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4 Mukhi / Char Mukhi / Four Face Rudraksha [Ruthratcham]

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Lord Brahma is the deity of four face (mukhi) Rudraksha. It improves Memory, Communication skills, Eloquence and intelligence; it helps in getting rid of the Planet Budha (Mercury) dosha.

चारमुखी या चतुर्मुखी रुद्राक्ष के अधिपती ब्रह्मा है ।  इससे स्मरणशक्ती, वक्तृत्व शक्ति,  व्यवहारिक चुस्ती, वाक्चातुर्य तथा बुध्दीमत्ता का विकास होता है । यह बुध ग्रह की प्रतिकुलता से उत्पन्न सभी दोषो का निवारण करता है ।

Diameter :- 1.8  CM

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Rudraksha : Rudra + Aksha

Rudra” means “Shivaji” AND “Aksh” means “Eye

That is :  “Eye of Lord Shiva” or “Eye of Rudra

It is mentioned in Shiva Purana that once Lord Shankar opened his eyes after a great austerity and few  tear drops fell from his eyes. Now teardrops fell on the earth and a tree was born, called “Rudraksha”. This was the origin of Rudraksha. The fruits of Rudraksh (Rudra + Aksha) means Shivji’s eye. And so Rudraksh be the most loved by Shivji.

Viewing & touching of rudraksha and chanting om Rudraksha’s beads mala will destroy many sins and misdeeds. Although Rudraksha is used in many religious activities, yet it also has plenty of medicinal properties.

There are so many types of Rudraksh. Rudraksh has vertical stripes i.e. lines, on the basis of these lines, it is known how much Mukhi Rudraksha is.

रुद्राक्ष का अर्थ है – रूद्र + अक्ष

रूद्र” यानि “शिवजी” – “अक्ष” यानि “आँख

अर्थात – “शिवजी का अक्ष” और “ रूद्र का अक्ष” ।

शिव पुराण में वर्णित है कि भगवान शंकर ने कड़ी तपस्या के उपरांत जब अपने नेत्र खोले तो उनके नेत्रों से कुछ अश्रु की बूंदे गिरीं। अश्रु की बूंदे धरती पर गिरते ही रुद्राक्ष नामक एक वृक्ष उत्पन्न हो गया। बस, तभी से रुद्राक्ष की उत्पत्ति मानी गई। रुद्राक्ष के फल (रुद्र+अक्ष) शिवजी की आंख का प्रतिरूप हैं इसीलिए रुद्राक्ष शिवजी को सर्वाधिक प्रिय है।

रुद्राक्ष के दर्शन, स्पर्श और उन पर किए जाने वाले जाप और रुद्राक्ष धारण करने से अनेक पापों और दुष्कर्मों का नाश होता है। रुद्राक्ष का उपयोग धार्मिक कार्यों में तो होता ही है, साथ साथ इसमें बहुत से औषधीय गुण भी पाये जाते हैं ।

रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं। रुद्राक्ष पर खड़ी धारियां यानी लाइन्स होती है, इन्हीं लाइन्स के आधार पर यह मालूम होता है कि कोई रुद्राक्ष कितने मुख का है।

4 Mukhi (Char Mukhi / Four face) Rudraksha benefits :

Lord Brahma is the deity of four face (mukhi) Rudraksha. It improves Memory, Communication skills, Eloquence and intelligence; it helps in getting rid of the Planet Budha (Mercury) dosha.

According to Shiv Puran, before wearing this Rudraksh, chanting 108 mantra times with immense reverence and faith, surely all good will be good in life.

The mantra for wearing the four-face (Four Mukhi) Rudraksh- “Om Him Namah”. “

चारमुखी या चतुर्मुखी / चौमुखी / चार मुख वाला रुद्राक्ष:

चारमुखी या चतुर्मुखी रुद्राक्ष के अधिपती ब्रह्मा है ।  इससे स्मरणशक्ती, वक्तृत्व शक्ति,  व्यवहारिक चुस्ती, वाक्चातुर्य तथा बुध्दीमत्ता का विकास होता है । यह बुध ग्रह की प्रतिकुलता से उत्पन्न सभी दोषो का निवारण करता है ।

शिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से पहले 108 मन्त्र बार जाप करके अपार श्रद्धा व विश्वास के साथ पहनने से निश्‍चित ही जीवन में सभी अच्छा ही अच्छा होगा।

चारमुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र-  “ ॐ हीं नमः:।। ”

Other Names: Rudraksham / Rudrax / Rudra Ratna / Ruthratcham / Shiv Rudraksha

 

Weight 3 g

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