Guru Pushya Amrit Yog Muhutrat 2023 – 24 | गुरु पुष्य अमृत योग

Guru Pushya

गुरुवार (Thursday) के दिन शुभ कार्यो एवं आध्यात्म से संबंधित कार्य करना बहोत ही शुभ एवं मंगलमय होता है। जब गुरुवार (Thursday) के दिन पुष्य नक्षत्र होता है, तब गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog) बनता है।

गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog ) में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए लोग गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog) में अपने नए कार्य का श्रीगणेश (God Ganesh) करना शुभ मानते हैं। वे इस अवसर पर अपना नए व्यापार का आरंभ, नई प्रॉपर्टी अथवा नया वाहन आदि ख़रीदते हैं।

इसी नक्षत्र में धन व वैभव की देवी लक्ष्मी (Devi Lauxmi) जी का जन्म हुआ था। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार (Thursday) एवं रविवार (Sunday) के दिन पड़ता है तो क्रमशः इसे गुरु पुष्यामृत योग (Guru Pushya Amrit Yog) और रवि पुष्यामृत योग (Ravi Pushya Amrit Yog) कहते हैं। ये दोनों योग धनतेरस, चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ हैं।

इस योग में विवाह जैसा शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। शास्त्रो में उल्लेखित है कि एक श्राप के अनुसार इस दिन किया हुआ विवाह कभी भी सुखकारक नहीं हो सकता।

गुरुपुष्य योग सन् 2023-2024

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
30 मार्चरात्रि 10:59 से31 मार्चसूर्योदय तक
27 अप्रैलसुबह 07:00 से28 अप्रैलसूर्योदय तक
25 मईसूर्योदय से25 मईशाम 05:54 तक
29 दिसंबररात्रि 01:05 से29 दिसंबरसूर्योदय तक
सन् 2024
25 जनवरीसुबह 08:17 से26 जनवरीसूर्योदय तक
22 फरवरीसूर्योदय से22 फरवरीशाम 04:43 तक