मुकद्दमा दायर करने का शुभ मुहूर्त | Shubh Muhurt for Court Case Filing

कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।

वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी  भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ मुहूर्त दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।

ग्रार्हय तिथि :-3, 5, 8, 10, 13(शुक्ल) तथा पूर्णिमा  ।

ग्रार्हय वार :-रविवार, मंगलवार, बुधवार,वीरवार  ।

ग्रार्हय  नक्षत्र :-भरणी, आर्द्रा, आश्लेषा, मघा, पूर्वा -तीनों, जेष्ठा तथा मूल  ।

ग्रह लग्न:-3, 6, 7, 8, 11 राशि लग्न  ।   जब शुभ ग्रह लग्न में हो  ,  पाप ग्रह 3, 6, 11 वे हो तथा अष्टम भाव शुद्ध हो  ।

विशेष :-गोचरानुसार  याचिकाकर्ता का चंद्रमा एवं मंगल भी बलावन्वित होने चाहिए|

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भूमि खरीदने का मुहूर्त | Shubh Muhurat for Property Purchase & Registration

जमीन | मकान | प्रॉपर्टी खरीदने का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।

वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी  भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ मुहूर्त दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।

मैं यहाँ  मकान, फ्लैट, प्लॉट और जमीन सहित किसी भी सम्पत्ति को खरीदने के लिए शुभः दिन दे रहा हूँ । आधुनिक सन्दर्भ में ये दिन सम्पत्ति के पंजीकरण के लिए अनुकूल हैं। 

 ग्राह्य मास:- वैशाख, जेष्ठा, आषाढ़ (मिथुनार्क तक – 15 जुलाई ), मार्गशीर्ष, माघ और फाल्गुन मास भूमि क्रय के लिए उत्तम कहे गए हैं  ।

 ग्राह्य  तिथियां:- 1(कृष्ण पक्ष), कृष्ण तथा शुक्ल पक्ष की2, 5, 6, 10,  11 एवं पूर्णिमा |

  ग्राह्य  नक्षत्र :- मृगशिरा, पुनर्वसु, अश्लेषा, मघा, विशाखा, अनुराधा, तीनों पूर्वा, मूल स्वाति, शतभिषा,और रेवती   ।

शुभ वार:- मंगलवार, गुरुवार एवं शुक्रवार  ।

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जमीन खरीदने का शुभ दिन | 
मकान खरीदने का शुभ दिन | प्रॉपर्टी खरीदने का शुभ दिन 

Shubh Muhurat for Property Purchase and Registration

चुनाव से खड़े होने का मुहूर्त | Shubh Muhurat To File Election Nomination Paper

कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।

वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी  भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ मुहूर्त दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।

[File Nomination for Election ] चुनाव नामांकन हेतु शुभ मुहूर्त (Shubh muhurat) , शुभ दिन, तिथि, नक्षत्र, का चुनाव करने से कार्यसिद्धि की सफलता दोगुनी हो जाती है। आप भी चुनाव नामांकन ( Election Nomination ) के लिए मुहूर्त का अवश्य ही चयन करे अवश्य ही शुभ परिणाम आएगा।  यदि आप भी राजनीति से सम्बन्ध रखते हैं तो अवश्य ही चुनाव में टिकट लेने के लिए अपने पार्टी के शीर्षस्थ नेता से सम्पर्क में होंगे या आपका टिकट मिलना तय हो गया होगा तो मेरा आपसे अनुरोध है की शुभ मुहूर्त में ही चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करें क्योंकि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए शुभ दिन, तिथि, नक्षत्र, घड़ी इत्यादि का चुनाव करने से कार्यसिद्धि मुहूर्त की सफलता दोगुनी हो जाती है।

शुभ तिथियाँ :- 1(कृष्ण), 2, 3, 5, 9, 10, 12, 14 (शुक्ल)

शुभ वार:- सोमवार, बुधवार, वीरवार, शुक्रवार ।

शुभ लग्न :-1, 4, 8,10 ।

 शुभ नक्षत्र:-अश्विनी, रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य, उफा0, उषा0, उ भा0, हस्त,अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, रेवती ।

