Dwipushkar yog shubh muhurat | द्विपुष्कर योग (सन् 2025-2026)

shubh muhurat pushkar yog

‘द्विपुष्कर योग’ जैसे कि नाम से ही पता चलता है कि दोगुना। ‘जी हां’  द्विपुष्कर योग में यदि किसी व्यक्ति को लाभ होता है तो है दोगुना होता है और यदि किसी कारणवश हानि हो जाती है तो वह भी 2 गुना ही होती है। अतः जितने भी हमारे शास्त्रों में अच्छे मुहूर्त और योग बताए गए हैं उनको दोगुना करने वाला योग द्विपुष्कर योग कहलाता है। इस युग में शुभ काम करने पर यह दोगुना लाभ प्रदान करता है।                                  

द्विपुष्कर योग सन् 2025-2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

20 मई

सूर्योदय से

20 मई

प्रातः 05:52 तक

05 जून

सूर्योदय से

05 जून

सुबह 09:39 तक

22 जुलाई  

सूर्योदय से

22 जुलाई  

सुबह 07:06 तक

10 अगस्त   

दोपहर 12:11 से

10 अगस्त   

दोपहर 01:52 तक

23 सितंबर  

दोपहर 01:41 से

24 सितंबर  

प्रातः 04:52 तक

04 अक्टूबर    

सूर्योदय से

04 अक्टूबर    

सुबह 09:09 तक

17 नवंबर  

रात्रि 02:12 से

17 नवंबर  

प्रातः 04:48 तक

06 दिसंबर

सूर्योदय से

06 दिसंबर

सुबह 08:48 तक

सन् 2026

प्रारंभ काल – तारीख

प्रारंभ काल – घं.मि.

तारीख – समाप्ति काल

समाप्ति काल – घं.मि.

20 जनवरी

दोपहर 01:07 से

21 जनवरी

रात्रि 02:42 तक

16 मार्च

प्रातः 05:57 से

16 मार्च

सूर्योदय तक

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