Tripushkar Yog | त्रिपुष्कर योग (सन् 2024-2025)

shubh muhurat teen guna labh dene wala yog
shubh muhurat teen guna labh dene wala yog ‘त्रिपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि तिगुना। ‘जी हां’  त्रिपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है तिगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 3 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग त्रिपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह तिगुना लाभ प्रदान करता है।    

त्रिपुष्कर योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
14 अप्रैल रात्रि 01:35 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक
20 अप्रैल दोपहर 02:05 से 20 अप्रैल रात्रि 10:42 तक
30 अप्रैल सुबह 07:06 से 01 मई प्रातः 04:09 तक
04 मई रात्रि 08:40 से 04 मई रात्रि 10:07 तक
18 जून दोपहर 03:57 से 19 जून सूर्योदय तक
23 जून शाम 05:04 से 24 जून रात्रि 03:26 तक
02 जुलाई सुबह 08:43 से 03 जुलाई प्रातः 04:40 तक
07 जुलाई प्रातः 04:27 से 07 जुलाई प्रातः 04:47 तक
21 अगस्त रात्रि 03:10 से 21 अगस्त सूर्योदय तक
25 अगस्त शाम 04:46 से 26 अगस्त सूर्योदय तक
23 अक्टूबर प्रातः 05:39 से 23 अक्टूबर सूर्योदय तक
29 अक्टूबर सूर्योदय से 29 अक्टूबर सुबह 10:32 तक
02 नवंबर रात्रि 08:23 से 03 नवंबर प्रातः 05:58 तक
17 दिसंबर सूर्योदय से 17 दिसंबर सुबह 10:56 तक
22 दिसंबर सुबह 06:15 से 22 दिसंबर दोपहर 02:32 तक

सन – 2025

 
01 जनवरी रात्रि 03:23 से 01 जनवरी सूर्योदय तक
05 जनवरी रात्रि 08:16 से 05 जनवरी रात्रि 08:18 तक
09 फरवरी शाम 05:54 से 09 फरवरी रात्रि 07:25 तक
25 फरवरी सूर्योदय से 21 फरवरी दोपहर 12:48 तक
01 मार्च सूर्योदय से 01 मार्च सुबह  11:22 तक

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Jwalamukhi yoga / ज्वालामुखी योग – Inauspicious Yoga 2024-2025

inauspicious day

inauspicious day

सज्जनों आज हम ऐसे योग के बारे में बात करेंगे। जिसमें कोई भी कार्य आरंभ करने का मतलब है की कार्य का विनाश करना। यह बहुत ही अशुभ (Inauspicious) योग माना गया है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

What is Jwalamukhi Yoga ? ज्वालामुखी योग क्या है ?

ज्वालामुखी योग (Jwalamukhi yoga) का फल अशुभ (Inauspicious) माना गया है। इस योग में आरंभ किया हुआ कार्य पूर्णतया सिद्ध नहीं हो पाता अथवा बार-बार विघ्न-बाधाएं होती हैं। इस योग में भूलकर भी शुभ कार्य आरंभ नहीं करने चाहिए। इस मुहूर्त में सिर्फ शत्रु को प्रताड़ित व परेशान करने के लिए उपाय किए जा सकते हैं बाकी अन्य किसी भी शुभ कार्य में इस मुहूर्त का प्रयोग नहीं किया जाता है। जब प्रतिपदा को मूल नक्षत्र, पंचमी को भरणी, अष्टमी को कृतिका, नवमी को रोहिणी अथवा दशमी को अश्लेषा नक्षत्र आता है, तो ज्वालामुखी योग (Jwalamukhi yoga) बनता है। इस प्रकार 5 नक्षत्रों एवं 5 तिथियों के सहयोग से ज्वालामुखी योग बनता है। इस योग में हम पर कितना अशुभ प्रभाव पड़ता है। इसके बारे में शास्त्र वचन नीचे दिया गया है।

जन्मे तो जीवे नही, बसे तो उजड़े गांव,

नारी पहने चूड़ियां, पुरुष विहिनी होय ।

बोवो तो काटे नहीं, कुएं उपजे ना नीर।।

अर्थात- इस योग में अगर बच्चे का जन्म हो जाए तो वह अकाल मृत्यु को प्राप्त होता है। इस योग में अगर कोई व्यक्ति अपना घर बसाता है तो वह उजड़ जाता है। इस योग में अगर कोई स्त्री चूड़ियां पहनती हैं तो वह विधवा होती है। इस योग में अगर कोई व्यक्ति खेत में अन्न बोता है तो फसल का नाश होता है तथा अगर इस योग में कोई व्यक्ति कुएं आदि की खुदाई करता है तो उसमें से पानी नहीं निकलता है। इस प्रकार से यह बहुत ही अशुभ योग कहा जाता है। ज्वालामुखी योग के बारे में कहा गया है कि यदि कोई इस योग में रिश्ता पक्का हो जाता है अथवा इस योग में किसी व्यक्ति का विवाह हो जाता है तो उसे वैधव्य का दुख झेलना पड़ता है। इस योग में अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो वह जल्दी से ठीक नहीं हो पाता। इस प्रकार से अनगिनत बहुत सारे अशुभ फल प्राप्त होते हैं अतः प्रत्येक व्यक्ति को इस ज्वालामुखी योग में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