 विशेष :-केंद्र, त्रिकोण में शुभ ग्रह हो आप ग्रहण हो,3, 6, 11 वें पाप ग्रह हो ।

 लग्न एंव लग्नेश पर शुभ ग्रह की  दृष्टि हो  ।

बुध, शुक्र,गुरु  उदित हों चन्द बली हो  । तथा प्रत्याशी की राशि मुहूर्त वाले दिन-छोटे,आठवें एवं 12 वें न हो ।

 संसद्  में शपथ ग्रहण के समय स्थिर लग्न प्रशस्त होता हैं।

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Shubh Muhurat To File Election Nomination Paper
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नवीन वस्त्र धारण करने का मुहूर्त | Shubh Muhurat to wear New Lucky Dress

कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।

वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी  भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ मुहूर्त दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।

विवाह , यज्ञ , सम्वत् या वर्षारम्भ में, विशेष उत्सव, त्यौहार, प्रेम के उपहार -स्वरूप, जन्म-नक्षत्र के दिन, ईश्वर भक्ति में अथवा ब्राह्मण की आज्ञा मिलने पर बिना पंचांग-शुद्धि के भी नवीन वस्त्र धारण किए जा सकते है  । यद्यपि व्यक्ति अपना  चंद्र बल देखकर और शुभ लग्न में नूतन वस्त्रों को धारण करे।

शुभ तिथियाँ:- 1(कृष्ण), 2, 3, 5, 7, 10, 11, 13 (शुक्ल) व.पूर्णिमा  ।

शुभ वार :-रविवार ,  बुधवार, वीरवार, शुक्रवार।

शुभ नक्षत्र :-अश्विनी, रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य,उफा0, उषा0, उ भा0, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा  धनिष्ठा व रेवती।

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नया कपड़ा पहनने का मुहूर्त | वस्त्र धारण विधि | नया वस्त्र कब धारण करें? 
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मंत्र सिद्ध करने का मुहूर्त | Auspicious Timings for Mantra Sadhana

सिद्धि‘ का शाब्दिक अर्थ है – ‘पूर्णता’, ‘प्राप्ति’, ‘सफलता’ आदि। 

ज्योतिष वह विज्ञान है जो मनुष्य क़े अंधविश्वास रूपी अन्धकार का हरण करके ज्ञान का प्रकाश करता है| ज्योतिष भाग्य पर नहीं कर्म और केवल कर्म पर ही आधारित शास्त्र है|

ज्योतिष (Astrology) की दुनिया में कुछ योग और मुहूर्त बेहद शुभ होते हैं | इन योग या मुहूर्त में विशेष पूजा या मंत्रों का जाप करने से शुभ फल मिलता है| साधना-सिद्धि में वार, तिथि, नक्षत्र और लग्न का बहुत महत्व है। कौन से वार, नक्षत्र एवं लग्न में साधना करें जानिए-

ग्राह्य तिथियाँ:-2, 3, 5, 7, 10, 11, 13 ( शुक्ल ), 15

ग्राह्य वार:-रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार  ।

ग्राह्य नक्षत्र:-अश्विनी, मृगशिरा, उ.फा(), हस्त, श्रव्य. तथा विशाखा ।  इसके अतिरिक्त रविपुष्य योगो, निरयण एंव सायन संक्रन्ति सक्रंमण -काल, दीपावली आदि योगों मे मन्त्र सिध्दि सम्बन्धी कार्य किए जाते है  ।

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मंत्र सिद्धि के अनुभव और समाधि, मंत्र  सिद्ध कैसे करें,  गुरु सिद्धि मंत्र, वाणी सिद्धि मंत्र, नारायण सिद्ध मंत्र
How do I get Siddhi powers?  
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ऑपरेशन कराने का मुहूर्त | Shubh Muhurat To Undergo Surgery (Operation)

ज्योतिष वह विज्ञान है जो मनुष्य क़े अंधविश्वास रूपी अन्धकार का हरण करके ज्ञान का प्रकाश करता है| ज्योतिष भाग्य पर नहीं कर्म और केवल कर्म पर ही आधारित शास्त्र है|

