आज के समय में बहुत सारे लोग अनेक प्रकार की धारणाओं से त्रस्त हैं। इन्हीं में से एक भ्रम है, 28 साल की आयु के बाद मांगलिक दोष का समाप्त होना ?
जैसे कि बहुत सारे लोग कहते हैं कि मेरा मांगलिक दोष तो 28 साल होते ही खत्म हो गया है। परंतु इसके बारे में हमारे शास्त्र क्या कहते हैं ? हमारे लिए यह देखना बहुत जरूरी है।
आप सभी को मैं यहां बताना चाहूंगा कि एक होता है।
मांगलिक दोष और दूसरा होता है गंडमूल दोष।
मांगलिक दोष कुंडली में 1,4,7,8 और 12 वें घर में मंगल के बैठने पर होता है और गंडमूल दोष 28 में से 6 दूषित नक्षत्रों जैसे अश्विनी, जयेष्ठा, आश्लेषा, मघा, मूल तथा रेवती नक्षत्र में जन्म होने पर होता है।
मांगलिक दोष बिना उपाय के अथवा बिना मांगलिक जीवन साथी के साथ विवाह किए दूर नहीं होता| परंतु गंडमूल दोष 28 साल बाद अपने आप समाप्त हो जाता है। ऐसा हमारे जातक शास्त्रों में लिखा है।
बावजूद इसके कुछ तथाकथित लोगों ने मांगलिक और गंडमूल दोष को आपस में मिला दिया है। इसी भ्रांति के कारण बहुत सारे लोगों को भूल हो जाती है कि 28 साल पूरे होने पर उनका भी मांगलिक दोष समाप्त हो गया है। जो जीवन में एक बड़ी भूल के रूप में सामने आता है और इंसान को इस गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।
उनके गलत निर्णय के कारण गलत मिलान हो जाता है और आने वाला वैवाहिक जीवन अनेक प्रकार की परेशानियों को साथ लेकर आता है। ‘ तो सज्जनों इस प्रकार आपके मन से भी यह भ्रम निकल गया होगा कि 28 साल की आयु पूरी होने पर मांगलिक दोष अपने आप खत्म हो जाता है।’
यदि आप भी ऐसी ही किसी भ्रांति के शिकार हैं तो चिंता न करें आप हमारे संस्थान से मांगलिक दोष की रिपोर्ट मंगवा सकते हैं।
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