साल 2024-2025 में ज्वालामुखी योग बनने की तिथियाँ

सन्: 2024- 2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
17 अप्रैलदोपहर 03:15 से18 अप्रैलसुबह 07:57 तक
22 जूनसुबह 06:38 से22 जूनशाम 05:54 तक
26 अगस्तरात्रि 03:40 से26 अगस्तदोपहर 03:55 तक
26 अगस्तरात्रि 02:20 से27 अगस्तदोपहर 03:38 तक
21 सितंबरशाम 06:14 से21 सितंबररात्रि 12:36 तक
26 अक्टूबररात्रि 03:23 से26 अक्टूबरसुबह 09:46 तक

सन्: 2025

05 फरवरी

रात्रि 08:33 से

05 फरवरी

रात्रि 12:36 तक

06 फरवरी

रात्रि 07:30 से

06 फरवरी

रात्रि 10:54 तक

04 मार्च

सुबह 04:30 से

04 मार्च

दोपहर  03:17 तक

ओम नमः शिवाय

पंडित सुनील वत्स

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Jwalamukhi yoga | Jwalamukhi yoga timing | What is jwalamukhi yoga | jwalamukhi yoga kya hai | inauspicious Day |inauspicious yoga | inauspicious muhurat

Surya Grahan Dosha| संपातक दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024-2025)

grahan dosha upay

grahan dosha upay

ओम नमः शिवाय,
आप सभी का शिव साधक परिवार में स्वागत है। सज्जनों आप में से जिन जिन लोगों ने हमारे कार्यालय से वैदिक रावण संहिता का निर्माण करवाया है और उनकी कुंडली में संपातक दोष बताया गया है। उस संपातक दोष का उपाय हालांकि कुंडली के अंदर दिया गया है परंतु यह उपाय सिर्फ सूर्यग्रहण के मध्यकाल में ही करना होता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह दोष बहुत प्रबल होता है और यह कभी भी कटता नहीं है परंतु प्रत्येक सूर्यग्रहण के मध्यकाल में उपाय करने से यह दोष कुछ समय के लिए दब जाता है इसीलिए इस दोष का उपाय आजीवन प्रत्येक सूर्यग्रहण के मध्यकाल में करना होता है। यदि किसी कारणवश किसी सज्जन का यह उपाय सूर्य ग्रहण के दिन करना छूट गया हो या अभी सूर्य ग्रहण आने में काफी समय बाकी बचा हुआ हो अथवा संपातक दोष का जो अशुभ फल आपकी कुंडली में लिखा है, वह बहुत ज्यादा आपके ऊपर हावी हो रहा हो तो उस बुरे प्रभाव को दबाने के लिए यहाँ कुछ विशेष मुहूर्त यहां दिए जा रहे हैं। आप इन दिए गए मुहूर्तों में भी संपातक दोष का उपाय कर सकते हैं। यह मुहूर्त भी सूर्य ग्रहण जितना प्रभाव रखने की क्षमता रखते हैं।

संपातक दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024)

तारीख प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

20 जनवरी दोपहर 01:14 से21 जनवरी रात्रि 02:02 तक
19 फरवरीरात्रि 03:19 से19 फरवरीशाम 04:07 तक
20 मार्चरात्रि 02:13 से20 मार्चदोपहर 03:01 तक
19 अप्रैलदोपहर 01:06 से20 अप्रैलरात्रि 01:54 तक
20 मईदोपहर 12:06 से21 मईरात्रि 00:54 तक
20 जूनरात्रि 07:57 से21 जूनसुबह 08:45 तक
22 जुलाईसुबह 06:51 से22 जुलाईरात्रि 07:39 तक
22 अगस्तदोपहर 02:01 से23 अगस्तरात्रि 02:49 तक
22 सितंबरसुबह 11:50 से23 सितंबररात्रि 00:38 तक
22 अक्टूबररात्रि 09:21 से23 अक्टूबरसुबह 10:09 तक
21 नवंबररात्रि 07:03 से22 नवंबरसुबह 07:51 तक
21 दिसंबरसुबह 08:27 से21 दिसंबररात्रि 09:15 तक

