सूर्य के रत्न माणिक आदि धारण विधि, मुहूर्त | Ruby Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

Sun ratna gemstone ruby dharan

Sun ratna gemstone ruby dharan

आप शुद्ध तथा असली माणिक्य अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी माणिक्य जैसा ही देंगे। जैसेलाल सुजलाइट, लाल तामड़ा महसूरी आदि सोने की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर माणिक्य तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ह्राम् ह्रीम् ह्रौम् सः सूर्याय नमः।

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें।

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ह्राम् ह्रीम् ह्रौम् सः सूर्याय नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की अनामिका (छोटी अंगुली के पास वाली) अंगुली में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

सूर्य ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
24 मार्च प्रातः 07:33 से 25 मार्च सूर्योदय
21 अप्रैल  सूर्योदय से 21 अप्रैल शाम 05:08 तक
23 जून  शाम 05:03 से  24 जून  सूर्योदय तक
21 जुलाई  सूर्योदय से 22 जुलाई रात्रि 00:14 तक
18 अगस्त सूर्योदय से 18 अगस्त सुबह 10:15 तक
25 अगस्त शाम 04:45 से  26 अगस्त सूर्योदय तक
22 सितंबर सूर्योदय से 22 सितंबर रात्रि 11:02 तक
20 अक्टूबर सूर्योदय से 20 अक्टूबर सुबह 08:31 तक
24 नवंबर रात्रि 10:16 से 25 नवंबर सूर्योदय तक
22 दिसंबर सूर्योदय से 23 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

19 जनवरी सूर्योदय से 19 जनवरी शाम 05:30 तक
रत्न धारण करने की अवधि और उसका महत्व क्या है?   Ruby dharan karne ki vidhi, Manik dharan karne ki vidhi, Manikya ratan dharan karne ki vidhi, ruby ratna kaise dharan karna chahiye, ruby stone kaise dharan karna chahiye , ratna dharan vidhi in hindi, Ratan dharan karne ka aaj ka shubh muhurt, kaun sa ratan dharan kare, Ruby ratna benefits in hindi, Ruby gemstone dharan karne ki vidhi, Ruby ratna or manik or Manikya ke sath konsa ratna pahne, manikya ratna pehne ki vidhi, manik ratna dharan karne ki vidhi in hindi, ruby dharan karne ka mantra, manikya dharan karne ka mantra, ruby dharan karne ka shubh muhurat

Muhurat for Gemstones | रत्न धारण मुहूर्त (सन् 2024-2025)

Gemstone Shubh muhurat

Gemstone Shubh muhurat

ओम नमः शिवाय

सज्जनों

जिस प्रकार पत्थर अपने आप में पत्थर ही होता है, परंतु वह शुभ मुहूर्त में अभिमंत्रित होकर देवत्व को प्राप्त होता है। ठीक उसी प्रकार मणि माणिक्य तथा रतन आदि भी पत्थर रूप ही होते हैं परंतु उनमें हमारे वैदिक मंत्रों के द्वारा विशेष प्राण प्रतिष्ठा करके विशेष शक्ति जागृत की जाती है। जिस समय में यह हमें लाभ पहुंचा सकती है उसे मुहूर्त कहा जाता है। नीचे नवग्रहों के 9 मुख्य रतन और उनके उप रतन को धारण करने की विधि तथा मुहूर्त बताया गया है। आप भी इस समय में बताए गए रत्नों को धारण करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

रतन धारण मुहूर्तों की विशेषता

वैसे तो साधारण अवस्था में किसी भी रत्न को उसके स्वामी के वार वाले दिन धारण कर लिया जाता है। जैसे सूर्य ग्रह का वार रविवार है इसीलिए सूर्य ग्रह का रत्न कोई भी व्यक्ति रविवार को धारण कर लेता है। परंतु शास्त्रों में लिखा है कि यदि उस वार का नक्षत्र भी उस दिन आ जावे तो रत्न को सिद्ध करने की शक्ति कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए हमारे द्वारा नीचे जो मुहूर्त दिए गए हैं। यह जिस रत्न को आप धारण करना चाहते हैं। उसके स्वामी के वार वाले दिन उस ग्रह के नक्षत्र का भी समावेश है अर्थात रत्न धारण करने के लिए डबल मुहूर्त निकाला गया है। इसके लिए वहां पर मुहूर्त का विशेष समय भी दिया गया है क्योंकि उस वार में ग्रह का नक्षत्र जितने समय तक रहेगा। उतने समय तक डबल मुहूर्त प्राप्त हो सकता है। अतः आप सभी सज्जन इन मुहूर्तों का लाभ उठा सकते हैं। यदि आप नीचे बताए गए मुहूर्त में रत्न को सिद्ध करते हैं तो रत्न का मालिक ग्रह अपने रत्न में अधिक ऊर्जा का संचार करेगा।

 

 

नोट – यदि आपको किसी ग्रह का तुलादान अथवा साधारण दान करना है तो भी आप उस ग्रह से संबंधित मुहूर्त वाले दिन तुला दान अथवा साधारण दान भी कर सकते हैं क्योंकि उस दिन उस ग्रह का नक्षत्र और वार तीनों ही उपस्थित होंगे। इसलिए दान करने के लिए भी यह मुहूर्त श्रेष्ठ फलदायक सिद्ध होंगे।

 

