ज्योतिष वह विज्ञान है जो मनुष्य क़े अंधविश्वास रूपी अन्धकार का हरण करके ज्ञान का प्रकाश करता है| ज्योतिष भाग्य पर नहीं कर्म और केवल कर्म पर ही आधारित शास्त्र है|
कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।
वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए पशुपालन के लिए पशु गाय, भैंस , ऊँट, बकरी पशु खरीदने के शुभ मुहूर्त नीचे दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।
विशेष – जिस व्यक्ति का शनि कुंडली में शुभ अवस्था का बैठा हुआ हो, केवल उसी को शनिवार के दिन वाहन अथवा पशु खरीदना चाहिए। ध्यान रखें कि यहां पर चार टायर वाली गाड़ी के बारे में मुहूर्त दिया गया है। दो पहिया वाहन का मुहूर्त नहीं है।
Pashu OR Vahan (Car, Jeep ) Kharidne ka Shubh Muhurat
ग्रार्हय तिथि :- 1 (कृष्ण), 2, 3, 5, 6, 7, 8, 10, 11, 12 (कृष्ण, शुक्ल), 13 (शुक्ल), 14
ग्राह्य वार:- रविवार, चंदवार, बुधवार, गुरुवार, शनिवार ।
ग्राह्य नक्षत्र :- अश्विनी, पुनर्वसु, हस्त, विशाखा, ज्येष्ठा, धनिष्ठा, शतभिषा और रेवती ।
- गाय लेनी अथवा बेचनी हो तो अश्विनी, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, विशाखा, ज्येष्ठ, धनिष्ठा, शतभिषा, रेवती नक्षत्र में शुभ है।
- अन्य पशु पुनर्वसु, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, हस्त, अनुराधा, ज्येष्ठ, मूल, धनिष्ठा, रेवती में लेना-बेचना शुभ है।
- गाय लेनी हो तो उत्तराफाल्गुनी से दिन नक्षत्र तक गिने। 3 तक लाभदायक, 5 तक हानि, 11 तक अर्थ लाभ, 16 तक सुख, 22 तक महा लाभ, 23 तक वृद्धि, 27 तक भय होता है।
- वृषभ (बैल) लेना हो तो 6 नक्षत्र लाभदायक, फिर दो-दो के क्रम से गाय के समान फल जानें।
- महिषी (भैंस) लेनी हो तो भी गौ नक्षत्रगणना क्रम से शुभाशुभफल हेतु सूर्य नक्षत्र तक गिनें
नौमी चौदस चौथ चौपाया। मंगल हान करें घर आया॥
वाहनादि क्रय मुहूर्त्त :- 2025
प्रारंभ काल – तारीख | मुहूर्त का समय – घं.मि. |
7 मई | सुबह 11:41 तक (सुबह 11:41 से पादेन बुधवेध) |
8 मई | सुबह 05:57 से सुबह 10:06 तक, अभिजित् (भद्रा-परिहार) |
18 मई | सुबह 07:13 से सुबह 09:27 तक, अभिजित् |
19 मई | सुबह 10:19 तक |
28 मई | सुबह 06:33 से सुबह 08:47 तक, दोपहर 01:30 से दोपहर 03:47 तक |
31 मई | सुबह 06:22 से सुबह 08:36 तक, अभिजित् |
7 जून | सुबह 09:40 से सुबह 11:17 तक |
12 जुलाई | सुबह 05:51 से सुबह 08:13 तक, दोपहर 03:12 से शाम 05:32 तक, अभिजित् |
13 जुलाई | सुबह 05:47 से सुबह 08:09 तक, अभिजित्, दोपहर 03:08 से शाम 05:28 तक |