संपातक दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2025)

तारीख प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
19 जनवरी रात्रि 07:06 से20 जनवरी सुबह 07:54 तक
18 फरवरीसुबह 09:13 से18 फरवरीरात्रि 10:01 तक
20 मार्चसुबह 08:08 से20 मार्चरात्रि 08:56 तक

Surya grahan dosha | Sampatak dosha ke upay krne ke liye muhurat

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Chandra Grahan Dosha | उत्पीड़न दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024-2025)

Chandra grahan dosha upay

Chandra grahan dosha upay

ओम नमः शिवाय,
आप सभी का शिव साधक परिवार में स्वागत है। सज्जनों आप में से जिन – जिन लोगों ने हमारे कार्यालय से वैदिक रावण संहिता का निर्माण करवाया है और उनकी कुंडली में उत्पीड़न दोष बताया गया है। उस उत्पीड़न दोष का उपाय हालांकि कुंडली के अंदर दिया गया है परंतु यह उपाय सिर्फ चंद्र ग्रहण के मध्यकाल में ही करना होता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह दोष बहुत प्रबल होता है और यह कभी भी कटता नहीं है परंतु प्रत्येक चंद्र ग्रहण के मध्यकाल में उपाय करने से यह दोष कुछ समय के लिए दब जाता है इसीलिए इस दोष का उपाय आजीवन प्रत्येक चंद्र ग्रहण के मध्यकाल में करना होता है। यदि किसी कारणवश किसी सज्जन का यह उपाय चंद्र ग्रहण के दिन करना छूट गया हो या अभी चंद्र ग्रहण आने में काफी समय बाकी बचा हुआ हो अथवा उत्पीड़न दोष का जो अशुभ फल आपकी कुंडली में लिखा है, वह बहुत ज्यादा आपके ऊपर हावी हो रहा हो तो उस बुरे प्रभाव को दबाने के लिए यहाँ कुछ विशेष मुहूर्त यहां दिए जा रहे हैं। आप इन दिए गए मुहूर्तों में भी उत्पीड़न दोष का उपाय कर सकते हैं। यह मुहूर्त भी चंद्र ग्रहण जितना प्रभाव रखने की क्षमता रखते हैं।

उत्पीड़न दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024)

तारीख प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
07 जनवरी रात्रि 06:09 से08 जनवरी रात्रि 00:23 तक
19 जनवरीरात्रि 11:12 से20 जनवरीप्रातः 04:34 तक
02 फरवरीरात्रि 08:13 से03 फरवरीरात्रि 01:12 तक
14 फरवरीरात्रि 08:23 से15 फरवरीरात्रि 00:22 तक
28 फरवरीप्रातः 10:15 से28 फरवरीदोपहर 02:37 तक
11 मार्चरात्रि 07:33 से11 मार्चरात्रि 10:56 तक
24 मार्चरात्रि 09:48 से25 मार्चरात्रि 02:02 तक
06 अप्रैलरात्रि 08:40 से07 अप्रैलरात्रि 00:08 तक
19 अप्रैलसुबह 10:32 से19 अप्रैलदोपहर 02:58 तक
02 मईरात्रि 07:28 से02 मईरात्रि 11:32 तक
15 मईरात्रि 03:51 से15 मईसुबह 09:08 तक
28 मईरात्रि 07:54 से29 मईरात्रि 01:15 तक
10 जूनसुबह 10:28 से10 जूनशाम 05:06 तक
02 जुलाईदोपहर 01:09 से02 जुलाईरात्रि 05:09 तक
16 जुलाईसुबह 11:06 से16 जुलाईशाम 04:53 तक
28 जुलाईरात्रि 08:14 से29 जुलाईरात्रि 00:50 तक
11 अगस्तसुबह 10:12 से11 अगस्तदोपहर 02:54 तक
23 अगस्तरात्रि 07:14 से23 अगस्तरात्रि 10:51 तक
06 सितंबररात्रि 01:05 से06 सितंबरप्रातः 05:17 तक
18 सितंबररात्रि 08:02 से18 सितंबररात्रि 11:15 तक
01 अक्टूबरदोपहर 01:32 से01 अक्टूबरशाम 05:38 तक
14 अक्टूबररात्रि 09:26 से15 अक्टूबररात्रि 00:53 तक
27 अक्टूबररात्रि 02:11 से27 अक्टूबर सुबह 06:39 तक
09 नवंबररात्रि 07:24 से09 नवंबररात्रि 11:44 तक
21 नवंबररात्रि 08:31 से22 नवंबररात्रि 01:50 तक
05 दिसंबररात्रि 08:07 से06 दिसंबररात्रि 02:00 तक
18 दिसंबरसुबह 09:05 से18 दिसंबरदोपहर 03:37 तक
27 दिसंबरदोपहर 02:38 से27 दिसंबररात्रि 09:33 तक

