मकान, दुकान आदि की नींव रखने के मुहूर्त | Bhumi Pujan ke shubh muhurat

bhumi pujan shubh muhurat

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मकान बनाने के लिए पृथ्वी की शुभाशुभ परीक्षाः-मकान की नींव को इतना गहरा खोदें कि जल दीखने लगे अथवा दूसरी मिट्टी जब तक निकले अथवा साढे तीन हाथ गहरी खोदें अर्थात् मनुष्य के बराबर खोदें। खोदते समय यदि जमीन में पत्थर निकले तो धन-आयु की वृद्धि हो, अगर गुठली निकले तो धननाश हो अगर अस्थि, राख, बाल निकले तो मकान बनाने वाले को व्याधि-पीड़ा हो।

गृहारंभ मुहूर्त सन्:- 2024

प्रारंभ काल – तारीख

मुहूर्त का समय – घं.मि.

*(11 जुलाई)दोपहर 01:04 के बाद
*(12 जुलाई)सुबह 07:09 के बाद,
विशेष:- सुबह 08:13 से सुबह 10:33 तक, अभिजित्
17 जुलाईसुबह 07:53 से सुबह 10:13 तक,
दोपहर 12:31 से दोपहर 02:52 तक, मृत्युबाण 
*(26 जुलाई)दोपहर 02:30 के बाद
*(27 जुलाई)सुबह 10:25 से दोपहर 12:59 तक, मृत्युबाण परिहार
*(31 जुलाई)सूर्योदय से सुबह 10:12 तक (भौमयुति परिहार)
सुबह 10:12 से दोपहर 02:13 तक, 
शाम 05:49 के बाद
*(01 अगस्त)सूर्योदय सेसुबह 10:24 तक
19 अगस्तसुबह 08:10 के बाद, 
विशेष:- सुबह 10:21 से दोपहर 03:03 तक, अभिजित्
*(28 अगस्त)सुबह 09:46 से दोपहर 02:27 तक 
*(04 सितंबर)सुबह 09:18 से दोपहर 12:00 तक 
14 सितंबरसुबह 08:35 से दोपहर 01:17 तक, अभिजित्, भद्रा परिहार 
18 अक्टूबरसुबह 06:25 से दोपहर 01:11 तक, अभिजित्
*(21 अक्टूबर)सूर्योदय से सुबह 06:50 तक
*(24 अक्टूबर)पूरा दिन
*(04 नवंबर)सूर्योदय से सुबह 08:03 तक
*(07 नवंबर)सुबह 11:51 के बाद
*(08 नवंबर)सूर्योदय से सुबह 08:27 तक, 
सुबह 10:51 से दोपहर 12:03 तक
*(18 नवंबर)सुबह 09:05 से दोपहर 12:50 तक, अभिजित्
*(25 नवंबर)सूर्योदय से सुबह 11:41 तक, (केतुयुति परिहार)
विशेष:- सुबह 08:37 से दोपहर 12:33 तक, अभिजित् 
*(27 नवंबर)सुबह 08:30 से दोपहर 12:15 तक
*(05 दिसंबर)दोपहर 12:49 के बाद
*(07 दिसंबर)सूर्योदय से शाम 04:50 तक, 
सुबह 07:50 से सुबह 11:36 तक
11 दिसंबरसुबह 11:48 के बाद
12 दिसंबरसुबह 07:31 से सुबह 11:16 तक

गृहारंभ मुहूर्त सन्:-2025

प्रारंभ काल – तारीख

मुहूर्त का समय – घं.मि.

