जून  

रात्रि 00:59 से

06 जून  

सुबह 06:33 तक

09 जून  

दोपहर 03:32 से

10 जून  

शाम 06:01 तक

17 जून  

रात्रि 01:14 से 

18 जून  

रात्रि 01:01 तक 

28 जून  

सुबह 06:36 से

29 जून  

सुबह 06:34 तक

30 जून 

सुबह 07:21 से

01 जुलाई  

सुबह 08:53 तक

03 जुलाई  

दोपहर 01:51 से

05 जुलाई  

रात्रि 07:51 तक

09 जुलाई  

प्रातः 03:16 से 

10 जुलाई  

प्रातः 04:50 तक 

16 जुलाई  

प्रातः 05:47 से

17 जुलाई  

प्रातः 04:50 तक

27 जुलाई  

शाम 04:24 से 

28 जुलाई  

शाम 05:35 तक

29 जुलाई  

सुबह 07:28 से

30 जुलाई  

रात्रि 09:53 तक

02 अगस्त   

प्रातः 03:41 से

03 अगस्त   

प्रातः 04:07 तक

03 अगस्त   

सुबह 06:36 से

05 अगस्त   

सुबह 11:22 तक

07 अगस्त   

दोपहर 02:02 से

08 अगस्त   

दोपहर 02:28 तक

14 अगस्त   

सुबह 09:07 से

15 अगस्त   

सुबह 07:36 तक

26 अगस्त   

प्रातः 03:50 से

27 अगस्त   

सुबह 06:04 तक

28 अगस्त   

सुबह 08:44 से

29 अगस्त   

सुबह 11:38 तक

01 सितंबर  

रात्रि 07:56 से 

03 सितंबर  

रात्रि 11:08 तक

05 सितंबर  

रात्रि 11:39 से

06 सितंबर  

रात्रि 10:55 तक 

12 सितंबर  

सुबह 11:59 से

13 सितंबर  

सुबह 10:11 तक

13 सितंबर  

दोपहर 03:41 से

14 सितंबर  

सुबह 08:41 तक

24 सितंबर  

शाम 04:17 से

25 सितंबर  

रात्रि 07:08 तक

26 सितंबर  

रात्रि 10:10 से 

27 सितंबर  

सुबह 07:06 तक

28 सितंबर  

रात्रि 01:09 से 

29 सितंबर 

सुबह 06:17 तक

01 अक्टूबर

सुबह 08:07 से

03 अक्टूबर

सुबह 09:34 तक

05 अक्टूबर

सुबह 08:02 से

06 अक्टूबर

सुबह 06:16 तक

12 अक्टूबर

दोपहर 01:37 से

13 अक्टूबर

दोपहर 12:27 तक

24 अक्टूबर

रात्रि 01:52 से 

24 अक्टूबर

सुबह 06:39 तक

25 अक्टूबर

सुबह 07:52 से

26 अक्टूबर

सुबह 10:46 तक 

27 अक्टूबर

दोपहर 01:28 से

28 अक्टूबर

दोपहर 03:45 तक

30 अक्टूबर

शाम 06:34 से

01 नवंबर  

शाम 06:20 तक

03 नवंबर  

दोपहर 03:06 से

04 नवंबर  

दोपहर 12:34 तक

10 नवंबर  

शाम 06:49 से

11 नवंबर  

शाम 06:57 तक

23 नवंबर  

रात्रि 07:29 से 

24 नवंबर  

रात्रि 09:53 तक 

25 नवंबर  

रात्रि 11:58 से

27 नवंबर  

रात्रि 01:32 तक

29 नवंबर  

रात्रि 02:50 से

01 दिसंबर

रात्रि 01:11 तक

02 दिसंबर

रात्रि 08:52 से

03 दिसंबर

रात्रि 01:13 तक

03 दिसंबर

शाम 06:01 से

04 दिसंबर

दोपहर 02:54 तक

10  दिसंबर

रात्रि 02:23 से 

11 दिसंबर

रात्रि 02:44 तक

23 दिसंबर

प्रातः 05:33 से

24 दिसंबर

सुबह 07:07 तक

25 दिसंबर

सुबह 08:19 से