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Siddhi Yog Shubh Muhurat | सिद्धि योग (सन् 2024-2025)

special shubh muhurat

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मुहूर्त ग्रंथों में सिद्धि योग भी सर्वार्थसिद्धि और रवि योग की तरह ही प्रत्येक कार्य के लिए महत्वपूर्ण माने गए हैं। सिद्धि योग में काम आरंभ करने से यम घंटक व विष आदि का दोषों प्रभाव समाप्त हो जाता है। ऐसा शास्त्रों का वचन है।

सिद्धि योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
31 मार्चरात्रि 10:57 से22 मार्चसूर्योदय तक
11 अप्रैलरात्रि 03:06 से11 अप्रैलसूर्योदय तक
19 अप्रैलसुबह 10:57 से20 अप्रैलसूर्योदय तक
28 अप्रैलसूर्योदय से29 अप्रैलप्रातः 04:49 तक
08 मईदोपहर 01:34 से09 मईसूर्योदय तक
17 मईसूर्योदय से17 मई रात्रि 09:18 तक
26 मईसूर्योदय से26 मईसुबह 10:35 तक
05 जूनसूर्योदय से05 जूनरात्रि 09:16 तक
24 जूनदोपहर 03:55 से25 जूनसूर्योदय तक
22 जुलाईसूर्योदय से22 जुलाईरात्रि 10:21 तक
11 अगस्तप्रातः 05:49 से11 अगस्तसूर्योदय तक
19 अगस्तसूर्योदय से19 अगस्तसुबह 08:10 तक
29 अगस्तशाम 04:40 से30 अगस्तसूर्योदय तक
07 सितंबरदोपहर 12:35 से08 सितंबरसूर्योदय तक
26 सितंबरसूर्योदय से26 सितंबररात्रि 11:33 तक
05 अक्टूबरसूर्योदय से05 अक्टूबररात्रि 09:33 तक
15 अक्टूबररात्रि 10:09 से16 अक्टूबरसूर्योदय तक
12 नवंबरसुबह 07:53 से13 नवंबरप्रातः 05:40 तक
10 दिसंबरसूर्योदय से10 दिसंबरदोपहर 01:30 तक
21 दिसंबररात्रि 03:48 से21 दिसंबरसूर्योदय तक
29 दिसंबररात्रि 11:23 से30 दिसंबरसूर्योदय तक

सन् – 2025

17 जनवरीदोपहर 12:45 से18 जनवरीसूर्योदय तक
26 जनवरीसुबह 08:27 से27 जनवरीसूर्योदय तक
05 फरवरीरात्रि 08:34 से06 फरवरीसूर्योदय तक
14 फरवरीसूर्योदय से14 फरवरीरात्रि 11:09 तक
23  फरवरीसूर्योदय से23 फरवरीशाम 06:42 तक
05 मार्चसूर्योदय से06 मार्चरात्रि 01:08 तक
25 मार्चप्रातः 04:27 से25 मार्चसूर्योदय तक

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Siddhi Yog shubh muhurat | Today’s Shubh muhurat | Shubh muhurat Online

Dwipushkar yog shubh muhurat | द्विपुष्कर योग (सन् 2024-2025)

shubh muhurat pushkar yog

shubh muhurat pushkar yog

‘द्विपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि दोगुना। ‘जी हां’  द्विपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है दोगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 2 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग द्विपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह दोगुना लाभ प्रदान करता है।                                  

द्विपुष्कर योग सन् 204-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
16 मार्चशाम 04:06 से16 मार्चरात्रि 09:38 तक
26 मार्चदोपहर 02:57 से27 मार्चसूर्योदय तक
20 मईरात्रि 03:17 से20 मईसूर्योदय तक
23 जुलाईसूर्योदय से23 जुलाईसुबह 10:23 तक
11 अगस्तप्रातः 05:46  से 11 अगस्तप्रातः 05:49 तक
24 सितंबरसूर्योदय से24 सितंबरदोपहर 12:39 तक
17 नवंबरशाम 05:23 से17 नवंबररात्रि 09:06 तक
27 नवंबरप्रातः 04:35 से29 नवंबरसूर्योदय तक
07 दिसंबर  सुबह 11:07 से07 दिसंबरशाम 04:50 तक

सन – 2025

21 जनवरीसूर्योदय से21 जनवरीदोपहर 12:40 तक
16 मार्चसुबह 11:46 से16 मार्चशाम 04:58 तक
26 मार्चप्रातः 03:50 से26 मार्चसूर्योदय तक

 

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Tripushkar Yog | त्रिपुष्कर योग (सन् 2024-2025)

shubh muhurat teen guna labh dene wala yog
shubh muhurat teen guna labh dene wala yog ‘त्रिपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि तिगुना। ‘जी हां’  त्रिपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है तिगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 3 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग त्रिपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह तिगुना लाभ प्रदान करता है।    