15 जनवरीसुबह 09:01 से सुबह 10:28 तक
*(22 जनवरी)सूर्योदय से दोपहर 03:18 तक
*(31 जनवरी)सूर्योदय से दोपहर 03:32 तक
विशेष:-  सुबह 07:51 से सुबह 09:24 तक, सुबह 10:46 से दोपहर 12:29 तक, अभिजित्  
15 फरवरीसुबह 09:47 से दोपहर 01:15 तक, अभिजित्
*(19 फरवरी)सूर्योदय से सुबह 10:40 तक
*(20 फरवरी)दोपहर 03:09 के बाद
*(21 फरवरी)सुबह 09:23 से दोपहर 12:51 तक 

*(तारा) अंकित मुहूर्त्तों में केवल ‘वृष-वास्तुचक्र-शुद्धि’ नहीं है, अन्यथा ये मुहूर्त्त सर्वथा शुद्ध हैं।

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Bhumi Pujan ke shubh muhurat
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Bhumi Pujan Ke Shubh Muhurat
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नये गृह में प्रवेश करने का मुहूर्त | Best Griha Pravesh Shubh Muhurat 2024-2025

nav griha pravesh dates

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नए घर में प्रवेश करने का मुहूर्त सन्:- 2024

प्रारंभ काल – तारीखमुहूर्त का समय – घं.मि.
15 अप्रैल सुबह 07:28 से सुबह 11:37 तक, अभिजित्
11 जुलाईदोपहर 01:04 के बाद
12 जुलाईसुबह 07:13 से सुबह 10:33 तक, अभिजित्
18 अक्टूबरसुबह से दोपहर 01:11 तक, अभिजित्, मृत्युबाण परिहार
*(21 अक्टूबर)सूर्योदय से सुबह 11:11 तक
*(23 अक्टूबर)सुबह 07:27 से दोपहर 12:52 तक, भौमयुति परिहार
*(24 अक्टूबर)सुबह 08:26 से दोपहर 12:48 तक, अभिजित्
28 अक्टूबरदोपहर 03:23 के बाद
*(04 नवंबर)सूर्योदय से सुबह 08:03 तक
07 नवंबरसुबह 11:51 के बाद
08 नवंबरसूर्योदय से सुबह 08:27 तक, 
सुबह 10:51 से दोपहर 12:03 तक
09 नवंबरसुबह 07:20 से सुबह 11:45 तक, अभिजित्
13 नवंबरपूरा दिन
*(18 नवंबर)सूर्योदय से सुबह 08:01 तक, 
सुबह 09:05 से दोपहर 12:50 तक, अभिजित्  
20 नवंबरसुबह 08:57 से दोपहर 12:43 तक 
25 नवंबरसुबह 08:37 से दोपहर 12:23 तक, अभिजित्, भद्रा परिहार, केतुयुति परिहार
27 नवंबरपूरा दिन
*(05 दिसंबर)दोपहर 12:41 के बाद, मृत्युबाण परिहार
*(06 दिसंबर)सूर्योदय से सुबह 10:43 तक
07 दिसंबरसुबह 07:50 से सुबह 11:36 तक, अभिजित्
11 दिसंबरसुबह 11:48 के बाद, भद्रा-परिहार
12 दिसंबरसूर्योदय से सुबह 09:53 तक

नए घर में प्रवेश करने का मुहूर्त सन्:-2025

प्रारंभ काल – तारीख

मुहूर्त का समय – घं.मि.

*(15 जनवरी)सुबह 09:01 से सुबह 10:28 तक, 
सुबह 11:49 से दोपहर 01:22 तक 
*(18 जनवरी)दोपहर 02:51 के बाद, केतुयुति परिहार
22 जनवरीसुबह 07:34 से 09:59 तक
सुबह 11:21 से दोपहर 12:54 तक
24 जनवरीसुबह 07:26 से सुबह 09:51 तक
सुबह 11:15 से दोपहर 12:46 तक, अभिजित्, भद्रा परिहार, मृत्युबाण परिहार
*(31 जनवरी)सुबह 07:51 से सुबह 09:24 तक,
सुबह 10:46 से दोपहर 12:29 तक, अभिजित्
07 फरवरीसूर्योदय से शाम 04:16 तक
विशेष:- सुबह 07:31 से सुबह 08:56 तक, सुबह 10:19 से सुबह 11:51 तक, अभिजित् 
10 फरवरीसुबह 07:19 से सुबह 08:44 तक
सुबह 10:07 से सुबह 11:39 तक, अभिजित्
*(15 फरवरी)सुबह 09:47 से दोपहर 01:15 तक, अभिजित्
*(19 फरवरी)सुबह 09:31 से सुबह 11:04 तक, बुधपादवेधऽभावः
*(21 फरवरी)सुबह 09:23 से दोपहर 12:51 तक, अभिजित्
06 मार्चसुबह 08:32 से दोपहर 12:00 तक, अभिजित्

