ज्योतिष वह विज्ञान है जो मनुष्य क़े अंधविश्वास रूपी अन्धकार का हरण करके ज्ञान का प्रकाश करता है| ज्योतिष भाग्य पर नहीं कर्म और केवल कर्म पर ही आधारित शास्त्र है|
शुभ मुहूर्त-तिथि-वार देखकर कृषि संबंधी कार्यो की शुरूआत की जाए, तो अपेक्षित परिणाम मिलते हैं।
नक्षत्रों का कभी क्षरण नहीं होता तथा वे सदैव अपने स्थान पर ही रहते हैं। जिस नक्षत्र में बच्चे का जन्म होता है, उसी के अनुसार उसकी जन्म राशि का निर्धारण होता है। शुभ नक्षत्रों का ध्यान रखते हुए यदि कोई कार्य किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है। यहां हम औषधि सेवन व निर्माण कार्यों की विवेचना कर रहे हैं जिन्हें शुभ नक्षत्र में करने से लाभ मिल सकता है। जानें ऐसे ही कुछ शुभ नक्षत्र जो बेहद शुभ और लाभकारी हैं।
ग्राह्य तिथियाँ:- 1(कृष्ण), 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, 13 (शुक्ल)
ग्राह्य वार:- रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार ।
ग्राह्य नक्षत्र:- यहाँ जन्म नक्षत्र त्याज्य रहेगा
लघु संज्ञक (अश्विनी, पुष्य, हस्त,अभिजीत) ,
मृदु संज्ञक (मृगशिरा, चित्रा, रेवती),
चर संज्ञक (पुनर्वसु, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा) तथा मूल नक्षत्र(ज्येष्ठा,मूल) ।
लग्न शुद्धि:- द्विस्वभाव (3, 6, 9, 12) तथा लग्न ,सप्तम,अष्टम तथा द्वादश भाव शुध्द हो अर्थात इन बातों पर क्रोध की स्थिति व दृष्टि वर्ज्य है ।
Shubh Muhurat To Start Medicines
हमारे द्वारा यहां कुछ विशेष मुहूर्त दिए गए हैं यदि आप स्वयं के लिए किसी विशेष दिन का मुहूर्त चाहते हैं तो संपर्क करें
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