26 दिसंबर

सुबह 09:00 तक

28 दिसंबर

सुबह 08:44 से

29 दिसंबर

सुबह 06:29 तक

29 दिसंबर

सुबह 07:42 से

31 दिसंबर

प्रातः 03:58 तक

सन् 2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

01 जनवरी  

रात्रि 10:49 से

02 जनवरी  

रात्रि 08:04 तक

08 जनवरी  

दोपहर 12:25 से

09 जनवरी  

दोपहर 01:40 तक

21 जनवरी  

दोपहर 01:59 से

22 जनवरी  

दोपहर 02:27 तक

23 जनवरी  

दोपहर 02:34 से

24 जनवरी  

सुबह 10:49 तक

24 जनवरी  

दोपहर 02:17 से

25 जनवरी  

दोपहर 01:35 तक

27 जनवरी  

सुबह 11:10 से

29 जनवरी  

सुबह 07:31 तक

31 जनवरी  

प्रातः 03:28 से

01 फरवरी  

रात्रि 01:34 तक 

08 फरवरी  

रात्रि 02:29 से 

09 फरवरी  

प्रातः 05:02 तक

20 फरवरी  

रात्रि 08:08 से

21 फरवरी  

रात्रि 07:07 तक

22 फरवरी  

शाम 05:55 से

23 फरवरी  

शाम 04:33 तक

25 फरवरी  

दोपहर 01:39 से

27 फरवरी  

सुबह 10:49 तक

01 मार्च  

सुबह 08:35 से

02 मार्च  

सुबह 07:51 तक

09 मार्च  

शाम 04:12 से 

10 मार्च  

रात्रि 07:05 तक 

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Sarvarth Siddhi Muhurat | सर्वार्थ सिद्धि योग (सन् 2025-2026)

shubh muhurat

Sarvarth siddhi yog muhurat

‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ – नाम से ही एहसास हो जाता है कि यह सभी काम सिद्ध करने के योग के बारे में है। आज के समय में एक अच्छा मुहूर्त निकालना बड़ा ही दुसाध्य काम है। यदि सही समय पर सही विद्वान न मिले तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। जिसका बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है। लोक व्यवहार की बोलचाल में कहा भी गया है। :-

कि अच्छे समय में यदि कोई बुरा काम भी कर लेता है, तो भी व्यक्ति को वाहवाही मिल जाती है क्योंकि समय अच्छा है। पर यदि बुरे समय अर्थार्थ बुरे मुहूर्त में किया गया शुभ काम भी नुकसान दे जाता है। आप सबकी इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह मुहूर्त नाम से कॉलम बनाया गया है।

इस कॉलम में आपको इस साल के सभी शुभ मुहूर्त मिल जाएंगे। कई बार गुरु और शुक्र अस्त चल रहा हो तो उस समय में पंडित जन मुहूर्त बंद बताते हैं क्योंकि शास्त्रों में बताया गया है कि जब भी गुरु और शुक्र अस्त हो जाते हैं। तब सभी शुभ काम बंद हो जाते हैं।

संसार में ऐसे बहुत सारे काम होते हैं, जिन्हें करना अनिवार्य होता है और उनके लिए रुकना संभव नहीं हो पाता। इसीलिए शास्त्रों में इसका भी समाधान सर्वार्थ सिद्धि योग आदि मुहूर्तों के द्वारा किया जाता है।