* (तारा) अंकित मुहूर्तों में केवल कलशचक्र-शुद्धि नहीं है, अन्यथा ये मुहूर्त्त सर्वथा शुद्ध हैं।

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केतु के रत्न लहसुनिया धारण विधि, मुहूर्त | Cats Eye Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

lehsuniya ratan dharan karne ka mantra vidhi

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आप शुद्ध तथा असली लहसुनिया अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी लहसुनिया जैसा ही देंगे। जैसे वैदूर्य, कैट्स आई, गोदंती, संगी, अलेक्जेंड्राइट चांदी की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर काले  – सफेद अथवा चितकबरे रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर लहसुनिया तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ स्त्राम् स्त्रीम् स्त्रौम् सः केतवे नमः। 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ स्त्राम् स्त्रीम् स्त्रौम् सः केतवे नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की अनामिका (छोटी अंगुली के पास वाली अंगुली) में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

केतु ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
21 मार्चरात्रि 01:26 से मार्चसूर्योदय तक 
18 अप्रैलसुबह 07:56 से19 अप्रैलसूर्योदय तक
16 मईसूर्योदय से16 मईशाम 06:14 तक
19 जुलाईरात्रि 03:25 से19 जुलाईसूर्योदय तक
15 अगस्तदोपहर 12:52 से16 अगस्तसूर्योदय तक
12 सितंबरसूर्योदय से12 सितंबररात्रि 09:52 तक
17 अक्टूबरशाम 04:20 से18 अक्टूबर सूर्योदय तक
14 नवंबरसूर्योदय से15 नवंबररात्रि 00:33 तक
12 दिसंबरसूर्योदय से12 दिसंबरसुबह 09:52 तक 
20 दिसंबररात्रि 01:59 से20 दिसंबरसूर्योदय तक

सन – 2025

16 जनवरीसुबह 11:16 से17 जनवरीसूर्योदय तक
13 फरवरीसूर्योदय से13 फरवरीरात्रि 09:07 तक

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राहू के रत्न गोमेद आदि धारण विधि, मुहूर्त | Gomed Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

gomed ratan dharan karne ka mantra vidhi

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आप शुद्ध तथा असली गोमेद अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी गोमेद जैसा ही देंगे। जैसे तुरसा, साफा आदि अष्टधातु अथवा चांदी की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर नीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर गोमेद तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ भ्राम् भ्रीम् भ्रौम् सः राहवे नमः। 

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ भ्राम् भ्रीम् भ्रौम् सः राहवे नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की मध्यमा (सबसे बड़ी अंगुली में) धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

 राहू ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
24 अप्रैलसूर्योदय से25 अप्रैलरात्रि 00:41 तक
22 मईसूर्योदय से22 मईसुबह 07:46 तक
26 जूनदोपहर 01:05 से27 जूनसूर्योदय तक
24 जुलाईसूर्योदय से24 जुलाईशाम 06:14 तक
28 अगस्तदोपहर 03:53 से29 अगस्तसूर्योदय तक
25 सितंबरसूर्योदय से25 सितंबररात्रि 11:23 तक

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शनि के रत्न नीलम आदि धारण विधि, मुहूर्त | Neelam Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

neelam dhran karne ka mantra vidhi

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आप शुद्ध तथा असली नीलम अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी नीलम जैसा ही देंगे। जैसे नीलिमा, जमुनिया, नीला कटहला, एमेथिस्ट, ब्लैकस्टार, ब्लू टोपाज आदि पंचधातु अथवा सोने, चांदी की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर काले रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर नीलम तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ प्राम् प्रीम् प्रौम् सः शनैश्चराय नमः। 

