बच्चों का श्राद्ध कैसे करें | How to do Child Shradhh | Sapindi | Tripindi | Narayan Nagbali

बालकों के श्राद्ध की व्यवस्था



(1) 2 वर्ष के पूर्व के बालक का कोई श्राद्ध तथा जलांजलि आदि क्रिया करने की आवश्यकता नहीं है।


(2) 2 वर्ष पूर्ण होने जाने पर 6 वर्ष के पूर्व तक केवल श्राद्ध का पूर्व क्रिया अर्थात् मलिनषोडशी तक की क्रिया करनी चाहिए। इसके बाद ही अर्थात् एकादशाह तथा द्वादशाह की क्रिया करने की आवश्यकता नहीं हैं।


(3) 6 वर्ष के बाद श्राद्ध की संपूर्ण क्रिया मलिनषोडशी, एकादशाह तथा सपिण्डन आदि क्रियाएं करनी चाहिए।


(4) कन्या का 2 वर्ष से लेकर विवाह के पूर्व पूर्व क्रिया अर्थात मलिनषोडशी तक की क्रिया करनी चाहिए तथा विवाह के अनन्तर अर्थात् 10 वर्ष के बाद संपूर्ण क्रिया अर्थात् मलिनषोडशी, एकादशाह  तथा सपिण्डन और क्रियाएँ करनी चाहिए।

 

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