उत्पीड़न दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2025)

तारीख प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
09 जनवरीदोपहर 02:03 से09 जनवरीरात्रि 07:24 तक
22 जनवरीरात्रि 11:22 से23 जनवरीप्रातः 04:47 तक
04 फरवरीदोपहर 03:17 से04 फरवरीरात्रि 07:23 तक
17 फरवरीशाम 04:45 से17 फरवरीरात्रि 09:11 तक
02 मार्चदोपहर 12:50 से02 मार्चशाम 04:13 तक
15 मार्चसुबह 06:11 से15 मार्चसुबह 10:12 तक
28 मार्चदोपहर 01:12 से28 मार्चशाम 04:29 तक

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Chandra Grahan Dosha | Utpeedan Dosha  

Utpidan Dosh Upay / उत्पीड़न दोष उपाय के बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।

Amrit Siddhi Muhurat | अमृत सिद्धि योग (सन् 2024-2025)

auspicious muhurat yoga

auspicious muhurat yoga

शास्त्रों में “अमृत सिद्धि योग” को अमृत के समान फल देने वाला कहा गया है। ध्यान रहे मंगलवार वाले अमृत सिद्धि योग के समय नए घर में प्रवेश करना तथा शनिवार वाले अमृत सिद्धि योग के समय यात्रा नहीं करनी चाहिए। बाकी सभी कामों के लिए निसंकोच आप इन्हें प्रयोग में ला सकते हैं।

अमृत सिद्धि योग सन 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
16 मार्चसूर्योदय से16 मार्चशाम 04:05 तक
09 अप्रैलसुबह 07:33 से10 अप्रैलप्रातः 05:06 तक
21 अप्रैल शाम 05:09 से22 अप्रैलसूर्योदय तक
07 मईसूर्योदय से 07 मई दोपहर  03:32 तक
19 मई सूर्योदय से20 मई प्रातः 03:16 तक
16 जूनसूर्योदय से16 जूनसुबह 11:12 तक
19 जूनशाम 05:24 से20 जूनसूर्योदय तक
17 जुलाईसूर्योदय से18 जुलाईप्रातः 03:12 तक
26 जुलाईदोपहर  02:31 से 27 जुलाईसूर्योदय तक
14 अगस्तसूर्योदय से14 अगस्तदोपहर 12:12 तक
23 अगस्तसूर्योदय से23 अगस्तरात्रि 07:24 तक 
23 सितंबररात्रि 10:08 से24 सितंबरसूर्योदय तक
26 सितंबररात्रि 11:34 से27 सितंबरसूर्योदय तक
21 अक्टूबरसुबह 06:51 से22 अक्टूबररात्रि 02:29 तक
24 अक्टूबरसूर्योदय से25 अक्टूबररात्रि 01:58 तक
16 नवंबररात्रि 07:29 से17 नवंबरसूर्योदय तक
18 नवंबरसूर्योदय से18 नवंबरदोपहर    03:48 तक
21 नवंबरसूर्योदय से21 नवंबरदोपहर    03:35 तक
14 दिसंबरसूर्योदय से15 दिसंबररात्रि 03:54 तक

सन – 2025

07 जनवरीदोपहर 03:51 से08 जनवरीसूर्योदय तक
11 जनवरीसूर्योदय से11 जनवरीदोपहर  12:29 तक
19 जनवरीशाम 05:31 से20 जनवरीसूर्योदय तक
04 फरवरीसूर्योदय से04 फरवरीरात्रि 09:50 तक
16 फरवरीसूर्योदय से17 फरवरीरात्रि 02:16 तक
16 मार्चसूर्योदय से16 मार्चसुबह 11:45 तक
19 मार्चरात्रि 08:51 से20 मार्चसूर्योदय तक

 

 

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shubh muhurat, aaj ka choghadiya, shubh muhurat today, aaj ka shubh muhurat,

Amrit Siddhi Yoga / अमृत सिद्धि योग के बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।

Ravi Yog (Shubh Muhurat) | रवि योग (सन् 2024-2025)

Shubh muhurat

Shubh muhurat

रवि योग भी सर्वार्थसिद्धि योग की तरह सभी कार्यों के लिए शुभ (Shubh Muhurat) माने जाते हैं। रवि योग सभी बुरे अशुभ योगों को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति रखता है। :- “कुयोग विध्वंस कराः शुभेषु’