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ प्राम् प्रीम् प्रौम् सः शनैश्चराय नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की मध्यमा (सबसे बड़ी अंगुली में) धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

 

शनि ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
04 मईरात्रि 10:07 से05 मईसूर्योदय तक
01 जूनसूर्योदय से02 जून रात्रि 03:16 तक
29 जूनसूर्योदय से29 जूनसुबह 08:49 तक 
31 अगस्तसूर्योदय से31 अगस्तरात्रि 09:39 तक
28 दिसंबरसूर्योदय से28 दिसंबररात्रि 10:13 तक

सन – 2025

01 मार्चसुबह 11:22 से02 मार्चसूर्योदय तक
29 मार्चसूर्योदय से29 मार्चरात्रि 07:26 तक

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शुक्र के रत्न हीरा जरकन धारण विधि, मुहूर्त | Zircon Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

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आप शुद्ध तथा असली हीरा अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी हीरे जैसा ही देंगे। जैसे करगी, सिम्मा, जरकन, ओपल, कुरंगी, दूधिया आदि सोने, चांदी अथवा प्लैटिनम की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर हीरे तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ द्राम् द्रीम् द्रौम् सः शुक्राय नमः।

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ द्राम् द्रीम् द्रौम् सः शुक्राय नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की अनामिका (छोटी अंगुली के पास वाली अंगुली) अथवा कनिष्ठिका (छोटी अंगुली) में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

 

शुक्र ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
23 मार्चप्रातः 04:27 से23 मार्चसूर्योदय तक
19 अप्रैलसुबह 10:56 से20 अप्रैलसूर्योदय तक
17 मईसूर्योदय से17 मईरात्रि 09:18 तक
20 जुलाईरात्रि 02:55 से20 जुलाईसूर्योदय तक
16 अगस्तदोपहर 12:43 से17 अगस्तसूर्योदय तक
13 सितंबरसूर्योदय से13 सितंबररात्रि 09:35 तक
20 सितंबररात्रि 02:42 से21 सितंबरसूर्योदय तक
18 अक्टूबरदोपहर 01:26 से19 अक्टूबरसूर्योदय तक
15 नवंबरसूर्योदय से15 नवंबररात्रि 09:55 तक
13 दिसंबरसूर्योदय से13 दिसंबर सुबह 07:50 तक
21 दिसंबररात्रि 03:47 से21 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

17 जनवरीदोपहर 12:44 से18 जनवरीसूर्योदय तक
14 फरवरीसूर्योदय से14 फरवरीरात्रि 11:09 तक

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गुरु के रत्न पुखराज आदि धारण विधि, मुहूर्त Pukhraj Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

pukhraj dharne karne ki vidhi muhurat

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आप शुद्ध तथा असली पुखराज अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी पुखराज जैसा ही देंगे। जैसे – सुनहैला, पीला हकीक, केसरी, घियाकेरु आदि सोने की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर पुखराज तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ ग्राम् ग्रीम् ग्रौम् सः गुरवे नमः। 

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ ग्राम् ग्रीम् ग्रौम् सः गुरवे नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की तर्जनी (अंगूठे के पास वाली अंगुली) में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

 

गुरु ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
28 मार्चशाम 6:38 से 29 मार्चसूर्योदय तक
25 अप्रैलसूर्योदय से26 अप्रैल रात्रि 02:23 तक
23 मईसूर्योदय से23 मईसुबह 09:14 तक
27 जूनसुबह 11:36 से28 जूनसूर्योदय तक
25 जुलाईसूर्योदय से25 जुलाईशाम 04:16 तक
29 अगस्तशाम 04:39 से30 अगस्तसूर्योदय तक
26 सितंबरसूर्योदय से26 सितंबररात्रि 11:33 तक
26 दिसंबरशाम 06:09 से27 दिसंबरसूर्योदय तक

सन – 2025

23 जनवरीसूर्योदय से 24 जनवरीप्रातः 05:08 तक 
20 फरवरीसूर्योदय से 20 फरवरीदोपहर 01:30 तक

