सनातन धर्म के सोलह संस्कारों में से आठवां संस्कार (चूड़ाकर्म/ मुंडन संस्कार)
सनातन संस्कृति में मनुष्य जीवन के कुल सोलह संस्कार होते हैं, जिनमें से मुंडन संस्कार अथवा चूड़ाकर्म संस्कार आठवां संस्कार होता है। इस संस्कार में शिशु को जन्म के दोषों से संपूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाती है तथा अब वह पूरी तरह से पवित्र हो जाता है। मुंडन (चूड़ाकर्म) संस्कार में शिशु को जन्म के समय मिले केश/ सिर के बाल काट दिए जाते है जिससे उसकी बौद्धिक क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मुंडन संस्कार क्या होता है? (Mundan Sanskar Kya Hai)
मुंडन का अर्थ होता है सिर के बालों को पूरी तरह से काटना। यह वे बाल होते हैं जो शिशु अपनी माँ के गर्भ से लेकर आता है। मुंडन संस्कार करके माँ के गर्भ से मिले बालों को उतार दिया जाता हैं जिससे वह सभी प्रकार के मलिन दोषों से पूर्णतया मुक्त हो जाता है।
शिखा की व्यवस्था
शिखा छिन्दन्ति ये मोहात् द्वेषादज्ञानतोऽपि वा।
तप्तकृच्च्रेण शुध्यन्ति त्रायो वर्णा द्विजातयः- लघुहारित
चूड़ाकरण का शास्त्रीय आधार था दीर्घायुष्य की प्राप्ति।
सुश्रुत ने (जो विश्व के प्रथम शीर्षशल्य चिकित्सक थे) इस सम्बन्ध में बताया है कि-
मस्तक के भीतर ऊपर की ओर शिरा तथा संधि का सन्निपात है वहीं रोमवर्त में अधिपति है। यहां पर तीव्र प्रहार होने पर तत्काल मृत्यु संभावित है। शिखा रखने से इस कोमलांग की रक्षा होती है। इससे मस्तिष्ट का ज्ञान वहां पर केन्द्रित होता है तथा उसे ठंडा रखने में भी सहायता मिलती है।
बच्चों के केश कटवाने के पश्चात सिर पर दही, शहद, मक्खन इत्यादि का लेप किया जाता है जिससे उसे ठंडक प्राप्त हो। इसके पश्चात उसे स्नान करवाया जाता है। उसके बालों को धार्मिक स्थल, नदी इत्यादि में छोड़ दिया जाता है।
मुण्डन मुहूर्त
गर्भाधान काल से या जन्म काल से विषम अर्थात 1, 3,5,7 वर्ष में चैत्र को छोड़कर; उत्तरायण सूर्य में चंद्र, बुध, गुरु और शुक्रवार, लग्न तथा नवांशक में; जन्म राशि या जन्मलग्न से अष्टम लग्न को छोड़कर 2, 3, 5, 7, 10, 11, 13 तिथियों में संक्रांति दिन को छोड़कर; जब लग्न से आठवां स्थान शुद्ध (ग्रह रहित) हो, 3, 6, 11 स्थानों में पाप ग्रह हों; ज्येष्ठ, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, हस्त, अश्विनी, पुष्य और अभिजित नक्षत्रों में मुण्डन शुभ है।
निषिद्ध काल-गर्भिण्यां मातरि शिशोः क्षौर कर्म न कारयेत्-
लड़के की माता को पांच मास का गर्भ हो तो मुण्डन निषिद्ध है, परंतु 5 वर्ष से अधिक अवस्था के बालक के लिए निषेध नहीं है। जेठे लड़के का मुण्डन ज्येष्ट मास में नहीं करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त भी मुहूर्त निर्णय के समय-निषिद्ध काल को त्यागना चाहिए।
मुण्डन कर्म में विशेष- स्वकुल-शिष्टाचारानुसार उपरोक्त नक्षत्र, तिथ्यादि, शुभ समय में अपने-अपने इष्ट देव के स्थानों में मुंडन संस्कार करना चाहिए। किसी देवस्थल / तीर्थ पर बिना मुहूर्त के भी मुंडन करवाना शुभ माना गया है। नवरात्रों के दिनों में भी शक्तिपीठों (देवी-मंदिरों) के समीप मुंडन करवाने की पंजाब, हिमाचल आदि प्रदेशों में पुरानी परंपरा है।
Mundan Shubh Muhurat
मुण्डन-मुहूर्त्त (सन् 2024)
प्रारंभ काल-तारीख | मुहूर्त का समय-घं.मि. |
---|---|
15 अप्रैल | सूर्योदय से दोपहर 12:12 तक, अभिजित्, |
16 अप्रैल | सुबह 07:24 से सुबह 11:33 तक, अभिजित्, क्षत्रियाणां केवल |
03 अक्टूबर | दोपहर 03:32 के बाद |
08 अक्टूबर | सुबह 11:46 से दोपहर 01:51 तक, अभिजित्, क्षत्रियाणां केवल |
12 अक्टूबर | सुबह 10:59 के बाद, विशेष:- सुबह 11:30 से दोपहर 01:35 तक, अभिजित्, वैश्यानां केवल |
सन् 2025 | |
प्रारंभ काल-तारीख | मुहूर्त का समय-घं.मि. |
15 जनवरी | सूर्योदय से सुबह 10:28 तक |
22 जनवरी | सुबह 11:21 से दोपहर 02:49 तक, शूल-दोष परिहार |
25 जनवरी | सुबह 11:10 से दोपहर 12:42 तक, अभिजित्, वैश्यानां केवल |
26 जनवरी | सूर्योदय से सुबह 08:26 तक, ब्राह्मणों के लिए |
31 जनवरी | दोपहर 03:32 तक, अभिजित् |
04 फरवरी | सुबह 10:30 से दोपहर 01:58 तक, अभिजित्, क्षत्रियाणां केवल |
10 फरवरी | पूरा दिन (भौमयुति परिहार) |
18 फरवरी | सुबह 07:36 के बाद, विशेष:- सुबह 09:35 से दोपहर 01:03 तक, अभिजित्, क्षत्रियाणां केवल |
19 फरवरी | सूर्योदय से सुबह 10:28 तक, भद्रा पातालगते |
Mudan Cermony Shubh Muhurat
हमारे द्वारा यहां कुछ विशेष मुहूर्त दिए गए हैं यदि आप स्वयं के लिए किसी विशेष दिन का मुहूर्त चाहते हैं तो संपर्क करें
Other Keywords:-
मुंडन मुहूर्त 2024 | मुंडन समारोह शुभ मुहूर्त 2025 | मुंडन शुभ मुहूर्त वर्ष 2024 | चूड़ाकर्म संस्कार शुभ मुहूर्त | Mundan Sanskar 2024 | Mundan Sanskar Puja Muhurat 2024-25 | First Hair Cut | Head Tonsure Ceremony | Chudakarana Ceremony | ceremony of baby tonsure | Tonsure Ceremony 2024-25 | Best Mundan Ceremony Date and Time | Shubh Muhurat For Mundan Sanskar | auspicious day for Chudakarana Sanskar | Mundan Sanskar in january | Mundan Sanskar in February | Mundan Sanskar in March | Mundan Sanskar in April | Mundan Sanskar in May | Mundan Sanskar in June | Mundan Sanskar in July | Mundan Sanskar in August | Mundan Sanskar in September | Mundan Sanskar in October | Mundan Sanskar in November | Mundan Sanskar in December