रवि योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
17 मार्चशाम 04:48 से17 मार्चरात्रि 08:54 तक
18 मार्चशाम 06:11 से20 मार्चरात्रि 10:38 तक
23 मार्चप्रातः 04:28 से24 मार्चप्रातः 07:33 तक
30 मार्चरात्रि 10:04 से31 मार्चप्रातः 07:48 तक
31 मार्चरात्रि 10:57 से01 अप्रैलदोपहर 01:12 तक
11 अप्रैलरात्रि 03:06 से12 अप्रैलरात्रि 01:38 तक
13 अप्रैलरात्रि 00:41 से13 अप्रैलरात्रि 09:03 तक
14 अप्रैलरात्रि 00:50 से15 अप्रैलरात्रि 01:34 तक
17 अप्रैलप्रातः 05:16 से19 अप्रैलसुबह 10:56 तक
21 अप्रैलशाम 05:09 से22 अप्रैलरात्रि 07:59 तक
30 अप्रैलप्रातः 04:43 से01 मईप्रातः 04:09 तक
10 मईसुबह 10:47 से11 मईसुबह 07:01 तक
11 मईसुबह 10:16 से12 मईसुबह 10:26 तक
13 मईसुबह 11:24 से14 मईदोपहर 01:05 तक
16 मईशाम 06:13 से19 मईरात्रि 00:23 तक
21 मईप्रातः 05:47 से22 मईसुबह 07:46 तक
29 मईसुबह 08:39 से30 मईसुबह 07:31 तक
09 जूनरात्रि 08:21 से10 जूनरात्रि 09:39 तक
11 जूनरात्रि 11:39 से13 जूनरात्रि 02:12 तक
15 जूनसुबह 08:14 से17 जूनदोपहर 01:50 तक
19 जूनशाम 05:24 से 20 जूनशाम 06:10 तक
27 जूनसुबह 11:37 से28 जूनसुबह 10:10 तक
09 जुलाईसुबह 07:53 से10 जुलाईसुबह 10:15 तक
11 जुलाईदोपहर 01:05 से12 जुलाईशाम 04:08 तक
14 जुलाईरात्रि 11:07 से17 जुलाईरात्रि 02:13 तक
19 जुलाईरात्रि 03:26 से19 जुलाईरात्रि 11:10 तक
20 जुलाईरात्रि 02:56 से21 जुलाईरात्रि 01:48 तक
26 जुलाईदोपहर 02:31 से27 जुलाईदोपहर 12:59 तक
07 अगस्तरात्रि 08:31 से08 अगस्तशाम 04:34 तक
10 अगस्तरात्रि 02:45 से11 अगस्तप्रातः 05:48 तक
13 अगस्तसुबह 10:45 से15 अगस्तदोपहर 12:52 तक
18 अगस्तसुबह 10:16 से19 अगस्तसुबह 08:10 तक
24 अगस्तशाम 06:06 से 25 अगस्तशाम 04:45 तक
06 सितंबरसुबह 09:26 से07 सितंबरदोपहर 12:35 तक
08 सितंबरदोपहर 03:31 से09 सितंबरशाम 06:04 तक
11 सितंबररात्रि 09:22 से14 सितंबरसुबह 10:32 तक
16 सितंबरशाम 04:34 से17 सितंबरदोपहर 01:53 तक
22 सितंबररात्रि 11:03 से23 सितंबररात्रि 10:07 तक
05 अक्टूबररात्रि 09:34 से07 अक्टूबररात्रि 00:11 तक
08 अक्टूबररात्रि 02:26 से09 अक्टूबरप्रातः 04:08 तक
12 अक्टूबरप्रातः 05:26 से14 अक्टूबररात्रि 02:51 तक
15 अक्टूबररात्रि 10:09 से16 अक्टूबररात्रि 07:17 तक
22 अक्टूबरप्रातः 05:52 से23 अक्टूबरप्रातः 05:38 तक
24 अक्टूबररात्रि 00:42 से24 अक्टूबरसुबह 06:15 तक
04 नवंबरसुबह 08:04 से05 नवंबरसुबह 09:45 तक
07 नवंबरसुबह 11:48 से08 नवंबरदोपहर 12:03 तक
10 नवंबरसुबह 11:00 से12 नवंबरसुबह 07:52 तक
14 नवंबररात्रि 03:12 से15 नवंबररात्रि 00:33 तक
21 नवंबरदोपहर 03:36 से22 नवंबरशाम 05:09 तक
04 दिसंबरशाम 05:15 से05 दिसंबरशाम 05:26 तक
06 दिसंबरशाम 05:19 से07 दिसंबरशाम 04:50 तक
09 दिसंबरदोपहर 02:57 से11 दिसंबरसुबह 11:47 तक
13 दिसंबरसुबह 07:51 से14 दिसंबरप्रातः 05:47 तक
21 दिसंबररात्रि 03:48 से22 दिसंबरसुबह 06:14 तक