त्रिपुष्कर योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
14 अप्रैल रात्रि 01:35 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक
20 अप्रैल दोपहर 02:05 से 20 अप्रैल रात्रि 10:42 तक
30 अप्रैल सुबह 07:06 से 01 मई प्रातः 04:09 तक
04 मई रात्रि 08:40 से 04 मई रात्रि 10:07 तक
18 जून दोपहर 03:57 से 19 जून सूर्योदय तक
23 जून शाम 05:04 से 24 जून रात्रि 03:26 तक
02 जुलाई सुबह 08:43 से 03 जुलाई प्रातः 04:40 तक
07 जुलाई प्रातः 04:27 से 07 जुलाई प्रातः 04:47 तक
21 अगस्त रात्रि 03:10 से 21 अगस्त सूर्योदय तक
25 अगस्त शाम 04:46 से 26 अगस्त सूर्योदय तक
23 अक्टूबर प्रातः 05:39 से 23 अक्टूबर सूर्योदय तक
29 अक्टूबर सूर्योदय से 29 अक्टूबर सुबह 10:32 तक
02 नवंबर रात्रि 08:23 से 03 नवंबर प्रातः 05:58 तक
17 दिसंबर सूर्योदय से 17 दिसंबर सुबह 10:56 तक
22 दिसंबर सुबह 06:15 से 22 दिसंबर दोपहर 02:32 तक

सन – 2025

 
01 जनवरी रात्रि 03:23 से 01 जनवरी सूर्योदय तक
05 जनवरी रात्रि 08:16 से 05 जनवरी रात्रि 08:18 तक
09 फरवरी शाम 05:54 से 09 फरवरी रात्रि 07:25 तक
25 फरवरी सूर्योदय से 21 फरवरी दोपहर 12:48 तक
01 मार्च सूर्योदय से 01 मार्च सुबह  11:22 तक

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Surya Grahan Dosha| संपातक दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024-2025)

grahan dosha upay

grahan dosha upay

ओम नमः शिवाय,
आप सभी का शिव साधक परिवार में स्वागत है। सज्जनों आप में से जिन जिन लोगों ने हमारे कार्यालय से वैदिक रावण संहिता का निर्माण करवाया है और उनकी कुंडली में संपातक दोष बताया गया है। उस संपातक दोष का उपाय हालांकि कुंडली के अंदर दिया गया है परंतु यह उपाय सिर्फ सूर्यग्रहण के मध्यकाल में ही करना होता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह दोष बहुत प्रबल होता है और यह कभी भी कटता नहीं है परंतु प्रत्येक सूर्यग्रहण के मध्यकाल में उपाय करने से यह दोष कुछ समय के लिए दब जाता है इसीलिए इस दोष का उपाय आजीवन प्रत्येक सूर्यग्रहण के मध्यकाल में करना होता है। यदि किसी कारणवश किसी सज्जन का यह उपाय सूर्य ग्रहण के दिन करना छूट गया हो या अभी सूर्य ग्रहण आने में काफी समय बाकी बचा हुआ हो अथवा संपातक दोष का जो अशुभ फल आपकी कुंडली में लिखा है, वह बहुत ज्यादा आपके ऊपर हावी हो रहा हो तो उस बुरे प्रभाव को दबाने के लिए यहाँ कुछ विशेष मुहूर्त यहां दिए जा रहे हैं। आप इन दिए गए मुहूर्तों में भी संपातक दोष का उपाय कर सकते हैं। यह मुहूर्त भी सूर्य ग्रहण जितना प्रभाव रखने की क्षमता रखते हैं।

संपातक दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024)

तारीख प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

20 जनवरी दोपहर 01:14 से21 जनवरी रात्रि 02:02 तक
19 फरवरीरात्रि 03:19 से19 फरवरीशाम 04:07 तक
20 मार्चरात्रि 02:13 से20 मार्चदोपहर 03:01 तक
19 अप्रैलदोपहर 01:06 से20 अप्रैलरात्रि 01:54 तक
20 मईदोपहर 12:06 से21 मईरात्रि 00:54 तक
20 जूनरात्रि 07:57 से21 जूनसुबह 08:45 तक
22 जुलाईसुबह 06:51 से22 जुलाईरात्रि 07:39 तक
22 अगस्तदोपहर 02:01 से23 अगस्तरात्रि 02:49 तक
22 सितंबरसुबह 11:50 से23 सितंबररात्रि 00:38 तक
22 अक्टूबररात्रि 09:21 से23 अक्टूबरसुबह 10:09 तक
21 नवंबररात्रि 07:03 से22 नवंबरसुबह 07:51 तक
21 दिसंबरसुबह 08:27 से21 दिसंबररात्रि 09:15 तक

संपातक दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2025)

तारीख प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
19 जनवरी रात्रि 07:06 से20 जनवरी सुबह 07:54 तक
18 फरवरीसुबह 09:13 से18 फरवरीरात्रि 10:01 तक
20 मार्चसुबह 08:08 से20 मार्चरात्रि 08:56 तक

Surya grahan dosha | Sampatak dosha ke upay krne ke liye muhurat

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Sampatak Dosh Upay/ संपातक दोष उपायके बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आपCommentbox में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।

Chandra Grahan Dosha | उत्पीड़न दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024-2025)