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बुद्ध के रत्न पन्ना आदि धारण विधि, मुहूर्त | Emerald Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

panna ratan dharan vidhi mantra

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आप शुद्ध तथा असली पन्ना अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी पन्ने जैसा ही देंगे। जैसेजैसे संग पन्ना, मरगज, ओनेक्स, हरा तुरमली आदि सोने की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर हरे रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर पन्ने तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ ब्राम् ब्रीम् ब्रौम् सः बुधाय नमः। 

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें। 

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ ब्राम् ब्रीम् ब्रौम् सः बुधाय नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की कनिष्ठिका (छोटी अंगुली) में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

 

बुद्ध ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीखप्रारंभ काल – घं.मि.तारीख – समाप्ति कालसमाप्ति काल – घं.मि.
20 मार्चरात्रि 10:38 से21 मार्चसूर्योदय तक
17 अप्रैलसूर्योदय से18 अप्रैलसूर्योदय तक
15 मईसूर्योदय से15 मईदोपहर 03:25 तक 
11 सितंबरसूर्योदय से11 सितंबर रात्रि 09:21 तक
16 अक्टूबर रात्रि 07:17 से17 अक्टूबर सूर्योदय तक
13 नवंबरसूर्योदय से14 नवंबररात्रि 03:11 तक
11 दिसंबर सूर्योदय से11 दिसंबरसुबह 11:47 तक

सन – 2025

15 जनवरीसुबह 10:28 से16 जनवरीसूर्योदय तक
12 फरवरीसूर्योदय से12 फरवरीरात्रि 07:35 तक

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मंगल के रत्न मूंगा आदि धारण विधि, मुहूर्त | Coral Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

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आप शुद्ध तथा असली मूंगा अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी मूंगे जैसा ही देंगे जैसे लाल हकीक, तामड़ा, संगसितारा आदि तांबे की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें। 

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर मूंगे तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ क्राम् क्रीम् क्रौम् सः भौमाय नमः। 

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें।

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ क्राम् क्रीम् क्रौम् सः भौमाय नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की अनामिका (छोटी अंगुली के पास वाली) अंगुली में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

मंगल ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन : 2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
26 मार्च दोपहर 1:33 से 27 मार्च सूर्योदय तक
23 अप्रैल सूर्योदय से 23 अप्रैल रात्रि 10:32  तक
21 मई सूर्योदय से 21 मई सुबह 05:46 तक
25 जून दोपहर 02:32 से 26 जून सूर्योदय तक
23 जुलाई सूर्योदय से 23 जुलाई रात्रि 08:18 तक
27 अगस्त दोपहर 03:38 से 28 अगस्त सूर्योदय तक
24 सितंबर सूर्योदय से 24 सितंबर रात्रि 09:54 तक
22 अक्टूबर सूर्योदय से 22 अक्टूबर सुबह 05:51 तक
24 दिसंबर दोपहर 12:17 से 25 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

21 जनवरी सूर्योदय से 21 जनवरी रात्रि 11:36 तक
18 फरवरी सूर्योदय से 18 फरवरी सुबह 07:35 तक
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श्रावण माह माहात्म्य बाइसवाँ अध्याय | Chapter -22 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य इक्कीसवाँ अध्याय | Chapter -21 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य बीसवाँ अध्याय | Chapter -20 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य उन्नीसवाँ अध्याय | Chapter -19 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य अठारहवाँ अध्याय | Chapter -18 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य सत्रहवाँ अध्याय | Chapter -17 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य सोलहवाँ अध्याय | Chapter -16 Shravan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य पन्द्रहवाँ अध्याय | Chapter -15 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य चौदहवाँ अध्याय | Chapter -14 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य तेरहवाँ अध्याय | Chapter -13 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य बारहवाँ अध्याय | Chapter -12 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य ग्यारहवाँ अध्याय | Chapter -11 Sawan Maas ki Katha

श्रावण माह माहात्म्य दसवाँ अध्याय | Chapter -10 Sawan Maas ki Katha (Kahani)