नक्षत्रों का कभी क्षरण नहीं होता तथा वे सदैव अपने स्थान पर ही रहते हैं। जिस नक्षत्र में बच्चे का जन्म होता है, उसी के अनुसार उसकी जन्म राशि का निर्धारण होता है। शुभ नक्षत्रों का ध्यान रखते हुए यदि कोई कार्य किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है।

शुभ मुहूर्त-तिथि-वार देखकर कृषि संबंधी कार्यो की शुरूआत की जाए, तो अपेक्षित परिणाम मिलते हैं।

अन्य ग्रहों का संबंध मनुष्य पर या पृथ्वी पर स्पष्ट रूप में पड़े या नहीं, पर सूर्य एवं चंद्र का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है। सूर्य के भिन्न-भिन्न नक्षत्रों में प्रवेश करने से मौसम बदलते रहते हं, उसी प्रकार पूर्णिमा एवं अमावस्या के फलस्वरूप समुद्र में ज्वार भाटा स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। पूर्णिमा एवं अमावस्या को मानसिक रूप से असंतुलित लोग ज्यादा परेशान रहते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ग्रह-नक्षत्र का प्रभाव पृथ्वी के साथ-साथ मनुष्य पर भी पड़ता है। मौसम में परिवर्तन सूर्य-चंद्र का सम्मिलित प्रभाव से होता है।

जानें ऐसे ही कुछ शुभ नक्षत्र – तिथि-वार जो बेहद शुभ और लाभकारी हैं।

ग्राह्य तिथियाँ:- 2, 3, 5, 6, 7, 10, 12,  (13- शुक्ल)

ग्राह्य वार:- रविवार, मंगलवार, गुरुवार,  शनिवार  ।

ग्राह्य नक्षत्र:-अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, हस्त,  चित्रा, स्वाति, अनुराध, अभिजीत, श्रवण  ।

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Shubh Muhurat To Undergo Surgery (Operation)
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औषधि निर्माण एंव सेवन | Shubh Muhurat To Start Medicines

ज्योतिष वह विज्ञान है जो मनुष्य क़े अंधविश्वास रूपी अन्धकार का हरण करके ज्ञान का प्रकाश करता है| ज्योतिष भाग्य पर नहीं कर्म और केवल कर्म पर ही आधारित शास्त्र है|

शुभ मुहूर्त-तिथि-वार देखकर कृषि संबंधी कार्यो की शुरूआत की जाए, तो अपेक्षित परिणाम मिलते हैं।

नक्षत्रों का कभी क्षरण नहीं होता तथा वे सदैव अपने स्थान पर ही रहते हैं। जिस नक्षत्र में बच्चे का जन्म होता है, उसी के अनुसार उसकी जन्म राशि का निर्धारण होता है। शुभ नक्षत्रों का ध्यान रखते हुए यदि कोई कार्य किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है। यहां हम औषधि सेवन व निर्माण कार्यों की विवेचना कर रहे हैं जिन्हें शुभ नक्षत्र में करने से लाभ मिल सकता है। जानें ऐसे ही कुछ शुभ नक्षत्र जो बेहद शुभ और लाभकारी हैं।

ग्राह्य तिथियाँ:- 1(कृष्ण), 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, 13 (शुक्ल)

ग्राह्य वार:- रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार  ।

ग्राह्य नक्षत्र:- यहाँ जन्म नक्षत्र त्याज्य रहेगा

लघु संज्ञक (अश्विनी, पुष्य,  हस्त,अभिजीत) ,

मृदु संज्ञक (मृगशिरा, चित्रा, रेवती),

चर संज्ञक (पुनर्वसु, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा) तथा मूल नक्षत्र(ज्येष्ठा,मूल)  ।

लग्न शुद्धि:- द्विस्वभाव (3, 6, 9, 12) तथा लग्न ,सप्तम,अष्टम तथा द्वादश भाव शुध्द हो अर्थात इन बातों पर क्रोध की स्थिति व दृष्टि वर्ज्य है  ।