Chandra grahan dosha upay

Chandra grahan dosha upay

ओम नमः शिवाय,
आप सभी का शिव साधक परिवार में स्वागत है। सज्जनों आप में से जिन – जिन लोगों ने हमारे कार्यालय से वैदिक रावण संहिता का निर्माण करवाया है और उनकी कुंडली में उत्पीड़न दोष बताया गया है। उस उत्पीड़न दोष का उपाय हालांकि कुंडली के अंदर दिया गया है परंतु यह उपाय सिर्फ चंद्र ग्रहण के मध्यकाल में ही करना होता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यह दोष बहुत प्रबल होता है और यह कभी भी कटता नहीं है परंतु प्रत्येक चंद्र ग्रहण के मध्यकाल में उपाय करने से यह दोष कुछ समय के लिए दब जाता है इसीलिए इस दोष का उपाय आजीवन प्रत्येक चंद्र ग्रहण के मध्यकाल में करना होता है। यदि किसी कारणवश किसी सज्जन का यह उपाय चंद्र ग्रहण के दिन करना छूट गया हो या अभी चंद्र ग्रहण आने में काफी समय बाकी बचा हुआ हो अथवा उत्पीड़न दोष का जो अशुभ फल आपकी कुंडली में लिखा है, वह बहुत ज्यादा आपके ऊपर हावी हो रहा हो तो उस बुरे प्रभाव को दबाने के लिए यहाँ कुछ विशेष मुहूर्त यहां दिए जा रहे हैं। आप इन दिए गए मुहूर्तों में भी उत्पीड़न दोष का उपाय कर सकते हैं। यह मुहूर्त भी चंद्र ग्रहण जितना प्रभाव रखने की क्षमता रखते हैं।

उत्पीड़न दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2024)

तारीख प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
07 जनवरी रात्रि 06:09 से08 जनवरी रात्रि 00:23 तक
19 जनवरीरात्रि 11:12 से20 जनवरीप्रातः 04:34 तक
02 फरवरीरात्रि 08:13 से03 फरवरीरात्रि 01:12 तक
14 फरवरीरात्रि 08:23 से15 फरवरीरात्रि 00:22 तक
28 फरवरीप्रातः 10:15 से28 फरवरीदोपहर 02:37 तक
11 मार्चरात्रि 07:33 से11 मार्चरात्रि 10:56 तक
24 मार्चरात्रि 09:48 से25 मार्चरात्रि 02:02 तक
06 अप्रैलरात्रि 08:40 से07 अप्रैलरात्रि 00:08 तक
19 अप्रैलसुबह 10:32 से19 अप्रैलदोपहर 02:58 तक
02 मईरात्रि 07:28 से02 मईरात्रि 11:32 तक
15 मईरात्रि 03:51 से15 मईसुबह 09:08 तक
28 मईरात्रि 07:54 से29 मईरात्रि 01:15 तक
10 जूनसुबह 10:28 से10 जूनशाम 05:06 तक
02 जुलाईदोपहर 01:09 से02 जुलाईरात्रि 05:09 तक
16 जुलाईसुबह 11:06 से16 जुलाईशाम 04:53 तक
28 जुलाईरात्रि 08:14 से29 जुलाईरात्रि 00:50 तक
11 अगस्तसुबह 10:12 से11 अगस्तदोपहर 02:54 तक
23 अगस्तरात्रि 07:14 से23 अगस्तरात्रि 10:51 तक
06 सितंबररात्रि 01:05 से06 सितंबरप्रातः 05:17 तक
18 सितंबररात्रि 08:02 से18 सितंबररात्रि 11:15 तक
01 अक्टूबरदोपहर 01:32 से01 अक्टूबरशाम 05:38 तक
14 अक्टूबररात्रि 09:26 से15 अक्टूबररात्रि 00:53 तक
27 अक्टूबररात्रि 02:11 से27 अक्टूबर सुबह 06:39 तक
09 नवंबररात्रि 07:24 से09 नवंबररात्रि 11:44 तक
21 नवंबररात्रि 08:31 से22 नवंबररात्रि 01:50 तक
05 दिसंबररात्रि 08:07 से06 दिसंबररात्रि 02:00 तक
18 दिसंबरसुबह 09:05 से18 दिसंबरदोपहर 03:37 तक
27 दिसंबरदोपहर 02:38 से27 दिसंबररात्रि 09:33 तक

उत्पीड़न दोष उपाय मुहूर्त (सन् 2025)

तारीख प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
09 जनवरीदोपहर 02:03 से09 जनवरीरात्रि 07:24 तक
22 जनवरीरात्रि 11:22 से23 जनवरीप्रातः 04:47 तक
04 फरवरीदोपहर 03:17 से04 फरवरीरात्रि 07:23 तक
17 फरवरीशाम 04:45 से17 फरवरीरात्रि 09:11 तक
02 मार्चदोपहर 12:50 से02 मार्चशाम 04:13 तक
15 मार्चसुबह 06:11 से15 मार्चसुबह 10:12 तक
28 मार्चदोपहर 01:12 से28 मार्चशाम 04:29 तक

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Chandra Grahan Dosha | Utpeedan Dosha  

Utpidan Dosh Upay / उत्पीड़न दोष उपाय के बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।

Amrit Siddhi Muhurat | अमृत सिद्धि योग (सन् 2024-2025)

auspicious muhurat yoga

auspicious muhurat yoga

शास्त्रों में “अमृत सिद्धि योग” को अमृत के समान फल देने वाला कहा गया है। ध्यान रहे मंगलवार वाले अमृत सिद्धि योग के समय नए घर में प्रवेश करना तथा शनिवार वाले अमृत सिद्धि योग के समय यात्रा नहीं करनी चाहिए। बाकी सभी कामों के लिए निसंकोच आप इन्हें प्रयोग में ला सकते हैं।