सन् – 2025

02 जनवरीरात्रि 11:11 से03 जनवरीरात्रि 10:21 तक
04 जनवरीरात्रि 09:24 से05 जनवरीरात्रि 08:17 तक
07 जनवरीशाम 05:51 से09 जनवरीदोपहर 03:07 तक
12 जनवरीसुबह 11:25 से13 जनवरीसुबह 10:38 तक
19 जनवरीशाम 05:31 से20 जनवरीरात्रि 08:30 तक
01 फरवरीसुबह 04:15 से02 फरवरीरात्रि 02:33 तक
03 फरवरीरात्रि 00:53 से03 फरवरीरात्रि 11:16 तक
05 फरवरीरात्रि 08:34 से06 फरवरीसुबह 07:48 तक
06 फरवरीरात्रि 07:30 से08 फरवरीशाम 06:07 तक
10 फरवरीशाम 06:01 से11 फरवरीशाम 06:34 तक
18 फरवरीसुबह 07:36 से19 फरवरीसुबह 10:40 तक
19 फरवरीदोपहर 12:26 से20 फरवरीदोपहर 01:30 तक
02 मार्चसुबह 09:00 से03 मार्चसुबह 06:39 तक
04 मार्चप्रातः 04:30 से04 मार्चशाम 06:39 तक
05 मार्चरात्रि 02:38 से06 मार्चरात्रि 01:08 तक
07 मार्चरात्रि 11:33 से09 मार्चरात्रि 11:55 तक
12 मार्चरात्रि 02:16 से13 मार्चप्रातः 04:05 तक
20 मार्च रात्रि 11:32 से22 मार्चरात्रि 01:45 तक

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Sarvarth Siddhi Muhurat | सर्वार्थ सिद्धि योग (सन् 2024-2025)