21 जुलाई | दोपहर 02:37 से शाम 07:01 तक, अभिजित् |
25 जुलाई | दोपहर 02:21 से शाम 06:46 तक, अभिजित् |
1 अगस्त | सुबह 11:32 से दोपहर 12:38 तक |
3 अगस्त | सुबह 09:43 बाद |
7 अगस्त | सुबह 11:08 से दोपहर 01:30 तक, अभिजित् |
8 अगस्त | दोपहर 02:13 बाद |
9 अगस्त | सुबह 11:00 से दोपहर 01:22 तक, अभिजित् |
11 अगस्त | सुबह 10:53 से दोपहर 01:01 तक |
18 अगस्त | सुबह 10:25 से दोपहर 12:47 तक, अभिजित् |
20 अगस्त | सुबह 07:59 से दोपहर 01:59 तक |
25 अगस्त | सुबह 09:57 से शाम 04:44 तक |
28 अगस्त | सुबह 08:44 बाद, सुबह 09:46 से दोपहर 12:07 तक |
29 अगस्त | सुबह 11:39 तक |
3 सितंबर | सुबह 09:22 से सुबह 11:44 तक |
4 सितंबर | सुबह 09:18 से दोपहर 02:00 तक, अभिजित् |
5 सितंबर | सुबह 09:14 से दोपहर 01:56 तक, अभिजित् |
22 सितंबर | सुबह 11:24 तक |
27 सितंबर | सुबह 10:09 से दोपहर 12:29 तक, अभिजित् |
29 सितंबर | दोपहर 12:22 से दोपहर 02:26 तक, अभिजित् |
2 अक्टूबर | सुबह 09:50 से दोपहर 02:14 तक, अभिजित् |
3 अक्टूबर | सुबह 09:46 से दोपहर 03:51 तक, भद्रा-परिहार |
11 अक्टूबर | दोपहर 02:07 बाद |
12 अक्टूबर | सुबह 10:55 तक (सुबह 10:55 से परिघ) |
13 अक्टूबर | दोपहर 12:27 बाद |
15 अक्टूबर | सुबह 10:34 से दोपहर 12:00 तक |
18 अक्टूबर | सुबह 08:47 से दोपहर 11:07 तक, अभिजित् (चं. पूज्य) |
22 अक्टूबर | सुबह 08:31 से सुबह 10:51 तक, दोपहर 12:46 से दोपहर 02:37 तक |
24 अक्टूबर | सुबह 08:23 से सुबह 10:43 तक, दोपहर 12:48 से दोपहर 02:29 तक, अभिजित् |
27 अक्टूबर | सुबह 08:11 से सुबह 10:31 तक, दोपहर 12:36 से दोपहर 02:17 तक, अभिजित् |
29 अक्टूबर | दोपहर 12:28 से दोपहर 02:09 तक, (सुबह 07:51 से सुबह 09:51 तक शूलदोष) |
3 नवंबर | दोपहर 12:09 से दोपहर 01:49 तक, अभिजित् (भीष्मपंचक वि.) |
7 नवंबर | सुबह 11:53 से दोपहर 01:34 तक, अभिजित् |
10 नवंबर | सुबह 11:41 से दोपहर 01:22 तक, अभिजित् |
23 नवंबर | दोपहर 12:09 तक, पुनः दोपहर 02:09 से |
27 नवंबर | सुबह 10:34 से दोपहर 12:15 तक, दोपहर 12:09 तक |
30 नवंबर | सुबह 10:22 से दोपहर 12:03 तक, अभिजित् |
5 दिसंबर | मृत्युबाण परिहार |
7 दिसंबर | सुबह 07:50 से सुबह 11:36 तक, अभिजित् |
सन् 2026 | |
प्रारंभ काल – तारीख | मुहूर्त का समय – घं.मि. |
13 फरवरी | सुबह 09:36 तक (सुबह 09:36 से पादेन गुरुवेध) |
18 फरवरी | सुबह 11:37 से शाम 05:19 तक |
21 फरवरी | दोपहर 01:01 बाद |
9 मार्च | शाम 04:12 बाद |



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