श्री शनिदेव | शनिवार व्रत उद्यापन पूजन विधि
शनिदेव उद्यापन विधिपूर्वक 11, 21, 31, 51 अथवा जितने भी व्रत करने का आपने संकल्प किया था। वह संकल्प पूरा होने के बाद उससे अगले शनिवार को प्रातः स्नान के जल में गंगा जल व काले तिल डालकर
” ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनैश्चराय नमः ।। “
इस बीज मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें।
इसके बाद शनि देव के बीज मंत्र का कम से कम 108 बार अथवा अपनी श्रद्धा अनुसार अधिक मंत्रों के द्वारा व महाराज दशरथ कृत शनि स्तोत्र के द्वारा भी शमी की लकड़ी व संकट नाशक सामग्री के साथ यज्ञ करें।
हवन पूर्ण होने के बाद छायापात्र का दान तथा शनि देव से संबंधित सामग्रियों का दान डाकौत को संकल्प करके करें। संकल्प करने की विधि दान वाले स्थान पर दी गयी है।
।। श्री शनि स्तोत्रम ।।
शनि स्तोत्र का प्रतिदिन कम से कम 1 बार पाठ अवश्य करें।
नम: कृष्णाय नीलाय, शिति कण्ठ निभाय च ।
नम: कालाग्नि रूपाय, कृत – अन्ताय च वै नम: ।।1।।
नमो निर्मांस देहाय, दीर्घ श्मश्रु जटाय च ।
नमो विशाल नेत्राय, शुष्क उदर भयाकृते ।। 2।।
नम: पुष्कल गाेत्राय, स्थूल रोम्णे अथ वै नम: ।
नमो दीर्घाय शुष्काय, कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ।। 3।।
नमस्ते कोटराक्षाय, दुर्निरीक्ष्याय वै नम: ।
नमो घोराय रौद्राय, भीषणाय कपालिने ।। 4।।
नमस्ते सर्वभक्षाय, वलीमुख नमोऽस्तु ते ।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु, भास्करे अभयदाय च ।। 5।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु, संवर्तक नमोऽस्तु ते ।
नमो मन्द गते तुभ्यं, निः त्रिंशाय नमोऽस्तुते ।। 6।।
तपसा दग्ध-देहाय, नित्यं योग रताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय, अतृप्ताय च वै नम: ।। 7।।
ज्ञान चक्षुः नमस्तेऽस्तु, कश्यप आत्मज-सूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं, रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ।।8।।
देवासुर मनुष्याः च सिद्ध-विद्याधरो रगा: ।
त्वया विलोकिता:, सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ।। 9 ।।
प्रसादम् कुरु मे देव ! वराहो अहम् उपागतः ।
एवं स्तुतः तदा सौरिः ग्रहराजो महाबल: ।। 10 ।।
छायापात्र दान
महीने में एक शनिवार के दिन लोहे के कटोरे में सरसों का तेल भरकर उसमें 7 दाने काली साबुत उड़द, 7 दाने काली मिर्च, 1 रुपए का सिक्का डालकर उसमें अपना चेहरा देखते हुए प्रार्थना करें कि मेरे ऊपर शनि ग्रह का जो भी अशुभ प्रभाव है। वह इस तेल में आ जाए। फिर उस कटोरे को सिर से 7 बार उतारकर डाकौत को दे देवें अथवा शनि मंदिर में दान करें।
शनि ग्रह की शांति के लिए दान –
शनिवार को अथवा जिस शनिवार को शनि ग्रह का नक्षत्र पड़े उस दिन लोहा, काली साबुत उड़द, सरसों का तेल, काला कपड़ा, काले फूल, जूते, चाकू आदि सामान अपने सिर के ऊपर से 7 बार सीधे तथा 7 बार उल्टी तरफ उतारकर मंदिर में या धर्म स्थान में दान करें। दान करते समय कृपया संकल्प अवश्य करवा लीजिएगा तथा जो दान लेने वाला है। वह समस्त वस्तुओं के ऊपर अपना हाथ रखकर यह यह बोले कि मैं यह दान स्वीकार करता हूं।
सामर्थ्य अनुसार हलवे व काले चने अथवा भण्डारे का वितरण करें |
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