shubh muhurat
Sarvarth siddhi yog muhurat ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ – नाम से ही एहसास हो जाता है कि यह सभी काम सिद्ध करने के योग के बारे में है। आज के समय में एक अच्छा मुहूर्त निकालना बड़ा ही दुसाध्य काम है। यदि सही समय पर सही विद्वान न मिले तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। जिसका बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है। लोक व्यवहार की बोलचाल में कहा भी गया है। :- कि अच्छे समय में यदि कोई बुरा काम भी कर लेता है, तो भी व्यक्ति को वाहवाही मिल जाती है क्योंकि समय अच्छा है। पर यदि बुरे समय अर्थार्थ बुरे मुहूर्त में किया गया शुभ काम भी नुकसान दे जाता है। आप सबकी इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह मुहूर्त नाम से कॉलम बनाया गया है। इस कॉलम में आपको इस साल के सभी शुभ मुहूर्त मिल जाएंगे। कई बार गुरु और शुक्र अस्त चल रहा हो तो उस समय में पंडित जन मुहूर्त बंद बताते हैं क्योंकि शास्त्रों में बताया गया है कि जब भी गुरु और शुक्र अस्त हो जाते हैं। तब सभी शुभ काम बंद हो जाते हैं। संसार में ऐसे बहुत सारे काम होते हैं, जिन्हें करना अनिवार्य होता है और उनके लिए रुकना संभव नहीं हो पाता। इसीलिए शास्त्रों में इसका भी समाधान सर्वार्थ सिद्धि योग आदि मुहूर्तों के द्वारा किया जाता है। यदि किसी काम को जल्दी करने की स्थिति में कोई आवश्यक मुहूर्त नहीं मिल पा रहा हो तो व्यक्ति आंख बंद करके सर्वार्थ सिद्धि आदि योगों में अपना काम आरंभ कर सकता है। इन मुहूर्तों में गुरु – शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि किसी भी चीज का विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यह अपने आप में ही सिद्ध मुहूर्त होते हैं। जो सभी कुयोगों को समाप्त करने की शक्ति रखते हैं। जैसे कि इनके नाम से ही स्पष्ट है। इन योगों के समय में कोई भी शुभ काम किया जाए तो वह सफल होता है। जैसे :- कहीं यात्रा पर जाना हो, गृह प्रवेश करना हो, कोई नया काम शुरू करना हो तो व्यक्ति इन मुहूर्तों में कर सकता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
31 मार्च रात्रि 10:57 से 01 अप्रैल सूर्योदय तक
07 अप्रैल दोपहर 12:59 से 08 अप्रैल सूर्योदय तक
07 अप्रैल दोपहर 12:58 से 08 अप्रैल सूर्योदय तक
( 09 अप्रैल सुबह 07:33 से 10 अप्रैल सुबह 05:06 तक) मंगलवार
11 अप्रैल रात्रि 03:06 से 11 अप्रैल सूर्योदय तक
16 अप्रैल रात्रि 03:06 से 16 अप्रैल सूर्योदय तक
17 अप्रैल प्रातः 05:16 से 17 अप्रैल सूर्योदय तक
19 अप्रैल सुबह 10:57 से 20 अप्रैल सूर्योदय तक
21 अप्रैल सूर्योदय से 22 अप्रैल सूर्योदय तक ) रविवार
25 अप्रैल रात्रि 02:24 से 27 अप्रैल रात्रि 03:40 तक
28 अप्रैल सूर्योदय से 29 अप्रैल प्रातः 04:49 तक
05 मई सूर्योदय से 05 मई रात्रि 07:57 तक
( 07 मई सूर्योदय से 07 मई दोपहर 03:32 तक) मंगलवार
08 मई दोपहर 01:34 से 09 मई सूर्योदय तक
13 मई सुबह 11:24 से 14 मई सूर्योदय तक
14 मई दोपहर 01:06 से 15 मई सूर्योदय तक
17 मई सूर्योदय से 17 मई रात्रि 09:18 तक
19 मई सूर्योदय से 20 मई रात्रि 03:16 तक) रविवार
23 मई सुबह 09:15 से 24 मई सूर्योदय तक
26 मई सूर्योदय से 26 मई सुबह 10:35 तक
03 जून रात्रि 01:41 से 03 जून सूर्योदय तक
04 जून रात्रि 10:35 से 06 जून सूर्योदय तक
09 जून रात्रि 08:21 से 10 जून रात्रि 09:39 तक
11 जून सूर्योदय से 11 जून रात्रि 11:38 तक
( 16 जून सूर्योदय से 16 जून सुबह 11:12 तक) रविवार
19 जून शाम 05:24 से 20 जून शाम 06:10 तक
23 जून शाम 05:04 से 24 जून सूर्योदय तक
24 जून दोपहर 03:55 से 25 जून सूर्योदय तक
30 जून सुबह 07:35 से 01 जुलाई सूर्योदय तक
02 जुलाई सूर्योदय से 03 जुलाई प्रातः 04:40 तक
03 जुलाई सूर्योदय से 04 जुलाई प्रातः 04:07 तक
06 जुलाई प्रातः 04:07 से 06 जुलाई सूर्योदय तक
07 जुलाई सूर्योदय से 08 जुलाई सुबह 06:02 तक
09 जुलाई सूर्योदय से 09 जुलाई सुबह 07:52 तक
( 17 जुलाई सूर्योदय से 18 जुलाई रात्रि 03:12 तक) बुधवार
21 जुलाई सूर्योदय से 22 जुलाई रात्रि 00:14 तक
22 जुलाई सूर्योदय से 22 जुलाई रात्रि 10:21 तक
( 26 जुलाई दोपहर 02:31 से 27 जुलाई सूर्योदय तक ) शुक्रवार
28 जुलाई सूर्योदय से 28 जुलाई सुबह 11:45 तक
30 जुलाई सूर्योदय से 30 जुलाई सुबह 10:23 तक
31 जुलाई सूर्योदय से 01 अगस्त सूर्योदय तक
02 अगस्त सुबह 10:59 से 03 अगस्त सूर्योदय तक
04 अगस्त सूर्योदय से 04 अगस्त दोपहर 01:26 तक
11 अगस्त प्रातः 05:49 से 11 अगस्त सूर्योदय तक
( 14 अगस्त सूर्योदय से 14 अगस्त दोपहर 12:12 तक) बुधवार
18 अगस्त सूर्योदय से 18 अगस्त सुबह 10:15 तक
19 अगस्त सूर्योदय से 19 अगस्त सुबह 08:10 तक
22 अगस्त रात्रि 10:06 से 23 अगस्त रात्रि 07:54 तक) शुक्रवार
26 अगस्त दोपहर 03:56 से 27 अगस्त सूर्योदय तक
28 अगस्त सूर्योदय से 28 अगस्त दोपहर 03:53 तक
29 अगस्त शाम 04:40 से 30 अगस्त शाम 05:55 तक
07 सितंबर दोपहर 12:35 से 08 सितंबर सूर्योदय तक
09 सितंबर शाम 06:05 से 10 सितंबर सूर्योदय तक
14 सितंबर रात्रि 08:33 से 15 सितंबर सूर्योदय तक
19 सितंबर सुबह 08:05 से 21 सितंबर रात्रि 02:42 तक
23 सितंबर सूर्योदय से 24 सितंबर सूर्योदय तक) सोमवार
26 सितंबर सूर्योदय से 27 सितंबर सूर्योदय तक) गुरुवार
02 अक्टूबर दोपहर 12:23 से 03 अक्टूबर सूर्योदय तक
05 अक्टूबर सूर्योदय से 05 अक्टूबर रात्रि 09:33 तक
07 अक्टूबर सूर्योदय से 08 अक्टूबर रात्रि 02:25 तक
12 अक्टूबर प्रातः 05:26 से 13 अक्टूबर प्रातः 04:27 तक
15 अक्टूबर रात्रि 10:09 से 16 अक्टूबर सूर्योदय तक
17 अक्टूबर सूर्योदय से 18 अक्टूबर दोपहर 01:26 तक
21 अक्टूबर सूर्योदय से 22 अक्टूबर प्रातः 05:51 तक
24 अक्टूबर सूर्योदय से 25 अक्टूबर सूर्योदय तक
30 अक्टूबर सूर्योदय से 30 अक्टूबर रात्रि 09:43 तक
04 नवंबर सूर्योदय से 04 नवंबर सुबह 08:04 तक
08 नवंबर दोपहर 12:04 से 09 नवंबर सुबह 11:47 तक
12 नवंबर सुबह 07:56 से 13 नवंबर प्रातः 05:40 तक
14 नवंबर सूर्योदय से 15 नवंबर रात्रि 00:33 तक
( 16 नवंबर रात्रि 07:29 से 17 नवंबर सूर्योदय तक ) शनिवार
( 18 नवंबर सूर्योदय से 18 नवंबर दोपहर 03:48 तक ) सोमवार
( 21 नवंबर सूर्योदय से 21 नवंबर दोपहर 03:35 तक ) गुरुवार
24 नवंबर रात्रि 10:17 से 25 नवंबर सूर्योदय तक
06 दिसंबर सूर्योदय से 06 दिसंबर शाम 05:18 तक
10 दिसंबर सूर्योदय से 10 दिसंबर दोपहर 01:30 तक
12 दिसंबर सूर्योदय से 12 दिसंबर सुबह 09:52 तक
( 14 दिसंबर सूर्योदय से 15 दिसंबर रात्रि 03:54 तक ) शनिवार
21 दिसंबर रात्रि 03:58 से 21 दिसंबर सूर्योदय तक
22 दिसंबर सूर्योदय से 23 दिसंबर सूर्योदय तक
29 दिसंबर रात्रि 11:23 से 30 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

