विपत्ति विनाश के लिए मंत्र | Mantra to Destroy Disaster

mantra durga saptshati

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शरणागत दीनार्त, परित्राण परायणे ।

सर्वस्यार्तिहरे देवी, नारायणि नमोस्तुते ।। (दुर्गा सप्तशती)

जब चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था। दानवों और राक्षसों ने तपस्या के बल पर स्वर्ग लोक, पृथ्वी लोक पर अपना शासन स्थापित कर लिया था। अच्छे और सज्जन लोगों पर को दुख दिया जाता था और प्रताड़ित किया जाता था।

जब किसी को कुछ नहीं सोच रहा था। यहां तक की सभी देवी देवता भी राक्षसों के भय से आतंकित थे, तो सबने मिलकर शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा का आवाहन किया और उनसे अपने प्राण बचाने का निवेदन किया।

तब मां दुर्गा ने ही इस समस्त ब्रह्मांड को संपूर्ण भयों से मुक्त किया था। आज भी जो भक्तगण श्रद्धा और विश्वास के साथ मां शक्ति की पूजा – उपासना करते हैं। उन सब का अनुभव है कि माता अपने भक्तों की संपूर्ण विपत्तियों का अंत कर देती हैं।

इसलिए जीवन में आ रहे संकटों के नाश व मां भगवती की कृपा प्राप्ति के लिए इस मंत्र का श्रद्धा अनुसार जाप करना चाहिए।

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