यदि किसी काम को जल्दी करने की स्थिति में कोई आवश्यक मुहूर्त नहीं मिल पा रहा हो तो व्यक्ति आंख बंद करके सर्वार्थ सिद्धि आदि योगों में अपना काम आरंभ कर सकता है। इन मुहूर्तों में गुरु – शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि किसी भी चीज का विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यह अपने आप में ही सिद्ध मुहूर्त होते हैं। जो सभी कुयोगों को समाप्त करने की शक्ति रखते हैं।

जैसे कि इनके नाम से ही स्पष्ट है। इन योगों के समय में कोई भी शुभ काम किया जाए तो वह सफल होता है। जैसे :- कहीं यात्रा पर जाना हो, गृह प्रवेश करना हो, कोई नया काम शुरू करना हो तो व्यक्ति इन मुहूर्तों में कर सकता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग सन् 2025-2026

 
प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
02 मार्चसूर्योदय से02 मार्चसुबह 08:59 तक
03 मार्चप्रातः 06:40 से03 मार्चसूर्योदय तक
05 मार्चरात्रि 02:38 से06 मार्चसूर्योदय तक
09 मार्चरात्रि 11:56 से11 मार्चरात्रि 00:51 तक
11 मार्चसूर्योदय से12 मार्चरात्रि 02:15 तक
16 मार्चसूर्योदय से16 मार्चसुबह 11:45 तक
19 मार्चरात्रि 08:51 से20 मार्चसूर्योदय तक
20 मार्चसूर्योदय से20 अप्रैलरात्रि 11:31 तक
24 मार्चप्रातः 04:19 से24 मार्चसूर्योदय तक
25 मार्चप्रातः 04:27 से25 मार्चसूर्योदय तक
30 मार्च  शाम 04:36 से31 मार्च  सूर्योदय तक
01 अप्रैल  सुबह 11:07 से03 अप्रैल  सूर्योदय तक
05 अप्रैल  प्रातः 05:21 से05 अप्रैल  सूर्योदय तक
06 अप्रैल  सूर्योदय से07 अप्रैल  सुबह 06:24 तक
08 अप्रैल  सूर्योदय से08 अप्रैल  सुबह 07:55 तक
16 अप्रैल  सूर्योदय से17 अप्रैल  प्रातः 05:55 तक
20 अप्रैल  सुबह 11:49 से21 अप्रैल  सूर्योदय तक
21 अप्रैल  दोपहर 12:38 से22 अप्रैल  सूर्योदय तक
27 अप्रैल  सूर्योदय से28 अप्रैल  रात्रि 00:39 तक
29 अप्रैल  सूर्योदय से29 अप्रैल  शाम 06:47 तक
30 अप्रैल  सूर्योदय से01 मई   सूर्योदय तक
02 मई   दोपहर 01:05 से03 मई   सूर्योदय तक
04 मई   सूर्योदय से04 मई   दोपहर 12:53 तक
11 मई    प्रातः 03:16 से11 मई   सूर्योदय तक
14 मई   सूर्योदय से14 मई   सुबह 11:47 तक
18 मई   सूर्योदय से18 मई   शाम 06:52 तक
19 मई   सूर्योदय से19 मई   रात्रि 07:29 तक
23 मई   शाम 04:03 से24 मई   सूर्योदय तक
25 मई   सूर्योदय से25 मई   सुबह 11:12 से
27 मई   सूर्योदय से27 मई   प्रातः 05:32 तक
28 मई   सूर्योदय से29 मई   रात्रि 00:29 तक
29 मई   रात्रि 10:37 से30 मई   रात्रि 09:29 तक
05 जून  प्रातः 03:36 से05 जून  सूर्योदय तक
07 जून  सुबह 09:40 से08 जून  सूर्योदय तक
09 जून  दोपहर 03:32 से10 जून  सूर्योदय तक
15 जून   रात्रि 00:22 से15 जून  सूर्योदय तक
19 जून  रात्रि 11:18 से20 जून  सूर्योदय तक
20 जून  सूर्योदय से20 जून  सुबह 09:50 तक 
20 जून  सुबह 09:51 से20 जून  रात्रि 09:44 तक 
23 जून  दोपहर 03:18 से24 जून  सूर्योदय तक
25 जून  सूर्योदय से25 जून  सुबह 10:40 तक
26 जून  सुबह 08:47 से27 जून  सुबह 07:22 तक
02 जुलाई  सुबह 11:08 से03 जुलाई  सूर्योदय तक
