कर्म महान होता है । परंतु वह सही समय पर किए गए कर्म से ही महान बनता है । इसलिए यदि कोई व्यक्ति अशुभ समय में शुभ कार्य करता है तो उसको उसका उल्टा ही रिजल्ट मिलता है ।अर्थात उसका शुभ कर्म फलीभूत नहीं होता । परंतु अगर कोई व्यक्ति और अशुभ कर्म भी शुभ समय में कर लेता है तो उसको बुराई के बदले भलाई मिलती है ।
वैसे ही अशुभ समय में शुभ कार्य किया गया भी भलाई के बदले बुरा ही जाता है । इसलिए जो भी काम किया जाना है, अगर वह सही समय पर किया जाए तो उसका परिणाम बिल्कुल पॉजिटिव होता है । हमारे द्वारा ध्यान में रखते हुए नीचे कुछ मुहूर्त दिए जा रहे हैं जो उस कार्य से संबंधित विशेष मुहूर्त हैं । इन मुहूर्तों में किए गए कार्य अवश्य ही सुख प्रदायक होंगे और इसका रिजल्ट भी बहुत अच्छा मिलेगा ।
विवाह , यज्ञ , सम्वत् या वर्षारम्भ में, विशेष उत्सव, त्यौहार, प्रेम के उपहार -स्वरूप, जन्म-नक्षत्र के दिन, ईश्वर भक्ति में अथवा ब्राह्मण की आज्ञा मिलने पर बिना पंचांग-शुद्धि के भी नवीन वस्त्र धारण किए जा सकते है । यद्यपि व्यक्ति अपना चंद्र बल देखकर और शुभ लग्न में नूतन वस्त्रों को धारण करे।
शुभ तिथियाँ:- 1(कृष्ण), 2, 3, 5, 7, 10, 11, 13 (शुक्ल) व.पूर्णिमा ।
शुभ वार :-रविवार , बुधवार, वीरवार, शुक्रवार।
शुभ नक्षत्र :-अश्विनी, रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य,उफा0, उषा0, उ भा0, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा धनिष्ठा व रेवती।
Shubh Muhurat To Wear New Dress
हमारे द्वारा यहां कुछ विशेष मुहूर्त दिए गए हैं यदि आप स्वयं के लिए किसी विशेष दिन का मुहूर्त चाहते हैं तो संपर्क करें
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