अमृत सिद्धि योग सन 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
16 मार्चसूर्योदय से16 मार्चशाम 04:05 तक
09 अप्रैलसुबह 07:33 से10 अप्रैलप्रातः 05:06 तक
21 अप्रैल शाम 05:09 से22 अप्रैलसूर्योदय तक
07 मईसूर्योदय से 07 मई दोपहर  03:32 तक
19 मई सूर्योदय से20 मई प्रातः 03:16 तक
16 जूनसूर्योदय से16 जूनसुबह 11:12 तक
19 जूनशाम 05:24 से20 जूनसूर्योदय तक
17 जुलाईसूर्योदय से18 जुलाईप्रातः 03:12 तक
26 जुलाईदोपहर  02:31 से 27 जुलाईसूर्योदय तक
14 अगस्तसूर्योदय से14 अगस्तदोपहर 12:12 तक
23 अगस्तसूर्योदय से23 अगस्तरात्रि 07:24 तक 
23 सितंबररात्रि 10:08 से24 सितंबरसूर्योदय तक
26 सितंबररात्रि 11:34 से27 सितंबरसूर्योदय तक
21 अक्टूबरसुबह 06:51 से22 अक्टूबररात्रि 02:29 तक
24 अक्टूबरसूर्योदय से25 अक्टूबररात्रि 01:58 तक
16 नवंबररात्रि 07:29 से17 नवंबरसूर्योदय तक
18 नवंबरसूर्योदय से18 नवंबरदोपहर    03:48 तक
21 नवंबरसूर्योदय से21 नवंबरदोपहर    03:35 तक
14 दिसंबरसूर्योदय से15 दिसंबररात्रि 03:54 तक

सन – 2025

07 जनवरीदोपहर 03:51 से08 जनवरीसूर्योदय तक
11 जनवरीसूर्योदय से11 जनवरीदोपहर  12:29 तक
19 जनवरीशाम 05:31 से20 जनवरीसूर्योदय तक
04 फरवरीसूर्योदय से04 फरवरीरात्रि 09:50 तक
16 फरवरीसूर्योदय से17 फरवरीरात्रि 02:16 तक
16 मार्चसूर्योदय से16 मार्चसुबह 11:45 तक
19 मार्चरात्रि 08:51 से20 मार्चसूर्योदय तक

 

 

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Amrit Siddhi Yoga / अमृत सिद्धि योग के बारे में यह artical यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।

Ravi Yog (Shubh Muhurat) | रवि योग (सन् 2024-2025)

Shubh muhurat

Shubh muhurat

रवि योग भी सर्वार्थसिद्धि योग की तरह सभी कार्यों के लिए शुभ (Shubh Muhurat) माने जाते हैं। रवि योग सभी बुरे अशुभ योगों को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति रखता है। :- “कुयोग विध्वंस कराः शुभेषु’

रवि योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
17 मार्चशाम 04:48 से17 मार्चरात्रि 08:54 तक
18 मार्चशाम 06:11 से20 मार्चरात्रि 10:38 तक
23 मार्चप्रातः 04:28 से24 मार्चप्रातः 07:33 तक
30 मार्चरात्रि 10:04 से31 मार्चप्रातः 07:48 तक
31 मार्चरात्रि 10:57 से01 अप्रैलदोपहर 01:12 तक
11 अप्रैलरात्रि 03:06 से12 अप्रैलरात्रि 01:38 तक
13 अप्रैलरात्रि 00:41 से13 अप्रैलरात्रि 09:03 तक
14 अप्रैलरात्रि 00:50 से15 अप्रैलरात्रि 01:34 तक
17 अप्रैलप्रातः 05:16 से19 अप्रैलसुबह 10:56 तक
21 अप्रैलशाम 05:09 से22 अप्रैलरात्रि 07:59 तक
30 अप्रैलप्रातः 04:43 से01 मईप्रातः 04:09 तक
10 मईसुबह 10:47 से11 मईसुबह 07:01 तक
11 मईसुबह 10:16 से12 मईसुबह 10:26 तक
13 मईसुबह 11:24 से14 मईदोपहर 01:05 तक
16 मईशाम 06:13 से19 मईरात्रि 00:23 तक
21 मईप्रातः 05:47 से22 मईसुबह 07:46 तक
29 मईसुबह 08:39 से30 मईसुबह 07:31 तक
09 जूनरात्रि 08:21 से10 जूनरात्रि 09:39 तक
11 जूनरात्रि 11:39 से13 जूनरात्रि 02:12 तक
15 जूनसुबह 08:14 से17 जूनदोपहर 01:50 तक
19 जूनशाम 05:24 से 20 जूनशाम 06:10 तक
27 जूनसुबह 11:37 से28 जूनसुबह 10:10 तक
09 जुलाईसुबह 07:53 से10 जुलाईसुबह 10:15 तक
11 जुलाईदोपहर 01:05 से12 जुलाईशाम 04:08 तक
14 जुलाईरात्रि 11:07 से17 जुलाईरात्रि 02:13 तक
19 जुलाईरात्रि 03:26 से19 जुलाईरात्रि 11:10 तक
20 जुलाईरात्रि 02:56 से21 जुलाईरात्रि 01:48 तक
26 जुलाईदोपहर 02:31 से27 जुलाईदोपहर 12:59 तक
07 अगस्तरात्रि 08:31 से08 अगस्तशाम 04:34 तक
10 अगस्तरात्रि 02:45 से11 अगस्तप्रातः 05:48 तक
13 अगस्तसुबह 10:45 से15 अगस्तदोपहर 12:52 तक
18 अगस्तसुबह 10:16 से19 अगस्तसुबह 08:10 तक
24 अगस्तशाम 06:06 से 25 अगस्तशाम 04:45 तक
06 सितंबरसुबह 09:26 से07 सितंबरदोपहर 12:35 तक
08 सितंबरदोपहर 03:31 से09 सितंबरशाम 06:04 तक
11 सितंबररात्रि 09:22 से14 सितंबरसुबह 10:32 तक
16 सितंबरशाम 04:34 से17 सितंबरदोपहर 01:53 तक
22 सितंबररात्रि 11:03 से23 सितंबररात्रि 10:07 तक
05 अक्टूबररात्रि 09:34 से07 अक्टूबररात्रि 00:11 तक
08 अक्टूबररात्रि 02:26 से09 अक्टूबरप्रातः 04:08 तक
12 अक्टूबरप्रातः 05:26 से14 अक्टूबररात्रि 02:51 तक
15 अक्टूबररात्रि 10:09 से16 अक्टूबररात्रि 07:17 तक
22 अक्टूबरप्रातः 05:52 से23 अक्टूबरप्रातः 05:38 तक
24 अक्टूबररात्रि 00:42 से24 अक्टूबरसुबह 06:15 तक
04 नवंबरसुबह 08:04 से05 नवंबरसुबह 09:45 तक
07 नवंबरसुबह 11:48 से08 नवंबरदोपहर 12:03 तक
10 नवंबरसुबह 11:00 से12 नवंबरसुबह 07:52 तक
14 नवंबररात्रि 03:12 से15 नवंबररात्रि 00:33 तक
21 नवंबरदोपहर 03:36 से22 नवंबरशाम 05:09 तक
04 दिसंबरशाम 05:15 से05 दिसंबरशाम 05:26 तक
06 दिसंबरशाम 05:19 से07 दिसंबरशाम 04:50 तक
09 दिसंबरदोपहर 02:57 से11 दिसंबरसुबह 11:47 तक
13 दिसंबरसुबह 07:51 से14 दिसंबरप्रातः 05:47 तक
21 दिसंबररात्रि 03:48 से22 दिसंबरसुबह 06:14 तक