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Shubh Muhurat To Start Medicines
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Shubh Muhurat For Storage of Food Grain | अनाज संग्रह(भरने) का मुहूर्त 2024-2025

शुभ मुहूर्त-तिथि-वार देखकर कृषि संबंधी कार्यो की शुरूआत की जाए, तो अपेक्षित परिणाम मिलते हैं।

ज्योतिषशास्त्र में कृषि संबंधी कार्यों के लिए उपयोगी मुहूर्तों का उल्लेख किया गया है। यदि इन मुहूर्तो को घ्यान में रखते हुए कृषि संबंधी कार्य सम्पन्न किए जाएं, तो लाभ की संभावना रहती है।

कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।

वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी  भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ मुहूर्त दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।

शुभ मुहूर्त निर्धारण में वर्जित योग

  1. जन्म नक्षत्र, जन्म तिथि, जन्म मास, माता-पिता की मृत्यु के दिन आदि।
  2. क्षय तिथियां, वृद्धि तिथियां, क्षय मास, अधिमास, क्षय वर्ष, दग्ध तिथियां आदि।

ग्राह्य तिथियाँ:- 2, 3, 5, 7, 8, 11, 12, 13 (शुक्ल), 15

ग्राह्य वार:- सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार  ।

ग्राह्य नक्षत्र:- अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य,  पुनर्वसु,  उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद,  हस्त,  चित्रा , स्वाती ,अनुराधा, मूल , श्रवण ,धनिष्ठा, शतभिषा तथा रेवती  ।

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Shubh Muhurat For Storage of Food Grain
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शुभ मुहूर्त कितने बजे हैं? | कृषि पंचांग | पंचांग विज्ञान | कृषि शास्त्र | Shubh Muhurat for Safe storage of food grain and seeds |
अनाज संग्रहण | धान्य संग्रह | सफलता के लिए शुभ मुहूर्त | फसल काटने का मुहूर्त | गेहूं काटने का शुभ मुहूर्त 

खेती में बीज बोने (हल चलाने) का मुहूर्त 2024-2025 | Beej Bone ka Shubh Muhurat

sowing seeds

sowing seeds

शुभ मुहूर्त-तिथि-वार देखकर कृषि संबंधी कार्यो की शुरूआत की जाए, तो अपेक्षित परिणाम मिलते हैं।

ज्योतिषशास्त्र में कृषि संबंधी कार्यों के लिए उपयोगी मुहूर्तों का उल्लेख किया गया है। यदि इन मुहूर्तो को घ्यान में रखते हुए कृषि संबंधी कार्य सम्पन्न किए जाएं, तो लाभ की संभावना रहती है।

अन्य ग्रहों का संबंध मनुष्य पर या पृथ्वी पर स्पष्ट रूप में पड़े या नहीं, पर सूर्य एवं चंद्र का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है। सूर्य के भिन्न-भिन्न नक्षत्रों में प्रवेश करने से मौसम बदलते रहते हं, उसी प्रकार पूर्णिमा एवं अमावस्या के फलस्वरूप समुद्र में ज्वार भाटा स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। पूर्णिमा एवं अमावस्या को मानसिक रूप से असंतुलित लोग ज्यादा परेशान रहते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि ग्रह-नक्षत्र का प्रभाव पृथ्वी के साथ-साथ मनुष्य पर भी पड़ता है। मौसम में परिवर्तन सूर्य-चंद्र का सम्मिलित प्रभाव से होता है।

जब सूर्य रोहिणी में प्रवेश करता है तो बहुत गर्मी पड़ती है, मृगशिरा में इतनी गर्मी नहीं होती है एवं आद्र्रा में वर्षा शुरू हो जाती है।

सूर्य के नक्षत्र के अनुसार किसानों को अपने खेत में बीज बोने के लिए निर्देश दिया गया है। अगर गलत नक्षत्र में बीज बोए जाएं, तो फसल नहीं होगी। इस तरह यहां भी मुहूर्त देखने की जरूरत है। सूर्य मास की तरह ही चंद्र मास भी होता है। चित्रा नक्षत्र जिस मास की पूर्णिमा को होता है वह महीना चैत्र कहा जाता है, विशाखा अगर पूर्णिमा को हो तो वैशाख मास आदि।