05 जुलाई  सूर्योदय से05 जुलाई  रात्रि 07:51 तक  
07 जुलाई  सूर्योदय से08 जुलाई  रात्रि 01:11 तक
12 जुलाई  सुबह 06:37 से13 जुलाई  सूर्योदय तक
17 जुलाई  सूर्योदय से19 जुलाई  रात्रि 02:14 तक
21 जुलाई  सूर्योदय से21 जुलाई  रात्रि 09:07 तक
21 जुलाई  रात्रि 09:08 से22 जुलाई  सूर्योदय तक
24 जुलाई  सूर्योदय से24 जुलाई  शाम 04:43 तक
24 जुलाई  शाम 04:44 से 25 जुलाई  सूर्योदय तक
30 जुलाई  सूर्योदय से30 जुलाई  रात्रि 09:53 तक
04 अगस्त   सूर्योदय से04 अगस्त   सुबह 09:12 तक
08 अगस्त   दोपहर 02:29 से09 अगस्त   दोपहर 02:23 तक
12 अगस्त   सुबह 11:53 से13 अगस्त   सूर्योदय तक
14 अगस्त   सूर्योदय से15 अगस्त   सुबह 07:36 तक
17 अगस्त   प्रातः 04:39 से17 अगस्त   सूर्योदय तक
18 अगस्त   सूर्योदय से19 अगस्त   रात्रि 02:06 तक  
21 अगस्त   सूर्योदय से22 अगस्त   रात्रि 00:08 तक  
25 अगस्त   रात्रि 02:06 से25 अगस्त   सूर्योदय तक
27 अगस्त   सूर्योदय से27 अगस्त   सुबह 06:04 तक
05 सितंबर  सूर्योदय से05 सितंबर  रात्रि 11:38 तक
09 सितंबर  सूर्योदय से09 सितंबर  शाम 06:07 तक
11 सितंबर  सूर्योदय से11 सितंबर  दोपहर 01:58 तक
13 सितंबर  सुबह 10:12 से14 सितंबर  सूर्योदय तक
15 सितंबर  सूर्योदय से15 सितंबर  सुबह 07:31 तक  
18 सितंबर  सूर्योदय से18 सितंबर  सुबह 06:32 तक
21 सितंबर  सुबह 09:33 से22 सितंबर  सूर्योदय तक
29 सितंबर  प्रातः 03:55 से29 सितंबर  सूर्योदय तक
03 अक्टूबर    सूर्योदय से03 अक्टूबर    सुबह 09:34 तक
06 अक्टूबर    सुबह 06:17 से 06 अक्टूबर    सूर्योदय तक
08 अक्टूबर    रात्रि 01:29 से08 अक्टूबर    सूर्योदय तक
11 अक्टूबर    सूर्योदय से11 अक्टूबर    दोपहर 03:20 तक
17 अक्टूबर    दोपहर 01:58 से18 अक्टूबर    सूर्योदय तक
19 अक्टूबर    सूर्योदय से19 अक्टूबर    शाम 05:49 तक
19 अक्टूबर    शाम 05:50 तक20 अक्टूबर    सूर्योदय तक
24 अक्टूबर    प्रातः 04:52 से24 अक्टूबर    सूर्योदय तक
26 अक्टूबर    सुबह 10:47 से27 अक्टूबर    सूर्योदय तक
02 नवंबर  शाम 05:05 से03 नवंबर  सूर्योदय तक
04 नवंबर  दोपहर 12:35 से05 नवंबर  सूर्योदय तक
06 नवंबर  सुबह 06:35 से06 नवंबर  सूर्योदय तक
10 नवंबर  शाम 06:49 से11 नवंबर  सूर्योदय तक
11 नवंबर  शाम 06:18 से12 नवंबर  सूर्योदय तक
14 नवंबर  सूर्योदय से14 नवंबर  रात्रि 09:20 तक
16 नवंबर  सूर्योदय से17 नवंबर  रात्रि 02:11 तक
20 नवंबर  सुबह 10:59 से21 नवंबर  सूर्योदय तक
23 नवंबर  सूर्योदय से23 नवंबर  रात्रि 07:28 तक
30 नवंबर  सूर्योदय से01 दिसंबररात्रि 01:11 तक
02 दिसंबरसूर्योदय से02 दिसंबररात्रि 08:51 तक
03 दिसंबरशाम 06:01 से04 दिसंबरसूर्योदय तक
08 दिसंबरप्रातः 04:12 से08 दिसंबरसूर्योदय तक
09 दिसंबरसूर्योदय से10 दिसंबररात्रि 02:22 तक
14 दिसंबरसूर्योदय से14 दिसंबरसुबह 08:18 तक
17 दिसंबरशाम 05:12 से18 दिसंबरसूर्योदय तक  
18 दिसंबरसूर्योदय से18 दिसंबररात्रि 08:07 तक
22 दिसंबरप्रातः 03:37 से22 दिसंबरसूर्योदय तक
23 दिसंबरप्रातः 05:33 से23 दिसंबरसूर्योदय तक
28 दिसंबरसूर्योदय से28 दिसंबरसुबह 08:43 तक
31 दिसंबरप्रातः 03:59 से01 जनवरी  सूर्योदय तक
 