सन् – 2025

02 जनवरीरात्रि 11:11 से03 जनवरीरात्रि 10:21 तक
04 जनवरीरात्रि 09:24 से05 जनवरीरात्रि 08:17 तक
07 जनवरीशाम 05:51 से09 जनवरीदोपहर 03:07 तक
12 जनवरीसुबह 11:25 से13 जनवरीसुबह 10:38 तक
19 जनवरीशाम 05:31 से20 जनवरीरात्रि 08:30 तक
01 फरवरीसुबह 04:15 से02 फरवरीरात्रि 02:33 तक
03 फरवरीरात्रि 00:53 से03 फरवरीरात्रि 11:16 तक
05 फरवरीरात्रि 08:34 से06 फरवरीसुबह 07:48 तक
06 फरवरीरात्रि 07:30 से08 फरवरीशाम 06:07 तक
10 फरवरीशाम 06:01 से11 फरवरीशाम 06:34 तक
18 फरवरीसुबह 07:36 से19 फरवरीसुबह 10:40 तक
19 फरवरीदोपहर 12:26 से20 फरवरीदोपहर 01:30 तक
02 मार्चसुबह 09:00 से03 मार्चसुबह 06:39 तक
04 मार्चप्रातः 04:30 से04 मार्चशाम 06:39 तक
05 मार्चरात्रि 02:38 से06 मार्चरात्रि 01:08 तक
07 मार्चरात्रि 11:33 से09 मार्चरात्रि 11:55 तक
12 मार्चरात्रि 02:16 से13 मार्चप्रातः 04:05 तक
20 मार्च रात्रि 11:32 से22 मार्चरात्रि 01:45 तक

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Sarvarth Siddhi Muhurat | सर्वार्थ सिद्धि योग (सन् 2024-2025)

