सर्वस्य बुद्धिरूपेण, जनस्य ह्रदि संस्थिते ।
स्वर्गापवर्गदे देवी, नारायणि नमोस्तुते ।। (दुर्गा सप्तशती)
इस जगत में मरना तो सभी का निश्चित है, परंतु मृत्यु के बाद जीवात्मा दुर्गति को प्राप्त ना हो, उसका पतन ना हो, इसके लिए यह मंत्र बड़ा चमत्कारी है। जो व्यक्ति इस संसार के सुख-दुख, लाभ-हानि, जय-विजय आदि से द्वंदों से मुक्ति पाना चाहते हैं। परमात्मा की शरण में जाना चाहते हैं।
जिनके मन में मोक्ष प्राप्ति की तीव्र इच्छा है। उनके लिए श्री दुर्गा जी का यह मंत्र बहुत कल्याणकारी है। ऐसे भगवत प्रेमी मनुष्य को इस मंत्र का सदा जाप करना चाहिए।
•••••••••••••••••
मुक्ति प्राप्ति के बारे में यह Mantra यदि आपको पसंद आया हो, तो इसे like और दूसरों को share करें, ताकि यह जानकारी और लोगों तक भी पहुंच सके। आप Comment box में Comment जरुर करें। इस subject से जुड़े प्रश्न आप नीचे Comment section में पूछ सकते हैं।
Mukti Mantra, Mantra for mukti, Durga mantra , Durga devi mantra, maa durga mantra , Durga saptshati, Durga saptshati mantra, moksha prapti ke liye mantra