शुभ मुहूर्त निर्धारण में वर्जित योग

  1. जन्म नक्षत्र, जन्म तिथि, जन्म मास, माता-पिता की मृत्यु के दिन आदि।
  2. क्षय तिथियां, वृद्धि तिथियां, क्षय मास, अधिमास, क्षय वर्ष, दग्ध तिथियां आदि।

ग्राह्य तिथियाँ:- 1 (कृष्ण), 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, 13 (कृष्ण)  तथा पूर्णिमा । 

ग्राह्य वार:- रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार

ग्राह्य नक्षत्र:- अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य , मघा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, धनिष्ठा, तथा रेवती ।

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दुकान अथवा व्यापार आरंभ करने का मुहूर्त सन 2024-2025

किसी भी कार्य को संपादित करने के लिए सही दिन, सही समय अर्थात शुभ मुहूर्त का चुनाव ही उस कार्य में त्वरित सफलता दिलाता है। वैदिक काल से लेकर आज तक किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा रही है। शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न होता है, ऐसा ऋषि-मुनियों का वचन है तथा यह अनुभवजन्य भी है।

यह स्वाभाविक-सी बात है कि इस अशुभ समय में किया गया कार्य या तो पूर्ण नहीं होगा या विलंब से होगा या व्यवधान के साथ होगा या नहीं भी हो सकता है। परंतु नकारात्मक विचार रखने वाले यह भी कह सकते हैं कि क्या गारंटी है कि शुभ समय में किया गया कार्य पूरा हो ही जाए या उसमें कोई व्यवधान न हो। लेकिन यह सच है कि अशुभ समय के चयन से तो शुभ समय का चयन अच्छा ही होगा, क्योंकि यदि अच्छा मुहूर्त हमारा भाग्य नहीं बदल सकता तो कार्य की सफलता के पथ को सुगम तो बना सकता है।

दुकान खोलने अथवा व्यापार आरंभ करने के लिए शुभ नक्षत्र | Auspicious Nakshatras for Business or Opening Shop :

हस्त, चित्रा, रोहिणी, रेवती, उत्तराफाल्गुनी,  उत्तराषाढ़ा,  उत्तराभाद्रपद, पुष्य, अश्विणी, अभिजीत

दुकान खोलने अथवा व्यापार आरंभ करने के लिए शुभ तिथियां | Auspicious Tithi for Business or Opening Shop : 

1, 2, 3, 5, 6, 7, 8 ,10, 11, 12, 13, 15

दुकान खोलने अथवा व्यापार आरंभ करने के लिए शुभ वार | Auspicious Day for Business or Opening Shop : 

सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार

दुकान खोलने अथवा व्यापार आरंभ करने के लिए शुभ लग्न | Auspicious Timing for Business or Opening Shop : 

कुंभ लग्न को छोड़कर अन्य लग्नों में

दुकान खोलने अथवा व्यापार आरंभ करने के लिए शुभ समय : 2, 10, 11 स्थानों में शुभ ग्रह बैठे हों, 3, 6 में पाप ग्रह हों, 8, 12 वां स्थान पाप रहित हो, शुभ दशा भी हो तो दुकान करना शुभ है, चंद्र लग्न में हो तो अत्यंत शुभ है।