05 जनवरी रात्रि 08:18 से 06 जनवरी सूर्योदय तक
( 07 जनवरी शाम 05:51 से 08 जनवरी सूर्योदय तक ) मंगलवार
( 11 जनवरी सूर्योदय से 11 जनवरी दोपहर 12:29 तक ) शनिवार
17 जनवरी दोपहर 12:45 से 18 जनवरी सूर्योदय तक
19 जनवरी सूर्योदय से 20 जनवरी सूर्योदय तक 
24 जनवरी प्रातः 05:09 से 24 जनवरी सूर्योदय तक
26 जनवरी सुबह 08:27 से 27 जनवरी सूर्योदय तक
02 फरवरी सूर्योदय से 03 फरवरी रात्रि 00:52 तक
04 फरवरी सूर्योदय से 04 फरवरी रात्रि 09:49 तक
05 फरवरी रात्रि 08:34 से 06 फरवरी सूर्योदय तक
10 फरवरी शाम 06:01 से 11 फरवरी सूर्योदय तक
11 फरवरी शाम 06:35 से 12 फरवरी सूर्योदय तक
14 फरवरी सूर्योदय से 14 फरवरी रात्रि 11:09 तक
(16 फरवरी सूर्योदय से 17 फरवरी प्रातः 04:31 तक) रविवार
20 फरवरी दोपहर 01:31 से 21 फरवरी सूर्योदय तक
23 फरवरी सूर्योदय से 23 फरवरी शाम 06:42 तक
02 मार्च सूर्योदय से 02 मार्च सुबह 08:59 तक
03 मार्च प्रातः 06:40 से 03 मार्च सूर्योदय तक
05 मार्च रात्रि 02:38 से 06 मार्च सूर्योदय तक
09 मार्च रात्रि 11:56 से 11 मार्च रात्रि 00:51 तक
11 मार्च सूर्योदय से 12 मार्च रात्रि 02:15 तक
( 16 मार्च सूर्योदय से 16 मार्च सुबह 11:45 तक ) रविवार
( 19 मार्च रात्रि 08:51 से 20 मार्च सूर्योदय तक ) बुधवार
20 मार्च सूर्योदय से 20 अप्रैल रात्रि 11:31 तक
24 मार्च प्रातः 04:19 से 24 मार्च सूर्योदय तक
25 मार्च प्रातः 04:27 से 25 मार्च सूर्योदय तक
Sarvaarth Siddhi Yog / सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।