श्रावण माह माहात्म्य नवाँ अध्याय | Chapter -9 Sawan Maas ki Katha (Kahani)

श्रावण माह माहात्म्य आठवाँ अध्याय | Chapter -8 Sawan Maas ki Katha (Kahani)

चंद्रमा के रत्न मोती आदि धारण विधि, मुहूर्त | Pearl Ratan Dharan Vidhi, Muhurat

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आप शुद्ध तथा असली साउथ सी का सुच्चा मोती अथवा इसके उपरत्न जो कि सस्ते भी होंगे और शुभ असर भी मोती जैसा ही देंगे। जैसे – निमरू, मूनस्टोन, चंद्रमणि, सफेद पुखराज आदि चांदी की अंगूठी में बनवाकर नीचे बताए गए शुभ मुहूर्त में धारण करें।

प्राण प्रतिष्ठा तथा रत्न धारण की विधि

मुहूर्त वाले दिन पूजा पाठ वाले स्थान पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर अपनी रत्न जड़ित अंगूठी रख दीजिए। जोतधूप जलाकर एक कटोरी में कच्ची लस्सी (दूध में पानी मिलाकर) और दूसरी कटोरी में थोड़ा गंगाजल रखिए। इसके बाद अपने आसन पर बैठकर मोती तथा इसके उपरत्नों में विशेष शक्ति उत्पन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

ॐ श्राम् श्रीम् श्रौम् सः चंद्रमसे नमः। 

 

 

मंत्र जाप पूरा होने के बाद नीचे लिखा हुआ प्राण प्रतिष्ठा मंत्र 3 बार बोलें।

आं ह्रीं कों यं रं लं वं शं सं षं हं सः

देवस्य प्राणाः इह प्राणाः पुनरूच्चार्य देवस्य सर्वेन्द्रियाणी इह।

पुनरूच्चार्य देवस्य त्वक्पाणि पाद पायु पस्थादीनि इहः।।

पुनरूच्चार्य देवस्य वाङमनश्चक्षुः क्षोत्रा घृणानि इहागत्य सुखेन चिरंतिष्ठतु स्वाहा।।

 

 

इसके बाद रतन को उठाकर सबसे पहले दूध मिले जल में धो लें। उसके बाद गंगाजल में धोकर तथा धूपदीप के ऊपर से सात बार सीधी तरफ (क्लॉक वाइज) घुमाकर ॐ श्राम् श्रीम् श्रौम् सः चंद्रमसे नमः। मंत्र बोलते हुए जिस हाथ से आप काम करते हैं यानी आपका (एक्टिव हैंड) उस हाथ की कनिष्ठिका (छोटी अंगुली) में धारण करें। 

नोट अपने आसन से उठने से पहले धरती पर हाथ लगाकर उसे माथे से लगाकर प्रणाम करें।

चंद्रमा ग्रह के रत्न धारण करने के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

सन:-2024-2025

प्रारंभ काल – तारीख प्रारंभ काल – घं.मि. तारीख – समाप्ति काल समाप्ति काल – घं.मि.
25 मार्च प्रातः 10:35 से 26 मार्च सूर्योदय तक 
22 अप्रैल सूर्योदय से 22 अप्रैल रात्रि 07:59 तक
24 जून दोपहर 03:54 से 25 जून सूर्योदय तक
22 जुलाई सूर्योदय से 22 जुलाई रात्रि 10:21 तक
19 अगस्त सूर्योदय से 19 अगस्त सुबह 08:10 तक
26 अगस्त दोपहर 03:55 से 27 अगस्त सूर्योदय तक
23 सितंबर सूर्योदय से 23 सितंबर रात्रि 10:07 तक
21 अक्टूबर सूर्योदय से 21 अक्टूबर सुबह 06:50 तक
23 दिसंबर सुबह 09:09 से 24 दिसंबर सूर्योदय तक

सन – 2025

20 जनवरी सूर्योदय से 20 जनवरी रात्रि 08:30 तक 
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