shubh muhurat
Sarvarth siddhi yog muhurat ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ – नाम से ही एहसास हो जाता है कि यह सभी काम सिद्ध करने के योग के बारे में है। आज के समय में एक अच्छा मुहूर्त निकालना बड़ा ही दुसाध्य काम है। यदि सही समय पर सही विद्वान न मिले तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। जिसका बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है। लोक व्यवहार की बोलचाल में कहा भी गया है। :- कि अच्छे समय में यदि कोई बुरा काम भी कर लेता है, तो भी व्यक्ति को वाहवाही मिल जाती है क्योंकि समय अच्छा है। पर यदि बुरे समय अर्थार्थ बुरे मुहूर्त में किया गया शुभ काम भी नुकसान दे जाता है। आप सबकी इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह मुहूर्त नाम से कॉलम बनाया गया है। इस कॉलम में आपको इस साल के सभी शुभ मुहूर्त मिल जाएंगे। कई बार गुरु और शुक्र अस्त चल रहा हो तो उस समय में पंडित जन मुहूर्त बंद बताते हैं क्योंकि शास्त्रों में बताया गया है कि जब भी गुरु और शुक्र अस्त हो जाते हैं। तब सभी शुभ काम बंद हो जाते हैं। संसार में ऐसे बहुत सारे काम होते हैं, जिन्हें करना अनिवार्य होता है और उनके लिए रुकना संभव नहीं हो पाता। इसीलिए शास्त्रों में इसका भी समाधान सर्वार्थ सिद्धि योग आदि मुहूर्तों के द्वारा किया जाता है। यदि किसी काम को जल्दी करने की स्थिति में कोई आवश्यक मुहूर्त नहीं मिल पा रहा हो तो व्यक्ति आंख बंद करके सर्वार्थ सिद्धि आदि योगों में अपना काम आरंभ कर सकता है। इन मुहूर्तों में गुरु – शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि किसी भी चीज का विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यह अपने आप में ही सिद्ध मुहूर्त होते हैं। जो सभी कुयोगों को समाप्त करने की शक्ति रखते हैं। जैसे कि इनके नाम से ही स्पष्ट है। इन योगों के समय में कोई भी शुभ काम किया जाए तो वह सफल होता है। जैसे :- कहीं यात्रा पर जाना हो, गृह प्रवेश करना हो, कोई नया काम शुरू करना हो तो व्यक्ति इन मुहूर्तों में कर सकता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग सन् 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
31 मार्च रात्रि 10:57 से 01 अप्रैल सूर्योदय तक
07 अप्रैल दोपहर 12:59 से 08 अप्रैल सूर्योदय तक
07 अप्रैल दोपहर 12:58 से 08 अप्रैल सूर्योदय तक
( 09 अप्रैल सुबह 07:33 से 10 अप्रैल सुबह 05:06 तक) मंगलवार
11 अप्रैल रात्रि 03:06 से 11 अप्रैल सूर्योदय तक
16 अप्रैल रात्रि 03:06 से 16 अप्रैल सूर्योदय तक
17 अप्रैल प्रातः 05:16 से 17 अप्रैल सूर्योदय तक
19 अप्रैल सुबह 10:57 से 20 अप्रैल सूर्योदय तक
21 अप्रैल सूर्योदय से 22 अप्रैल सूर्योदय तक ) रविवार
25 अप्रैल रात्रि 02:24 से 27 अप्रैल रात्रि 03:40 तक
28 अप्रैल सूर्योदय से 29 अप्रैल प्रातः 04:49 तक
05 मई सूर्योदय से 05 मई रात्रि 07:57 तक
( 07 मई सूर्योदय से 07 मई दोपहर 03:32 तक) मंगलवार
08 मई दोपहर 01:34 से 09 मई सूर्योदय तक
13 मई सुबह 11:24 से 14 मई सूर्योदय तक
14 मई दोपहर 01:06 से 15 मई सूर्योदय तक
17 मई सूर्योदय से 17 मई रात्रि 09:18 तक
19 मई सूर्योदय से 20 मई रात्रि 03:16 तक) रविवार
23 मई सुबह 09:15 से 24 मई सूर्योदय तक
26 मई सूर्योदय से 26 मई सुबह 10:35 तक
03 जून रात्रि 01:41 से 03 जून सूर्योदय तक
04 जून रात्रि 10:35 से 06 जून सूर्योदय तक
09 जून रात्रि 08:21 से 10 जून रात्रि 09:39 तक
11 जून सूर्योदय से 11 जून रात्रि 11:38 तक
( 16 जून सूर्योदय से 16 जून सुबह 11:12 तक) रविवार
19 जून शाम 05:24 से 20 जून शाम 06:10 तक
23 जून शाम 05:04 से 24 जून सूर्योदय तक
24 जून दोपहर 03:55 से 25 जून सूर्योदय तक
30 जून सुबह 07:35 से 01 जुलाई सूर्योदय तक
02 जुलाई सूर्योदय से 03 जुलाई प्रातः 04:40 तक
03 जुलाई सूर्योदय से 04 जुलाई प्रातः 04:07 तक
06 जुलाई प्रातः 04:07 से 06 जुलाई सूर्योदय तक
07 जुलाई सूर्योदय से 08 जुलाई सुबह 06:02 तक
09 जुलाई सूर्योदय से 09 जुलाई सुबह 07:52 तक
( 17 जुलाई सूर्योदय से 18 जुलाई रात्रि 03:12 तक) बुधवार
21 जुलाई सूर्योदय से 22 जुलाई रात्रि 00:14 तक
22 जुलाई सूर्योदय से 22 जुलाई रात्रि 10:21 तक
( 26 जुलाई दोपहर 02:31 से 27 जुलाई सूर्योदय तक ) शुक्रवार
28 जुलाई सूर्योदय से 28 जुलाई सुबह 11:45 तक
30 जुलाई सूर्योदय से 30 जुलाई सुबह 10:23 तक
31 जुलाई सूर्योदय से 01 अगस्त सूर्योदय तक
02 अगस्त सुबह 10:59 से 03 अगस्त सूर्योदय तक
04 अगस्त सूर्योदय से 04 अगस्त दोपहर 01:26 तक
11 अगस्त प्रातः 05:49 से 11 अगस्त सूर्योदय तक
( 14 अगस्त सूर्योदय से 14 अगस्त दोपहर 12:12 तक) बुधवार
18 अगस्त सूर्योदय से 18 अगस्त सुबह 10:15 तक
19 अगस्त सूर्योदय से 19 अगस्त सुबह 08:10 तक
22 अगस्त रात्रि 10:06 से 23 अगस्त रात्रि 07:54 तक) शुक्रवार
26 अगस्त दोपहर 03:56 से 27 अगस्त सूर्योदय तक
28 अगस्त सूर्योदय से 28 अगस्त दोपहर 03:53 तक
29 अगस्त शाम 04:40 से 30 अगस्त शाम 05:55 तक
07 सितंबर दोपहर 12:35 से 08 सितंबर सूर्योदय तक
09 सितंबर शाम 06:05 से 10 सितंबर सूर्योदय तक
14 सितंबर रात्रि 08:33 से 15 सितंबर सूर्योदय तक
19 सितंबर सुबह 08:05 से 21 सितंबर रात्रि 02:42 तक
23 सितंबर सूर्योदय से 24 सितंबर सूर्योदय तक) सोमवार
26 सितंबर सूर्योदय से 27 सितंबर सूर्योदय तक) गुरुवार
02 अक्टूबर दोपहर 12:23 से 03 अक्टूबर सूर्योदय तक
05 अक्टूबर सूर्योदय से 05 अक्टूबर रात्रि 09:33 तक
07 अक्टूबर सूर्योदय से 08 अक्टूबर रात्रि 02:25 तक
12 अक्टूबर प्रातः 05:26 से 13 अक्टूबर प्रातः 04:27 तक
15 अक्टूबर रात्रि 10:09 से 16 अक्टूबर सूर्योदय तक
17 अक्टूबर सूर्योदय से 18 अक्टूबर दोपहर 01:26 तक
21 अक्टूबर सूर्योदय से 22 अक्टूबर प्रातः 05:51 तक
24 अक्टूबर सूर्योदय से 25 अक्टूबर सूर्योदय तक
30 अक्टूबर सूर्योदय से 30 अक्टूबर रात्रि 09:43 तक
04 नवंबर सूर्योदय से 04 नवंबर सुबह 08:04 तक
08 नवंबर दोपहर 12:04 से 09 नवंबर सुबह 11:47 तक
12 नवंबर सुबह 07:56 से 13 नवंबर प्रातः 05:40 तक
14 नवंबर सूर्योदय से 15 नवंबर रात्रि 00:33 तक
( 16 नवंबर रात्रि 07:29 से 17 नवंबर सूर्योदय तक ) शनिवार
( 18 नवंबर सूर्योदय से 18 नवंबर दोपहर 03:48 तक ) सोमवार
( 21 नवंबर सूर्योदय से 21 नवंबर दोपहर 03:35 तक ) गुरुवार
24 नवंबर रात्रि 10:17 से 25 नवंबर सूर्योदय तक
06 दिसंबर सूर्योदय से 06 दिसंबर शाम 05:18 तक
10 दिसंबर सूर्योदय से 10 दिसंबर दोपहर 01:30 तक
12 दिसंबर सूर्योदय से 12 दिसंबर सुबह 09:52 तक
( 14 दिसंबर सूर्योदय से 15 दिसंबर रात्रि 03:54 तक ) शनिवार
21 दिसंबर रात्रि 03:58 से 21 दिसंबर सूर्योदय तक
22 दिसंबर सूर्योदय से 23 दिसंबर सूर्योदय तक
29 दिसंबर रात्रि 11:23 से 30 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