दुकान अथवा व्यापार आरंभ करने का मुहूर्त सन् -2024

प्रारंभ काल – तारीखमुहूर्त का समय – घं.मि.
11 जुलाईदोपहर 01:04 के बाद
12 जुलाईसुबह 07:09 के बाद
17 जुलाईसुबह 07:53 से सुबह 10:13 तक
21 जुलाईपूरा दिन
22 जुलाईसुबह 07:33 से सुबह 09:53 तक
दोपहर 12:11 से दोपहर 02:33 तक, अभिजित्
27 जुलाईसुबह 10:25 से दोपहर 12:59 तक (मृत्युबाण परिहार),
दोपहर 12:51 के बाद
28 जुलाईसूर्योदय से सुबह 11:47 तक
31 जुलाईसूर्योदय से दोपहर 02:14 तक, भौमयुति परिहार
01 अगस्तसूर्योदय से सुबह 10:24 तक
09 अगस्तपूरा दिन (केतुयुति परिहार)
14 अगस्तसुबह 10:24 से दोपहर 12:13 तक
23 अगस्तसुबह 11:55 के बाद
24 अगस्तसूर्योदय से शाम 06:05 तक, 
विशेष:- सुबह 10:01 से 02:43 तक, अभिजित्
26 अगस्तदोपहर 03:55 के बाद
28 अगस्तसूर्योदय से दोपहर 01:26 तक, भौमयुति परिहार
31 अगस्तसूर्योदय से शाम 05:38 तक
04 सितंबरपूरा दिन
08 सितंबरसुबह 09:02 से दोपहर 01:44 तक, अभिजित्
14 सितंबरसूर्योदय से सुबह 09:35 तक
03 अक्टूबर दोपहर 01:32 के बाद
07 अक्टूबरसुबह 09:48 के बाद
11 अक्टूबरसूर्योदय से दोपहर 01:39 तक, अभिजित्
12 अक्टूबरसुबह 10:59 के बाद
18 अक्टूबरसूर्योदय से दोपहर 01:26 तक, मृत्युबाण परिहार 
21 अक्टूबरसुबह 06:50 से सुबह 11:11 तक 
24 अक्टूबरपूरा दिन
28 अक्टूबरदोपहर 01:23 के बाद
03 नवंबरपूरा दिन
04 नवंबरसूर्योदय से सुबह 08:03 तक
07 नवंबरसुबह 11:51 के बाद
08 नवंबरसूर्योदय से सुबह 08:27 तक, 
सुबह 10:51 से दोपहर 12:03 तक 
13 नवंबरपूरा दिन
14 नवंबरसूर्योदय से सुबह 09:43 तक, मृत्युबाण परिहार
17 नवंबरपूरा दिन (मृत्युबाण परिहार)
18 नवंबरसुबह 09:05 से 12:50 तक, अभिजित्,  भद्रा परिहार 
21 नवंबरसूर्योदय से दोपहर 03:35 तक, भौमयुति परिहार
25 नवंबरसुबह 08:37 से दोपहर 12:23 तक, अभिजित्, केतुयुति परिहार
27 नवंबरपूरा दिन
28 नवंबरसूर्योदय से सुबह 07:35 तक
05 दिसंबरदोपहर 12:49 के बाद
06 दिसंबरसूर्योदय से सुबह 10:43 तक
11 दिसंबरसुबह 07:35 से सुबह 11:20 तक
सुबह 11:47 से दोपहर 02:26 तक
12 दिसंबरसूर्योदय से सुबह 09:52 तक

दुकान अथवा व्यापार आरंभ करने का मुहूर्त सन् -2025

प्रारंभ काल – तारीखमुहूर्त का समय – घं.मि.
15 जनवरीसूर्योदय से सुबह 10:28 तक
19 जनवरीसूर्योदय से शाम 05:30 तक, केतुयुति परिहार
विशेष:- सुबह 11:33 से दोपहर 01:06 तक, अभिजित्
24 जनवरीसुबह 11:14 से दोपहर 02:41 तक, अभिजित्, मृत्युबाण परिहार
07 फरवरीसूर्योदय से शाम 04:16 तक
विशेष:- सुबह 10:29 से दोपहर 01:46 तक, अभिजित्
15 फरवरीसुबह 09:47 से दोपहर 01:14 तक, अभिजित्, केतुयुति परिहार
20 फरवरीदोपहर 01:30 के बाद
21 फरवरीसुबह 09:23 से दोपहर 12:51 तक, अभिजित्
06 मार्चसुबह 08:32 से दोपहर 12:00 तक, अभिजित् 
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Shubh Muhurat to start New Business
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हमारे द्वारा यहां कुछ विशेष मुहूर्त दिए गए हैं यदि आप स्वयं के लिए किसी विशेष दिन का मुहूर्त चाहते हैं तो संपर्क करें

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