सन् 2026
 
प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
04 जनवरी  दोपहर 03:12 से05 जनवरी  दोपहर 01:25 तक
06 जनवरी  सूर्योदय से06 जनवरी  दोपहर 12:17 तक
14 जनवरी  सूर्योदय से15 जनवरी  प्रातः 03:03 तक
18 जनवरी  सुबह 10:15 से19 जनवरी  सूर्योदय तक
19 जनवरी  सुबह 11:53 से20 जनवरी  सूर्योदय तक
25 जनवरी  दोपहर 01:36 से26 जनवरी  सूर्योदय तक
27 जनवरी  सुबह 11:10 से29 जनवरी  सूर्योदय तक
31 जनवरी  प्रातः 03:28 से31 जनवरी  सूर्योदय तक
01 फरवरी  सूर्योदय से01 फरवरी  रात्रि 11:58 तक
08 फरवरी  रात्रि 02:29 से08 फरवरी  सूर्योदय तक
11 फरवरी  सूर्योदय से11 फरवरी  सुबह 10:52 तक
15 फरवरी  सूर्योदय से15 फरवरी  रात्रि 07:48 तक
16 फरवरी  सूर्योदय से16 फरवरी  रात्रि 08:47 तक
20 फरवरी  रात्रि 08:08 से21 फरवरी  सूर्योदय तक
22 फरवरी  सूर्योदय से22 फरवरी  शाम 05:54 तक
24 फरवरी  सूर्योदय से24 फरवरी  दोपहर 03:07 तक
25 फरवरी  सूर्योदय से25 फरवरी  दोपहर 01:38 तक
27 फरवरी  सुबह 10:50 से28 फरवरी  सूर्योदय तक 
01 मार्च  सूर्योदय से01 मार्च  सुबह 08:34 तक
07 मार्च  सुबह 11:16 से08 मार्च  सूर्योदय तक
09 मार्च  शाम 04:12 से10 मार्च  सूर्योदय तक
15 मार्च प्रातः 04:50 से15 मार्च  सूर्योदय तक
19 मार्च  प्रातः 04:06 से19 मार्च  सूर्योदय तक
Sarvaarth Siddhi Yog / सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।