05 जनवरी रात्रि 08:18 से 06 जनवरी सूर्योदय तक
( 07 जनवरी शाम 05:51 से 08 जनवरी सूर्योदय तक ) मंगलवार
( 11 जनवरी सूर्योदय से 11 जनवरी दोपहर 12:29 तक ) शनिवार
17 जनवरी दोपहर 12:45 से 18 जनवरी सूर्योदय तक
19 जनवरी सूर्योदय से 20 जनवरी सूर्योदय तक 
24 जनवरी प्रातः 05:09 से 24 जनवरी सूर्योदय तक
26 जनवरी सुबह 08:27 से 27 जनवरी सूर्योदय तक
02 फरवरी सूर्योदय से 03 फरवरी रात्रि 00:52 तक
04 फरवरी सूर्योदय से 04 फरवरी रात्रि 09:49 तक
05 फरवरी रात्रि 08:34 से 06 फरवरी सूर्योदय तक
10 फरवरी शाम 06:01 से 11 फरवरी सूर्योदय तक
11 फरवरी शाम 06:35 से 12 फरवरी सूर्योदय तक
14 फरवरी सूर्योदय से 14 फरवरी रात्रि 11:09 तक
(16 फरवरी सूर्योदय से 17 फरवरी प्रातः 04:31 तक) रविवार
20 फरवरी दोपहर 01:31 से 21 फरवरी सूर्योदय तक
23 फरवरी सूर्योदय से 23 फरवरी शाम 06:42 तक
02 मार्च सूर्योदय से 02 मार्च सुबह 08:59 तक
03 मार्च प्रातः 06:40 से 03 मार्च सूर्योदय तक
05 मार्च रात्रि 02:38 से 06 मार्च सूर्योदय तक
09 मार्च रात्रि 11:56 से 11 मार्च रात्रि 00:51 तक
11 मार्च सूर्योदय से 12 मार्च रात्रि 02:15 तक
( 16 मार्च सूर्योदय से 16 मार्च सुबह 11:45 तक ) रविवार
( 19 मार्च रात्रि 08:51 से 20 मार्च सूर्योदय तक ) बुधवार
20 मार्च सूर्योदय से 20 अप्रैल रात्रि 11:31 तक
24 मार्च प्रातः 04:19 से 24 मार्च सूर्योदय तक
25 मार्च प्रातः 04:27 से 25 मार्च सूर्योदय तक
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